सुल्तानपुर-अपनी भाषा मे खग विहग बोलते, मेरा गांव शहर हो जाये ऐसा कभी ना हो जैसे अनगिनत कविता ग़ज़ल को लिखने वाले मशहूर कवि डॉ डीएम मिश्र से हुई मुलाकात,अबधी तक के सौजन्य से देखे जबरदस्त इंटरब्यू।

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अपनी भाषा मे खग विहग बोलते, मेरा गांव शहर हो जाये ऐसा कभी ना हो जैसे ग़ज़ल लिखने वाले मशहूर कवि डॉ डीएम मिश्र का देखे जबरदस्त इंटरब्यू।

नम मिट्टी पत्थर हो जाय ऐसा कभी ना हो मेरा गांव शहर हो जाये ऐसा कभी ना हो । ऐसे ना जाने कितने अवधी गीत मशहूर कवि डीएम मिश्र ने लिखे हैं जो इस अवधी भाषा में मील का पत्थर सावित हो रहे हैं ।आइये उन्ही से मुलाकात और अवधी तक पर बातचीत कर रहे हैं एडिटर इन चीफ कपिल देव शुक्ल
(इंटरब्यू)

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सुल्तानपुर-अपनी भाषा मे खग विहग बोलते, मेरा गांव शहर हो जाये ऐसा कभी ना हो जैसे ग़ज़ल लिखने वाले मशहूर कवि डॉ डीएम मिश्र का देखे अबधी तक के सौजन्य से जबरदस्त इंटरब्यू।

ईमानदार कवि -कर्म बड़ा चुनौती पूर्ण है , अब जाना – आपके सामने आज यह ग़ज़ल –

बेला,जुही, चमेली, चम्पा, हरसिंगार लिख दे
कैसे कोई शायर पतझर को बहार लिख दे

उसको ख़ुदा ने आँखें दी हैं तो क्या इसीलिए
उड़ती हुई धूल को सावन की फुहार लिख दे

जिसने ठान लिया हो रस्ते से पहाड़ हट जाय
उस चींटी के नाज़ुक दिल को बेक़रार लिख दे

इक बँधुआ मजदूर के मुँह में जु़बाँ कहाँ होती
फिर भी इस खा़मोशी को उसकी गुहार लिख दे

जिस कविता में अपना समय, समाज न दिखता हो
उस को चाहे तो कवि के मन का ग़ुबार लिख दे

यह वह क़लम है जिसमें सच की स्याही छलक रही
एक लुटेरे को कैसे ईमानदार लिख दे

पुरस्कार की रेखा नहीं है मेरे हाथों में
मेरे स्वाभिमान को मेरा पुरस्कार लिख दे

-डाॅ डी एम मिश्र कवि लेखक गजलकार।

सुल्तानपुर-डीएम एसपी ने विधानसभा चुनाव की मतगणना को लेकर स्ट्रांगरूम का किया निरीक्षण तो दूसरी तरफ मनाये गये तकनीकी महोत्सव में छात्राओं ने उड़ाए ड्रोन,देखे पूरी रिपोर्ट।

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