आखिर क्यों अज्ञात नवजात शिशुओं के मिलने का नही रुक रहा हैं सिलसिला,किस ओर जा रहा है समाज,देखे विस्तृत रिपोर्ट।

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सरकार की प्राथमिकता इन दिनों सुल्तानपुर जनपद में शर्मसार होते हए देखने को मिली , जिसने जिसको जन्म दिया , वही उसको लावारिस छोड़ कर कैसे जीने मरने के लिये छोड़ देता है , यह अपने आप मे बहुत ही शर्मनाक बात है , लेकिन कहा गया है मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है ऐसा ही कुछ नजारा कुछ दिन पूर्व सुल्तानपुर जनपद में देखने को मिला।पिछले हफ्ते में दो नवजात शिशु लावरिस मिले।कहाँ जा रहा समाज, कहाँ जा रही मानवता इस पूरे गम्भीर विषय पर एक रिपोर्ट तैयार की गई हैं।

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आखिर क्यों अज्ञात नवजात शिशुओं के मिलने का नही रुक रहा हैं सिलसिला,किस ओर जा रहा है समाज,देखे विस्तृत रिपोर्ट।

हम आप को अभी दिखाएंगे पहले हम आप को बताते हैं कि यह पहला वाक्या शहर के पाश इलाके गोलाघाट के पास का है , जहाँ पुल के नीचे एक नवजात के पड़े होने की सूचना पर डायल 112 पहुंची, चौकी इंचार्ज आनंद श्रीवास्तव को बुलाया गया, बच्ची को जिला महिला अस्पताल की शिशु वाटिका में भर्ती कराया गया है। वही दूसरा वाक्या
लखनऊ वाराणसी हाईवे के महानपुर गांव में लावारिस पाया गया। कोतवाली देहात पुलिस को सूचित कर गांव की महिला ने पालना शुरू किया था।सूचना पर पुलिस वाले जा पहुंचे।बच्चे को लाकर जिला महिला अस्पताल की शिशु वाटिका में भर्ती कराया गया। इस पुरे मामले पर जब प्रोबेशन अधिकारी से बात की गई तो उनका क्या कहना है आप भी सुने।

जानकारों का मानना है कि महिला को विकलांग बच्चे का प्रसव हुआ। लेकिन वह कुछ क्षण बाद ही अस्पताल से गायब हो गया।
अस्पताल वालों ने बच्चे के बारे में खोजबीन शुरू की तो बताया गया कि उसका पिता बच्चे को इलाज के लिए लेकर गया है। बच्चा आने तक अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया। एक ही परिसर का मामला होने से जल्द ही पता चल गया कि महानपुर गाँव मे लावारिस मिला शिशु इन्ही का था। लावरिस दाखिल बच्चे को फिर से पाने के लिए प्रसूता व उसके मायके वाले डीएम के पास जा पहुंचे आनन फानन में प्रोबेशन विभाग ने उसे वापस जन्म देने वाली को सौंप दिया गया।इस पूरे मामले पर महिला विभाग के सीएमएस ने क्या जानकारी दी आप भी सुने।

अब सवाल उठना लाज़मी था कि नवजात शिशु को अस्पताल के बेड से करीब 6 किलोमीटर दूर हाईवे किनारे कैसे पहुँचा। जो ले गया वह कहां गया यह भी नही खोजबीन की गई।

मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटनाएं यह साबित कर रही हैं कि समाज मे क्या हो रहा है।इसी सिलसिले में जब जनपद के संभ्रांत लोगो से मुलाकात की गई तो उनका क्या नज़रिया था आप भी सुने।

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