जयमाल से पहले दुल्हन ने दूल्हे से पूछा दो का पहाड़ा, ना सुना पाने पर शादी से किया इनकार।
जयमाल से पहले जब दूल्हा पहाड़ा ना सुना सका तो दुलहन ने शादी से इनकार कर
एक तरफ कोरोनो का कहर तो दूसरी तरफ शादी की रस्मअदायगी ,इसी उधेेेड़बुन में आयोजक परेशान हैं और किसी तरह से पििता अपनी पुत्र्री् का विवाह संपन्न कराने में जुटा है,इसी बीच एक चौौकाने वाला वाक्या सामने आया।यूपी के महोबा जिले में एक दूल्हे के 2 का पहाड़ा ना सुना पाने पर दुलहन ने बारात लौटा दी। जयमाल से पहले जब दूल्हा पहाड़ा ना सुना सका तो दुलहन ने शादी से इनकार कर दिया।I इस बात की चर्च्चा आम होते ही लोगो में कौतूहल छा गया।
जयमाल से पहले दुलहन ने पूछा दूल्हे से 2 का पहाड़ा, काफी जद्दोजहद के बाद ना सुनाने पर शादी से किया इनकार।
बताया जा रहा है कि दुलहन को दूल्हे के शिक्षित होने की बात कहकर शादी के लिए किया गया था राजी।
महोबा
यूपी के महोबा जिले में एक दुलहन ने दूल्हे के पढ़ा-लिखा ना होने पर बारात को वापस कर दिया। बताया जा रहा है कि दुलहन को दूल्हे के शिक्षित होने की बात कहकर शादी के लिए राजी किया गया था। हालांकि शादी समारोह के दौरान जयमाल की रस्म से पहले दुलहन ने दूल्हे से 2 का पहाड़ा पूछा। लेकिन जब दूल्हा पहाड़ा ना सुना सका तो दुलहन ने शादी से इनकार कर दिया।
जयमाल की रस्म से पहले दुलहन ने शक के कारण दूल्हे से कहा कि वो 2 का सुनाए पहाड़ा।
महोबा के खरेला थाना इलाके में रहने वाली युवती की शादी 30 अप्रैल के दिन होनी थी। इसके लिए पनवाड़ी थाना इलाके से बारात यहां पहुंची थी। इस दौरान दुलहन के परिवार ने बारात की खूब खातिरदारी की। जयमाल की रस्म से पहले दुलहन ने शक के कारण दूल्हे से कहा कि वो 2 का पहाड़ा सुनाए। इसपर घर के लोगों के बीच भी अजीब सी स्थिति बन गई। दुलहन के सवाल के बावजूद दूल्हा पहाड़ा ना सुना सका। इससे नाराज दुलहन ने शादी करने से इनकार कर दिया।
बारातियों और घरातियों के बीच उठा पूरा विवाद कुछ देर बाद पहुंच गया थाने।
दुलहन पक्ष के लोगों ने दूल्हे के परिवार पर झूठ बोलकर शादी करने का आरोप लगाते हुए शादी में खर्च किए पैसे लौटाने की मांग की।दुल्हन के फैसले के बाद दोनों परिवारों के बीच विवाद की स्थिति बन गई। बारातियों और घरातियों के बीच उठा पूरा विवाद कुछ देर बाद यहां के थाने पर पहुंच गया। वहीं परिवार के लोगों ने दुलहन को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद बात नहीं बन सकी।
थानाध्यक्ष ने हस्तक्षेप के बाद हुआ समझौता।दोनों पक्ष एक दूसरे की ओर से दिए गए उपहार और गहनों को करेंगे वापस।
बाद में थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने हस्तक्षेप कर लोगों के बीच समझौता कराया। बातचीत में तय किया गया कि दोनों पक्ष एक दूसरे की ओर से दिए गए उपहार और गहनों को वापस करेंगे। इसके अलावा कोई भी केस नहीं दर्ज किया जाएगा।
लॉकडाउन के अनुपालन में कारोबारियों पर सीओ सिटी की बड़ी कार्यवाही,मचा हड़कंप।
कोरोनो काल मे मरीजों और उनके तीमारदारों तक आरएसएस पहुंचा रही हैं भोजन।
बहन की पुकार पर बंगलौर से भाई ने पुलिस से की फरियाद,साहब बचा लो मेरी बहन को..