सुल्तानपुर में मनरेगा कार्यो से बेपरवाह दस प्रधानों के खिलाफ बीडीओ के नोटिस के बाद माथे पर आया पसीना,देखे जबरदस्त रिपोर्ट।

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मनरेगा कार्यो से बेपरवाह दस ग्राम प्रधानों को बीडीओ की नोटिस मिलते ही माथे पर आया पसीना

बीडीओ के नोटिस भेजते ही बेपरवाह प्रधानों के माथे पर आया पसीना

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पूरे विकास क्षेत्र के दो गांव में मनरेगा की हालत खस्ता,एक गांव में पूरे सालभर में दो दिन तो एक गांव में 34 दिन ही हुआ मनरेगा से कार्य।


सुल्तानपुर में मनरेगा कार्यो से बेपरवाह दस प्रधानों के खिलाफ बीडीओ के नोटिस के बाद माथे पर आया पसीना।

सुलतानपुर । ग्रामीण मजदूरों को साल भर में 100 दिनों के काम की गारंटी देने वाली योजना कूड़ेभार ब्लॉक के दस गांवों में पटरी से उतर गई है । इन दस गांवों में से दो गांवों में ग्रामीण मजदूरों को साल भर में रोजगार मिलने की हालत चिंताजनक है । इन दोनों गांवों की बात करें तो एक गांव में सिर्फ दो दिन तो दूसरे गांव में 34 दिन ही मनरेगा मजदूरों को काम मिला है । ब्लॉक में मनरेगा योजना की हालत खराब होने से नाराज बीडीओ ज्ञानेन्द्र मिश्र ने ब्लॉक क्षेत्र के दस ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किया है । नोटिस पाते ही कामचोर प्रधानों में खलबली मच गई है ।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम। अर्थात मनरेगा । गांवो में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी की इस योजना को गांव के प्रधानों द्वारा कैसे पलीता लगाया जा रहा है हम आप को रूबरू कराते हैं,हम बात कर रहे हैं सुल्तानपुर जनपद की जहां कई खंड विकास क्षेत्र के गांवों में साल भर में मनरेगा का काम जीरो हुआ है,क्या आप ऐसा सोच सकते हैं जहां मनरेगा के तहत तमाम प्रधान अपने गांव का विकास कर रहा है तो वही ऐसे भी कई गांव के प्रधान हैं जहां मनरेगा के तहत कच्चे कामों पर हाथ ही नही लगाया जा रहा है।अब ऐसे में गांव का विकास कैसे होगा और मनरेगा मजदूरों को रोजगार कैसे मिलेगा यह यक्ष प्रश्न है।इसी कड़ी में 60/40 के रेशियो पर कूरेभार के खंड विकास अधिकारी ज्ञानेन्द्र मिश्र ने दस ग्राम पंचायत के प्रधानों को नोटिस भेजा है,और कठोर कार्यवाही की बात कही है।

बताते चले कि विकास क्षेत्र कूरेभार में खंड विकास अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्र ने बताया कि मनरेगा के तहत इस साल ग्राम पंचायत चांदपुर सैदोपट्टी ने अभी तक 361 दिन (मानव दिवस),सेमरी दरगाह 447 दिन,मलवा 699 दिन,फूलपुर 677 दिन,रतनपुर 263 दिन,वल्लीपुर 580 दिन, खेड़ी दोड़ापुर 358, परसाड्डा 663 दिन और पूरे ब्लाक में सबसे ज्यादा खराब स्थिति भरथीपुर पूरे साल में दो दिन और शहर से सटा फरीदीपुर में अभी तक 34 दिन की मनरेगा से काम हुआ है, आगे की जानकारी देते हुए खंड विकास अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्र ने बताया कि इन ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत दी गई (60/40 का रेशियो )गाईड लाइन पर काम ना करने पर पहली नोटिस जारी की गई है,।
वही नोटिस में बीडीओ ज्ञानेंद्र मिश्र द्वारा लिखा गया है कि मनरेगा योजना के प्रति आप द्वारा प्रदर्शित उपेक्षा और लापरवाही शाशन की मंशा एवं निर्देशों की स्पष्ट अवहेलना हैं। आप अपने विरुद्ध कठोर कार्यवाही को आकृष्ट कर रहे हैं।अबतक की प्रदर्शित लापरवाही पर तीन दिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण भेजे।
बीडीओ ज्ञानेंद्र मिश्र की नोटिस मिलते ही दसों ग्राम पंचायतों के प्रधानों में खलबली मची है देखना अब दिलचस्प होगा कि इन ग्राम पंचायतों में प्रधानों द्वारा इस नोटिस का जबाब कब तक दिया जाता है।

मनरेगा के कार्य।-

(MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे2 oct 2009 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया।

मनरेगा योजना के तहत पात्र लोगों को जॉब कार्ड प्रदान किया जाता है। ग्राम पंचायत स्तर पर जितने भी लाभार्थी है उसकी लिस्ट ऑनलाइन उपलब्ध होती है। इसके साथ ही समय-समय पर इस लिस्ट में संशोधन किया जाता है और नए नाम जोड़े जाते है एवं अपात्र लोगों का नाम काटा जाता है

मनरेगा द्वारा ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत में सभी जॉब कार्ड धारकों को निम्नलिखित कार्य दिया जाता है।

1-आवास निर्माण कार्य
2-जल संरक्षण कार्य
3-बागवानी कार्य
4-गौशाला निर्माण कार्य
5-वृक्षारोपण कार्य
6-लघु सिंचाई कार्य
7-ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य
8-चकबंध कार्य
9-भूमि विकास कार्य
10-बाढ़ नियंत्रण कार्य