अयोध्या-देख के राजनेताओं से उठ रहा हिंदू समाज का विश्वास-चम्पतराय (RSS)अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
देख के राजनेताओं से उठ रहा हिंदू समाज का विश्वास क्योंकि कार्यकर्ता प्रशिक्षण तो ले लेते हैं लेकिन घर परिवार में जाकर उदासीन हो जाते हैं उन्हें खुलकर अपने दुश्मनों का जवाब देना चाहिए चंपत राय
रिपोर्ट-मनोज तिवारी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 94वर्ष पूर्व नागपुर मे स्थापित हुई ऐसी संस्था है जो एक मुहल्ले से प्रारंभ होकर सम्पूर्ण देश मे ही नही विश्व के अनेक देशों मे भगवा ध्वज के नीचे सामाजिक जीवन मूल्यों का संरक्षण संवर्धन कर रही है।
यह विचार विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पतराय ने कारसेवक पुरम् मे आयोजित संघ की गुरुदक्षिणा कार्यक्रम मे उपस्थित स्वयंसेवकों के बीच अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।उन्हो ने कहा 70हजार स्थानो पर प्रतिदिन संघ की शाखाएं चल रही हैं देश के 2 लाख स्थानो पर संघ को जानने समझने वाले आज संघ के विचारों और संस्कारो के प्रति निष्ठावान हैं।
उन्हो ने कहा कि आज राष्ट्र की विभिन्न परिस्थितियों का समाधान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा ही है, क्योंकि प्रजातंत्र की सफलता प्रबुद्ध नागरिकों के कंधों पर होती है और इस देश के नागरिकों को प्रबुद्ध बनाने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्थापना काल 1925 से ही करती आ रही है।
उन्हो ने कहा संघ ने शाखाओ के माध्यम से स्वयंसेवकों मे राष्ट्र समाज के प्रति संवेदनशील होने की प्रेरणा दी। इस धरती और मिट्टी के प्रति हमारा समर्पण क्या है,इसी को भगवा ध्वज को गुरू के रूप में प्रतिष्ठित कर हम लगातार श्रद्धावान है। गुरू दक्षिणा पूजित गुरू के प्रति निष्ठा समर्पण और श्रद्धा को समर्पित है। जो श्रद्धा समाज संतो के प्रति रखता है, वही हम भगवा के प्रति रखते हैं।भगवा विचार है।जिसे समाज संत के रूप मे देखता है।यह सन्यास का रंग यानि त्याग का रंग है।त्याग का मतलब, इतना मोह नही कि छूटने पर हम व्यथित हों।
उन्हो ने कहा संघ अपनी शाखा के माध्यम से अपने स्वयं सेवकों के जिन गुणों को उतारना चाहती है, उसमें यह धरती हमारी मां है, इसपर बसने वाले जितने भी लोग हैं सभी हमारे बंधु बांधव हैं। इस धरती पर पेड़-पौधे, पशु पक्षी सब एकत्व भाव से हममें समाहित है। हिन्दुओं का यही परम वेदांत दर्शन भी है।
उन्हो ने कहा भगवा रंग सूर्य और अग्नि की भांति है। जिसका तेज हमे अपने दोष को समाप्त करने की प्रेरणा देती है।भगवा ऐसा प्रतीक जो कभी बदलता ही नही यह संकल्प व्यक्त करने के साथ उसकी सिद्धी का भी माध्यम है।
उन्हो ने कहा गुरू दक्षिणा यानि त्याग और समर्पण का प्रतीक । यह राष्ट्रीयस्वयंसेवक संघ के कार्यो की वृद्धि हेतु आता है।यह अत्यंत पवित्र धन है।
इस अवसर पर पवित्र भगवा ध्वज का पूजन करने के उपरान्त स्वयं सेवकों ने अपना वर्ष भर मे एकत्रित समर्पण राशि गुरू दक्षिणा के रूप मे समर्पित किया।संचालन सुमधुर शास्त्री ने किया।पूजन के दौरान विहिप केन्द्रीय सलाहकार सदस्य पुरूषोत्तम नारायण सिंह,केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह “पंकज” शिवदास सिंह,शरद शर्मा, साकेत महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ अजय मोहन श्रीवास्तव,डाॅ शिवकुमार तिवारी, प्रधानाचार्य इन्द्रदेव मिश्र, महानगर प्रचारक अनिल,विहिप संगठन मंत्री रत्नेश,कोष प्रमुख वीरेन्द्र,कार्यशाला प्रभारी अन्नूभाई सोनपुरा,राजा वर्मा,राजेन्द्र कुमार,बालचंद्र वर्मा,घनश्याम,सर्वेश रामायणी, पवन तिवारी,अनिल पांडेय, रामशंकर यादव,आचार्य नारद भट्टाराई आदि उपस्थित रहे।