यूपी/अमेठी-पूर्व जिलाधिकारी अमेठी योगेश कुमार के आदेश को दिखाया जा रहा ठेंगा

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यूपी/अमेठी-पूर्व जिलाधिकारी अमेठी योगेश कुमार के आदेश को दिखाया जा रहा ठेंगा

*चंदन दुबे की रिपोर्ट

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खबर अमेठी के रामगंज विद्युत उपकेंद्र से जुड़ा है।उक्त उपकेंद्र की विद्युत उपभोक्ता प्रेमा देवी पत्नी कंधई मौर्य निवासी नगर डीह थाना पीपरपुर ने जन सुनवाई के दौरान दिनांक 13 जुलाई 2017 को प्रार्थना पत्र दिया गया कि बीते 30 जुलाई 2016 को गांव के ही दुर्गा प्रसाद व राम मूर्ति पुत्रगण राम बहोर, विकास कुमार पुत्र ओंकार नाथ व सुरेन्द्र कुमार ,विष्णु चन्द्र पुत्रगण दुर्गा प्रसाद आदि ने दिनांक 30 जुलाई 2016 को उनके घर पर लगे विद्युत कनेक्शन की केबल काट ले गए व विद्युत पोल को भी उठा ले गए।

मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी योगेश कुमार ने अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खण्ड 2, सुल्तानपुर को 13 जुलाई 2017 को ही पीड़ित के प्रार्थनापत्र को संलग्न करते हुए आदेशित किया कि उक्त विषय में तत्काल जांच करते हुए विद्युत विभाग तार व खंभे की चोरी करने व सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वालों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए कठोर दंडात्मक कार्यवाही करें व विद्युत संचालन पुनः चालू करते हुए इस कार्यालय दिनांक 20 जुलाई 2017 तक अवगत कराएं। जिलाधिकारी के इस पत्र की प्रतिलिपि तत्कालीन एसपी अमेठी, थाना प्रभारी पीपरपुर व पीड़िता को भी प्रेषित की गई।

जिलाधिकारी के पत्र को 5 माह बाद अधिशासी अभियंता यादवेन्द्र कुमार यादव ने संज्ञान में लेते हुए उप खंड अधिकारी लंभुआ को निर्देशित किया गया कि अवर अभियंता को निर्देशित कर उपरोक्त लोगों के खिलाफ पीपरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराकर उनके कार्यालय को सूचित करें।तब से लेकर आज तक न तो अवर अभियंता ने सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने व पोल और केबल की चोरी करने वालों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज कराए और न ही कोई सूचना अपने उच्चस्थ अधिकारियों को ही दी।

आखिर क्या विभागीय सह पर या ऊंचे रसूख के बल पर आरोपितों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।

बात चाहे जो भी हो लेकिन एक बात जरूर सामने आ रही है कि यदि मातहत जिलाधिकारी के आदेश को भी नहीं मानता है तो वह मातहत जरूर जिलाधिकारी से ज्यादा रसूख वाला अपने को मानता है। क्या पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाएगा।