दादा थे संस्कृति के परखांड विद्वान,क्षेत्र उनको शात्री जी के नाम से था जानता, तो पोती श्रद्धा मिश्रा…
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है एक गांव की बेटी ने जिसने PCS बन कर अपने घर परिवार ,समाज और अपने!-->…
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