इलाज के नाम पर खानापूरी, बच्चों पर बुखार का कहर, एक की मौत, 25 बीमार-रायबरेली

बढ़ती रोगियों की संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने बच्चा वार्ड में बेडों की संख्या बढ़ा दी है। अभी तक बच्चा वार्ड 40 बेड का था, जिसे अब 70 बेड का कर दिया गया है। बच्चों के इलाज के लिए दो चिकित्सकों के अलावा अन्य स्टाफ की तैनाती की गई है।

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इलाज के नाम पर खानापूरी, बच्चों पर बुखार का कहर, एक की मौत, 25 बीमार

हिमांशु शुक्ला

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रायबरेली। मौसम में बदलाव के साथ ही लाडलों पर बुखार का कहर बढ़ गया है। ऐसे में लोगों को अपने बच्चों का ख्याल रखना जरूरी हो गया है। 24 घंटे के अंदर जहां बुखार से पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई, वहीं 25 बच्चे बुखार से पीड़ित हैं। एक तरफ बच्चे बुखार से बीमार हैं, वहीं इलाज के नाम पर महज खानापूरी की जा रही है।
वार्ड में बच्चों का इलाज कराने वाले तीमारदारों का आरोप है कि इलाज करने वाले चिकित्सक ठीक से बात तक नहीं करते हैं। साफ-सफाई भी ठीकठाक नहीं है। जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड कुल 70 बेड का है। बच्चा वार्ड में रोगियों की संख्या में इजाफा हो गया है। रविवार को कुल 47 बच्चे वार्ड में भर्ती पाए गए। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड के रिकॉर्ड के मुताबिक बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। उन्नाव जिले के मौरावां की रहने वाले उत्कर्ष (5) को बुखार से पीड़ित होने पर वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां शनिवार देर रात उसने दम तोड़ दिया। इसके अलावा राही ब्लॉक क्षेत्र के मधुपुरी निवासी सौरभ (5), कूमेदान का पुरवा निवासी अंशिका (5), मधुकरपुर निवासी रिंकू (2), पूरे खतराना निवासी साबिरा (डेढ़), डीह निवासी रितिक (ढाई) के अलावा शुभम (2), दिव्यांश (7), अनुज (6) समेत 25 बच्चे बुखार से पीड़ित हैं।

इन बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि –

चिकित्सक देखने आते हैं, लेकिन वह सही से बात तक नहीं करते। इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। बुखार से पीड़ित के अलावा नवजातों को भी बच्चा वार्ड में भर्ती किया जाता है। आठ दिन में चार नवजातों की मौत हो गई है। किसी की मौत वजन कम होने तो किसी की अन्य कमी से मौत हो रही है। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड के रिकॉर्ड के मुताबिक अमेठी की रहने वाली रुखसाना, भदोखर की रहने वाली सरोजनी, सलोन के पूनम के नवजात की मौत हो गई है। इसमें सरोजनी के जुड़वा दो बच्चों की मौत हुई है। जिला महिला अस्पताल में नवजात के जन्म लेने के बाद उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें बच्चा वार्ड में भर्ती कराया जाता है।बढ़ती रोगियों की संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने बच्चा वार्ड में बेडों की संख्या बढ़ा दी है। अभी तक बच्चा वार्ड 40 बेड का था, जिसे अब 70 बेड का कर दिया गया है। बच्चों के इलाज के लिए दो चिकित्सकों के अलावा अन्य स्टाफ की तैनाती की गई है।

इनसेट –

क्या बोले सीएमएस

” मौसम में बदलाव के कारण बच्चे बुखार की चपेट में आ रहे हैं। भर्ती बच्चों का बेहतर इलाज कराया जा रहा है। कभी-कभी बच्चों की संख्या अधिक होने से हो सकता है कि चिकित्सक तीमारदारों से ठीक से बात न कर पाते हों। हालांकि चिकित्सकों से कहा गया है कि वे तीमारदारों से अच्छे तरीके से बात करें। नवजातों को भर्ती करने के लिए जिला महिला अस्पताल में कंगारू मदर केयर यूनिट संचालित हैं। यूनिट फुल होने की वजह से नवजात पुरुष अस्पताल भेज दिए जाते हैं, जहां पर उनका इलाज किया जाता है। नवजातों की मौत की जानकारी नहीं है। इसे दिखवाया जाएगा। “
– डॉ.एनके श्रीवास्तव, सीएमएस, रायबरेली!