सुलतानपुर-पूर्व मंत्री रामरतन यादव के घर में घुसकर तांडव मचाने पर लगे आरोप में कोर्ट ने की निगरानी अर्जी की स्वीकार,डेरा डालो-घेरा डालो आंदोलन के मामले में कोर्ट में किया सरेंडर

आप सांसद व पूर्व सपा विधायक समेत नौ ने एमपी-एमएलए कोर्ट में किया सरेंडर,सशर्त रिहा* *विशेष अदालत से चल रहे गैर जमानतीय वारंट के क्रम में माननीय समेत नौ आरोपी हुए हाजिर* *86 अभियुक्तो के खिलाफ अब भी चल रहा गैर जमानतीय वारंट*

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*तत्कालीन एएसपी व दो सीओ समेत 12 पुलिस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ी*
*सीजेएम के आदेश को गलत ठहराते हुए एडीजे राकेश कुमार यादव की कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पड़ी निगरानी अर्जी की स्वीकार*
*पूर्व मंत्री रामरतन यादव के घर में घुसकर तांडव मचाने व केस में फंसाने के मामला*
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(1)सुल्तानपुर।पूर्व मंत्री के घर में घुसकर लाखों का सामान तोड़फोड़ डालने,मारपीट करने एवं लूटपाट करने के आरोपों से जुड़े मामले में तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक,दो क्षेत्राधिकारी,पांच थानाध्यक्ष समेत 12 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पड़ी निगरानी अर्जी को एडीजे चतुर्थ राकेश कुमार यादव की अदालत ने स्वीकार कर लिया है। अदालत के इस आदेश से आरोपी पुलिस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ना तय मानी जा रही है।
मामला जयसिंहपुर थाना क्षेत्र के बगिया गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले पूर्व मंत्री रामरतन यादव के घर में घुसकर 10 सितंबर 2017 को पुलिस अधिकारियों ने जमकर तांडव मचाया। पूर्व मंत्री के पुत्र राम विशाल यादव की पत्नी सावित्री देवी के मुताबिक उनके गांव के ही एक वृद्ध की बाइक पुलिस वालों ने चेकिंग के दौरान रोक ली थी और उनसे वसूली की मांग की जा रही थी जिसकी सूचना वृद्ध ने प्रधान प्रतिनिधि होने के नाते उनके पति राम विशाल यादव को दी, जिस पर उनके पति वहां पहुंचे तो दरोगा पवन मिश्रा व अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट एवं बदसलूकी की। उसी के बाद रात में अपने खिलाफ बगावत से नाराज पुलिस अधिकारियों ने उनके घर जमकर तांडव मचाया, इतने से भी पेट नहीं भरा तो अगले दिन पुलिस ने पूर्व मंत्री के घर छापेमारी कर उनके परिवार जनों को मारा पीटा, लाखों का सामान तोड़ फोड़ दिया, जानवरों पर भी कहर बरपाया, यहां तक की भारत की सुरक्षा में मिले मेडल समेत अन्य सामानों को भी लूट ले गए। आरोप है कि पुलिस ने उनके घर वालों को रंजिश के चलते कई फर्जी मुकदमों में भी फंसाया। इस प्रकरण की शिकायत थाने से लेकर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों तक हुई लेकिन मामला विभाग से जुड़ा होने के चलते किसी ने एक नहीं सुनी। सावित्री देवी ने पुलिस के जरिए सुनवाई ना होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोपी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत त्रिपाठी, क्षेत्राधिकारी नवीना शुक्ला, डीपी शुक्ला ,थानाध्यक्ष रामबाबू पटेल, केबी सिंह ,धनंजय सिंह, वीरेंद्र प्रताप यादव, धर्मराज उपाध्याय, एसआई पवन कुमार मिश्र, रतन कुमार शर्मा, रामस्वरूप चौहान, वीरेंद्र कुमार राय के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दी। फिलहाल तत्कालीन सीजेएम ने सरसरी तौर पर अर्जी का निस्तारण करते हुए एक सितंबर 2018 को सावित्री देवी की अर्जी खारिज कर दी। सीजेएम के इस आदेश को गलत ठहराते हुए सावित्री देवी ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें अदालत ने आरोपी पुलिस अधिकारियों को नोटिस भेजकर उनका भी पक्ष जानने के लिए बुलाया ,जिसमें से कुछ तो हाजिर हुए और कुछ नोटिस तामिला के बाद भी कोर्ट ही नहीं आए। हाजिर पुलिस अधिकारियों व उनके अधिवक्ता ने आरोपों को निराधार बताते हुए निगरानी अर्जी खारिज किये जाने की मांग की, वहीं सावित्री देवी के अधिवक्ता अयूब उल्ला खान ने प्रकरण को अत्यंत गंभीर एवं संज्ञान लेने के योग्य बताते हुए सीजेएम के आदेश को अनुचित बताकर खारिज किये जाने की मांग की।उभय पक्षो को सुनने के पश्चात एडीजे चतुर्थ राकेश कुमार यादव ने सीजेएम के आदेश को गलत मानते हुए सावित्री देवी की अर्जी स्वीकार कर ली है। अदालत के इस आदेश से आरोपी पुलिस कर्मियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।कोर्ट के इस आदेश से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।

*आप सांसद व पूर्व सपा विधायक समेत नौ ने एमपी-एमएलए कोर्ट में किया सरेंडर,सशर्त रिहा*
*विशेष अदालत से चल रहे गैर जमानतीय वारंट के क्रम में माननीय समेत नौ आरोपी हुए हाजिर*
*86 अभियुक्तो के खिलाफ अब भी चल रहा गैर जमानतीय वारंट*
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(2)सुलतानपुर। डेरा डालो-घेरा डालो आंदोलन से जुड़े मामले में गैर जमानतीय वारंट पर चल रहे आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह,पूर्व सपा विधायक अनूप संडा समेत नौ आरोपियों ने स्पेशल जज एमपी-एमएलए की कोर्ट में सरेंडर किया। स्पेशल जज प्रशांत मिश्र ने इन आरोपियों को राहत देते हुए उन्हें सशर्त रिहा करने का आदेश दिया। मामले में अब भी गैरहाजिर चल रहे 86 आरोपियो पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के तिकोनिया पार्क से जुड़ा है। जहां पर 23 अक्टूबर 2008 को बसपा शासनकाल में सपा पार्टी ने डेरा डालो-घेरा डालो आंदोलन छेड़ा था। आंदोलन के दौरान सपा एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह, सपा जिलाध्यक्ष रघुवीर यादव, पूर्व विधायक अरूण वर्मा समेत 98 पार्टी समर्थको के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने व गाली-गलौज देने समेत अन्य आरोप लगाते हुए उपनिरीक्षक कमलेशचन्द्र त्रिपाठी ने मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में जमानत कराने के बाद गैर हाजिर चल रहे आप पार्टी से वर्तमान राज्यसभा सांसद संजय सिंह,पूर्व सपा विधायक अनूप संडा,सहआरोपी ज्ञान प्रकाश यादव, चन्द्र प्रकाश अग्रवाल,सुनील यादव,मो.हसन, अब्दुल मन्नान,मो.यूनुस,अब्दुल मोहम्ममद के खिलाफ स्पेशल जज एमपी-एमएलए की अदालत से गैर जमानतीय वारंट चल रहा था। जिसे निरस्त करने की मांग को लेकर इन आरोपियों ने स्पेशल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर अर्जी प्रस्तुत की। स्पेशल जज प्रशांत मिश्र ने सभी आरोपियों की अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें व्यक्तिगत बंध पत्र एवं अंडरटेकिंग दाखिल करने पर सशर्त रिहा करने का आदेश दिया। इस दौरान आप सांसद संजय सिंह व पूर्व विधायक अनूप संडा समेत सभी आरोपी घंटो कोर्ट कस्टडी में रहें। मामले अब भी गैर हाजिर चल रहे 86 आरोपियो के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट चल रहा है।
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*

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