रायबरेली-फैसला आज! 2 सुपर जोन, 7 जोन और 17 सेक्टरों में बंटा जिला, चप्पे-चप्पे पर रहेगी पैनी नजर

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फैसला आज! 2 सुपर जोन, 7 जोन और 17 सेक्टरों में बंटा जिला, चप्पे-चप्पे पर रहेगी पैनी नजर

रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला

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रायबरेली। रामजन्मभूमि विवाद पर आज आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए रायबरेली में सख्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जबरदस्त नाकेबंदी की गई है। सभी स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालय सोमवार तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। रायबरेली को दो सुपर जोन, सात जोन और 17 सेक्टरों में बांटा गया है। अपर पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी जहां सुपर जॉन की व्यवस्था देखेंगे वही सभी क्षेत्राधिकारियों तथा उप जिलाधिकारियों के जिम्मे जोन की निगरानी होगी। सेक्टरों के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होंगे।
जगह-जगह अतिरिक्त पुलिस फोर्स के साथ ही पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ही वीडियो कांफ्रेंसिंग कर के कड़े सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दे दिए थे। उनके निर्देश पर आपात स्थितियों से निपटने के लिए चाक चौबंद व्यवस्था रायबरेली प्रशासन द्वारा की गई। जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने व्हाट्सएप ग्रुपों में किए जाने वाले आपत्तिजनक पोस्ट के संबंध में पोस्ट करने वाले व्यक्तियों के साथ-साथ ग्रुप एडमिन के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी, भाषण, तस्वीर, धार्मिक उन्माद, सामाजिक विद्वेष व जातिगत घृणा आदि से संबंधित वीडियो या मैसेज आदि पोस्ट न करे और न ही इसे लाइक व फारवर्ड करे। भारत के सबसे संवेदनशील, धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों में से एक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज फैसला सुनाएगी। ये फैसला मुख्य न्यायाधीश गोगोई द्वारा उत्तर प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों से राज्य में कानून-व्यवस्था की तैयारियों को पूरा करने के घंटों बाद किया गया। गोगोई के अलावा इस संविधानिक पीठ में एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नाज़ेर जैसे न्यायाधीश शामिल हैं। गौरतलब है कि अयोध्या विवाद में पहली बार हिंसा 1853 में हुई और कुछ सालों में ही मामला गहरा गया। 1885 में विवाद पहली बार जिला न्यायालय पहुंचा। निर्मोही अखाड़े के महंत रघुबर दास ने फैजाबाद कोर्ट में मस्जिद परिसर में मंदिर बनवाने की अपील की पर कोर्ट ने मांग खारिज कर दी। इसके बाद सालों तक यह मामला चलता रहा है। 1934 फिर दंगे हुए और मस्जिद की दीवार और गुंबदों को नुकसान पहुंचा।ब्रिटिश सरकार ने दीवार और गुंबदों को फिर से बनवाया। कहा जाता है कि 1949 में मस्जिद में श्रीराम की मूर्ति मिली। इस पर विरोध व्यक्त किया गया और मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया गया। फिर दोनों पक्षों ने लोग कोर्ट पहुंच गए। इस पर सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर ताला लगवाया दिया।