गंगा जमुनी तहजीब का देखे नज़ारा, हिन्दू बाहुल्य गांव में अकेले मुस्लिम परिवार ने प्रधान पद पर की जीत दर्ज।

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गंगा जमुनी तहजीब का ऐसा नज़ारा, हिन्दू बाहुल्य गांव में अकेले मुस्लिम प्रधान ने की जीत दर्ज

यूपी पंचायत चुनाव में गंगा जमुनी तहजीब का भी ऐसा नज़ारा देखने को मिला हिन्दू बाहुल्य गांव में मुस्लिम प्रधान ने जीत दर्ज की है। हिंदुओं ने अपना प्रतिनिधि एक मुसलमान व्यक्ति को चुना है। अब इस गांव की चर्चा पूरे जनपद में ही नही प्रदेश में हो रही है ।फिलहाल यह मामला कहाँ का है यह हम थोड़ी देर में बताएंगे पहले हम आप को प्रदेश ने जीते निर्दलीय प्रत्याशियों की चर्चा कर लेते हैं।

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यूपी में हुए पंचायत चुनावोंं में निर्दलीय प्रत्याशी सभी सियासी दलों पर भारी पड़े हैं। जिला पंचायत सदस्यों के 3050 पदों पर हुए चुनावों में 947 निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। पूर्वांचल में तो निर्दलीयों ने भारी संख्या में जीत दर्ज की है। मध्य यूपी, पश्चिमी यूपी और अवध क्षेत्र में भी निर्दलीयों की अच्छी तादाद जीती है। इनमें से कई ऐसे हैं, जो भाजपा के बागी के तौर पर लड़े थे। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को उम्मीद है कि ये उनके ही साथ जाएंगे।

पूर्वांचल में सबसे ज्यादा 338 निर्दलीयों ने किया जीत दर्ज

परिणामों पर नजर डालें तो साफ है कि पूर्वांचल में सबसे ज्यादा 338 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है। लखनऊ के आसपास के जिलों रायबरेली, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर व बहराइच आदि में 211 से ज्यादा निर्दलीय जीते हैं। पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, मेरठ और शामली आदि जिलों में 99 निर्दलीयों को जीत मिली। मध्य यूपी यानी कानपुर, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा आदि जिलों में 169 पद निर्दलीयों की झोली में गए।

यह तो रही प्रदेश के निर्दलीय प्रत्याशीयो की अब हम आप को लिए चलते हैं उस तरफ जहां आप प्रतीक्षा कर रहे हैं कि किस जनपद ने सारे हिन्दू बाहूल्य क्षेत्र ने सिर्फ एक ही मुस्लिम परिवार से खड़े हुए प्रधान प्रत्याशी ने जीत हासिल की।

एक घर मुस्लिम सम्प्रदाय का है बाकी सभी मतदाता हिन्दू सम्प्रदाय का

चुनाव में कुछ उम्मीदवार प्रधान के पद पर जीत हासिल करने के लिए मतदाताओं को रिझाने के लिए जात व मजहब के नाम पर वोट मांग रहे थे तो कई उम्मीदवार पैसा और दारू आदि के जरिए वोटरों को लुभाने के प्रयास के साथ ही जमीन का पट्टा दिलाने, पेंशन बनवाने, आवास मुहैया कराने जैसे वादे कर रहे थे। किन्तु अयोध्या के मवई ब्लॉक की ग्राम पंचायत रजनपुर जहां सिर्फ एक घर मुस्लिम सम्प्रदाय का है बाकी सभी मतदाता हिन्दू सम्प्रदाय से हैं।

प्रधान पद के लिए आठ प्रत्याशी थे चुनाव मैदान में,लेकिन प्रलोभन या जातिपात के हथकण्डे को नकारते हुए कर्मठता तथा ईमानदारी को वहाँ की जनता ने लिया प्रमुखता से


प्रधान पद के लिए आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। उनमें से एक मात्र मुस्लिम हाफिज अजीमुद्दीन खां चुनाव लड़ रहे थे। सभी प्रत्याशी अपनी जीत का दावा कर रहे थे किन्तु गांव की जनता किसी प्रलोभन या जातिपात के हथकण्डे को नकारते हुए प्रत्याशी का व्यवहार, कर्मठता तथा ईमानदारी को पैमाना मानते हुए अजीमुद्दीन खां को अपने ग्राम पंचायत का प्रधान चुनकर गांव में साम्प्रदायिक सौहार्द की एक अनोखी मिसाल कायम की जिसकी पूरे इलाके में ही नही प्रदेश में चर्चा हो रही है।

चुनाव, मतगणना तथा परिणाम आने के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार फिलहाल शपथ ग्रहण कार्यक्रम रही हैं टला (अन्देशा)

चुनाव, मतगणना तथा परिणाम आने के बाद अब उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों का गठन, पंचायत प्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण तथा ग्राम पंचायतों की पहली बैठक का पूरा कार्यक्रम फिलहाल लटक गया है। इसी के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के अप्रत्यक्ष चुनाव के कार्यक्रम को भी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गई प्रस्ताव की फाइल कुछ आपत्तियों के साथ वापस,बताया जाता है कि इन आपत्तियों में सबसे अहम है कोरोना संक्रमण।

पंचायतीराज विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग की ओर से इस बाबत मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गई प्रस्ताव की फाइल कुछ आपत्तियों के साथ वापस लौटा दी गई है। बताया जाता है कि इन आपत्तियों में सबसे अहम कोरोना संक्रमण है।
निर्दलीय प्रत्याशी सभी सियासी दलों पर भारी पड़े।

खबर मीडिया श्रोतों से

कोविड कमांड एन्ड कंट्रोल सेंटर रूम में बैठकर मरीजों के इलाज की रखी जायेगी निगरानी।

पंचायत चुनाव में हार का नतीजा है कि हमको व हमारे समर्थकों को किया जा रहा है परेशान-बाहुबली मोनू सिंह।