सुलतानपुर-कोर्ट समाचार/-कछुआ तस्करी में गिरफ्तार महिला को कोर्ट ने भेजा जेल,नहीं मिलेगा गुजारे की रकम,कोर्ट ने पत्नी की अर्जी ठुकराई

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L *कोर्ट ने पत्नी की ठुकराई अर्जी,नहीं मिलेगा गुजारे की रकम*
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(सुलतानपुर। भरण-पोषण की मांग को लेकर फैमिली कोर्ट में पत्नी की तरफ से पड़ी अर्जी को अपर प्रधान न्यायाधीश आनन्द प्रकाश ने जायज न मानते हुए ठुकरा दिया है। अदालत ने गुजारे के लिए पड़ी अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया हैं।
मामला जयसिंहपुर थाना क्षेत्र के बझना गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले धुव्र नारायण के खिलाफ उनकी पत्नी रानू ने फैमिली कोर्ट में भरण-पोषण की मांग को लेकर वर्ष 2012 में याचिका दायर की थी। मामले में दोनो पक्षों ने सुनवाई के दौरान अपने-अपने साक्ष्यों एवं तर्कां को प्रस्तुत किया। धुव्र नारायण के अधिवक्ता चन्द्र प्रकाश पांडेय ने रेनू को उसके पति के जरिये एक पत्नी की तरह साथ रखने एवं पति धर्म के दायित्वों का निर्वहन करने का विश्वास दिलाया। वर पक्ष ने यह भी कहा कि रेनू काफी पढ़ी लिखी है,उसके अंदर ऐसा हुनर है कि वह अपना भरण-पोषण करने में सक्षम है। इन्हीं आधारों पर रेनू की मांग को जायज न होना बताते हुए याचिका खारिज किये जाने की मांग की। वहीं रेनू के अधिवक्ता ने धुव्र नारायण से गुजारे की रकम दिलाया जाना उचित बताते हुए अर्जी स्वीकार करने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट-आनन्द प्रकाश ने महिला की मांग को जायज न मानते हुए भरण-पोषण सम्बंधी अर्जी खारिज कर दी।

*पूर्व अध्यक्ष के निधन पर अधिवक्ताओं ने जताया शोक*
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()सुलतानपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व अध्यक्ष राम सुख मिश्र का निधन होने पर अधिवक्ता समुदाय में शोक की लहर दौड़ गयी। उनके निधन को लेकर बार सभागार में शोक सभा का आयोजन किया गया। अधिवक्ताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
मोतिगरपुर थाना क्षेत्र स्थित ढेमा गांव के रहने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रामसुख मिश्र की सांसे अचानक थम गयी। जिसकी जानकारी मिलते ही बुधवार को अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गयी। बताया जा रहा है कि रामसुख मिश्र अधिवक्ता संघ के पूर्व सचिव व अध्यक्ष भी रहें। इसके अलावा हिन्दी उत्थान समिति के वह अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अधिवक्ताआें ने उनके निधन को अपूर्णनीय क्षति बताया है। उनके निधन को लेकर बार अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी व महासचिव रामतीरथ के नेतृत्व में शोक सभा का आयोजन किया गया। अधिवक्ताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पूर्व अध्यक्ष नरोत्तम शुक्ल नरेन्द्र बहादुर सिंह, रामविशाल तिवारी, पं. महेन्द्र प्रसाद शर्मा, पूर्व एडीजीसी रामखेलावन यादव, अच्छेराम यादव, शुकदेव यादव, पं. संजय शर्मा, अशोक शुक्ला, गौरीशंकर तिवारी, विजय सिंह, रविवंश सिंह, अमित श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, राजेन्द्र कुमार मिश्रा सहित अन्य ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन व वर्तमान सदस्य अजय कुमार शुक्ल व बार कांउसिल सदस्य प्रशांत सिंह अटल ने भी उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त किया है।

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[*विशेष अदालत से पूर्व विधायक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट*
*पेशी पर गैर हाजिर रहने के चलते एमपी-एमएलए कोर्ट का कड़ा रूख*
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()सुलतानपुर। हाईवे पर प्रदर्शन कर आवागमन बाधित करने समेत अन्य आरोपों से जुडे़ मामले में पूर्व विधायक अनूप संडा कोर्ट के आदेश के बाद भी गैर हाजिर रहें। स्पेशल जज एमपी-एमएलए प्रशांत मिश्र की अदालत ने पूर्व विधायक के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के गभड़िया इलाके का है। जहां पर रामलीला मैदान के निकट हुई घटना का जिक्र करते हुए पुलिस ने 19 जून 2001 को मुकदमा दर्ज कराया। मामले में पूर्व विधायक अनूप संडा ,संजय सिंह, प्रेमचन्द्र श्रीवास्तव, विजय कुमार, सुभाष चौधरी, कमल श्रीवास्तव व संतोष कुमार सहित 30-35 अन्य के खिलाफ बिजली-पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन कर हाईवे जाम करने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया। आरोपियों के खिलाफ सरकारी कर्मियों को धमकाने एवं अधिशाषी अभियंता का पुतला भी फूंकने का आरोप है। इस मामले में आरोपीगण कमल श्रीवास्तव, सुभाषचन्द्र, संतोष, विजय बुधवार को पेशी पर हाजिर रहें। वहीं संजय दूबे की तरफ से हाजिरी माफी अर्जी प्रस्तुत की गयी। जबकि पूर्व विधायक अनूप संडा गैर हाजिर रहें। अनूप संडा के खिलाफ बीते कई पेशियों से वारंट चल रहा है। पुलिस की नाकामी की वजह से शहर में रहने के बावजूद भी न तो इस मामले में उनकी गिरफ्तारी हो पायी और न ही पुलिस का ऐसा दबाव बना कि वह कोर्ट में हाजिर हो जाय। स्पेशल जज प्रशांत मिश्र ने मामले में पूर्व विधायक के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश देते हुए मामले मे सुनवाई के लिए आगामी 25 नवम्बर की तिथि तय की है।

*गरीब के आशियाने पर हुआ अवैध कब्जा*
*बेघर पीड़ित ने डीएम से की कार्यवाही की मांग*
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()सुलतानपुर। पिता के नाम मिली आवासीय कालोनी पर दबंग ने जबरन कब्जा जमा लिया है। अवैध कब्जा हटवाने के लिए पीड़ित ने थाने से लेकर तहसील स्तर तक के अधिकारियों के चक्कर काटे, लेकिन विपक्षी के प्रभाव की वजह से मामला जस का तस रहा। पीड़ित ने डीएम को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की हैं।
मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के पीपरगांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले सालिक राम ने डीएम को दिये शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि उसके पिता के नाम कई वर्षो पूर्व आवासीय कालोनी पास हुई,जिसके बाद उन्होंने अपने पुराने मकान को गिराकर उसी जमीन पर कालोनी का निर्माण कराया। आरोप है कि वर्ष 2016 में सालिक राम के पिता बरखू की मृत्यु हो गयी। जिसके बाद बरखू के स्थान पर सालिकराम का नाम मकान न. 218 पर परिवार रजिस्टर में दर्ज हुआ। बावजूद इसके गांव के मोहन मौर्या ने अपनी दबंगई के बल पर सालिकराम का मकान ही कब्जा कर लिया। नतीजा यह है कि पीड़ित सालिकराम अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। मोहन मौर्य के जरिये किये गये अवैध कब्जे को हटवाने के लिए सालिकराम ने समाधान दिवस से लेकर तहसील दिवस पर कई शिकायती पत्र दिये, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी विपक्षी के प्रभाव में सिर्फ कागजों पर ही मामले को निपटाते रहे। नतीजा यह है कि न तो सालिक राम को उसका मकान मिला और न ही विपक्षी मोहन मौर्य का कब्जा ही हटा। परेशान सालिक राम ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर अपने पैतृक मकान पर हुए अवैध कब्जे को हटवाकर कब्जा दिलाये जाने की मांग की है।

*कछुआ तस्करी में गिरफ्तार महिला को कोर्ट ने भेजा जेल*
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()सुलतानपुर। कछुआ तस्करी के मामले में आरोपी महिला को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। जिसकी रिमांड स्वीकृत कर सीजेएम हरीश कुमार ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
मामला सुलतानपुर रेलवे स्टेशन से जुड़ा है। जहां पर जीआरपी पुलिस ने आरोपी महिला जन्ती पत्नी छब्बा निवासी गांधीनगर-जगदीशपुर को तीन वर्षीय बच्ची के साथ गट्ठरों में बंधे कछुओं सहित पकड़ा गया। मिली जानकारी के मुताबिक यह कछुएं पश्चिम बंगाल के लिए तस्करी को लेकर ले जाने की तैयारी थी। जिसकी जानकारी मिलने पर जीआरपी पुलिस ने वन विभाग टीम को सूचित किया। सूचना पर पहुंची वन विभाग टीम ने महिला की गिरफ्तारी कर कछुओं का कब्जे में लिया। जिसके उपरांत उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी महिला की रिमांड स्वीकृत कर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*