सुलतानपुर-हफ्ते भर बाद भी एसपी नहीं करा सके हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन,अदालतों के प्रवेश द्वार से बेहिचक शस्त्र लेकर घुस रहे लोग?

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*लाखों हड़पने के मामले में कोटेदार-पुत्र की जमानत खारिज*
*दलित माँ-बेटे से धोखाधड़ी कर 82.78 लाख रूपये हड़पने का मामला*
*बैंक मैनेजर समेत पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट है दाखिल*
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(1)सुलतानपुर। दलित माँ-बेटे से 82.78 लाख रुपये हड़प लेने के मामले में आरोपी कोटेदार-पुत्र की तरफ से जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी। जिस पर सुनवाई के पश्चात प्रभारी जिला जज प्रशांत मिश्र की अदालत ने आरोपी को राहत न देते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित सिंडीकेट बैंक शाखा से जुड़ा है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए भुक्तभोगी वृद्ध महिला सुमेरा देवी निवासी अभियाकला थाना कोतवाली देहात ने मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक षड्यंत्र रचकर आरोपीगण उदयराज वर्मा निवासी लोदेपुर, ठेकेदार रामशिरोमणि वर्मा, कोटेदार सत्यनारायण मिश्र उसके पुत्र विजय उर्फ शैलेन्द्र मिश्र, लेखपाल इंद्रपाल मिश्र, बैंककर्मी अमितेश्वर गुप्ता, तत्कालीन बैंक मैनेजर सुजीत मिश्रा ने कूटरचना करके भुक्तभोगी सुमेरा देवी व उसके पुत्र अवधेश के खाते में आई 82.78 लाख रूपये मुआवजे की रकम आरटीजीएस के जरिए आरोपी उदयराज वर्मा के खाते में ट्रांसफर करवा दी। इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर करते समय बैंक मैनेजर व बैंक क्लर्क ने आवश्यक औपचारिकताये भी पूरी करना जरूरी नहीं समझा। पीड़ित पक्ष के मुताबिक गई रकम वापस दिलाने के नाम पर तत्कालीन लेखपाल इंद्रभान मिश्रा ने सहआरोपियों के साथ तीन लाख रूपयें सुविधा शुल्क की भी मांग की थी। इस मामले में करीब 20 महीनों तक पुलिस की तफ्तीश लटकी रही। अभियोगिनी की तरफ से पड़ी मॉनिटरिंग अर्जी पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने कड़ा रूख अपनाया तो हरकत में आयी पुलिस ने आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। मामले में जेल गये आरोपी सत्यनारायण मिश्र व रामशिरोमणि वर्मा की जमानत पूर्व में ही खारिज हो चुकी है। मामले में कोटेदार पुत्र शैलेन्द्र उर्फ विजय मिश्र की तरफ से भी जिला जज की अदालत में प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सुनवाई चली। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात प्रभारी जिला जज प्रशांत मिश्र ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी। अभी मामले में जेल गये आरोपी उदयराज वर्मा की तरफ से जमानत नहीं पड़ी है। उधर विवेचक बीपी यादव ने बैंक मैनेजर समेत पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जबकि कि अहम रोल अदा करने वाले बैंक क्लर्क अमितेश्वर गुप्ता व लेखपाल इन्द्रभान मिश्र का नाम निकाल दिया है। जिसको लेकर विवेचक की भूमिका सवालों के घेरे में है।

*चीफ जस्टिस से मीटिंग में उठेगा शस्त्रों के प्रवेश प्रतिबंध का मुद्दा-चेयरमैन*
*हफ्ते भर बाद भी एसपी नहीं करा सके हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन*
*अदालतों के प्रवेश द्वार से बेहिचक शस्त्र लेकर घुस रहे लोग*
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(2)सुलतानपुर।अदालतों में शस्त्र साथ लेकर प्रवेश करने पर प्रतिबंध का आदेश हाईकोर्ट से जारी होने के करीब एक सप्ताह बाद भी उसका अनुपालन नहीं हो सका है। एसपी हिमांशु कुमार ने शस्त्र के साथ प्रवेश करने वाले पुलिस कर्मियों व अन्य पर कार्यवाही का दावा भी किया है, लेकिन उनका यह बयान महज दिखावा ही साबित हो रहा है। प्रभारी बार काउंसिल चेयरमैन प्रशांत सिंह अटल ने इस सम्बंध में चीफ जस्टिस से मिलने को कहा है।
मालूम हो कि बीते 12 जून को नवनिर्वाचित बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की चेयरमैन दरवेश सिंह यादव की आगरा कोर्ट परिसर में गोली मारकर दिन-दहाड़े हत्या कर दी गयी। इसके पहले भी और कई वारदाते कोर्ट परिसर में हो चुकी है। जिसमें लगातार हो रहे इजाफे को देखते हुए प्रभारी बार कांउसिल चेयरमैन प्रशांत सिंह अटल के नेतृत्व में अन्य सदस्यों ने चीफ जस्टिस को पत्र देकर प्रदेश की सभी अदालतों में शस्त्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। जिस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने मांग उठने के दो दिन बाद ही प्रदेश के सभी जिलों में शस्त्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया। इस सम्बंध में सम्बंधित जनपद न्यायाधीशों को सूचना भी हाईकोर्ट ने प्रेषित कर कड़ाई सें अनुपालन कराने को कहा। मिली जानकारी के मुताबिक जिला जज की तरफ से इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक को सूचना भी भेज दी गयी है। जिसके कई दिन बीतने के बाद भी दीवानी न्यायालय,कलेक्ट्रेट व तहसीलों के प्रवेश द्वार पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं बनाई गयी है। नतीजतन बेहिचक पुलिसकर्मी व अन्य शस्त्रों के साथ अदालतों में प्रवेश कर रहे है। यह मामला शुक्रवार को भी उठा था तो एसपी हिमांशु कुमार ने अदालतों में शस्त्र के साथ प्रवेश करने वाले पुलिस कर्मियों व अन्य पर कार्यवाही का दावा किया था, लेकिन उनके इस दावे का कोई असर अगले दिन नहीं दिखा। हाल यह रहा कि शनिवार को भी कई दरोगा व पुलिसकर्मी शस्त्रों के साथ अदालतों में प्रवेश करते नजर आये। दरअसल में उत्तर प्रदेश में बगैर कोई वारदात हुए किसी नियम का अनुपालन कराया ही नहीं जाता है। जब कोई घटना घट जाती है तो नीचे से ऊपर तक के अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारियों का आरोप मढ़ने लगते है। कुछ ऐसा ही हाल इस जिले का है। जिससे लगता है कि इन्हे किसी बड़ी घटना का इंतजार है, जिसके बाद ही यह हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराएंगे। अदालतों में शस्त्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगे होने के बावजूद पुलिस की इस लापरवाही पर प्रभारी बार काउंसिल चेयरमैन प्रशांत सिंह अटल से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि अनुपालन न कराने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर किसी भी घटना की पूर्ण जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा आगामी 13 जुलाई को इसी सिलसिले में चीफ जस्टिस ऑफ हाईकोर्ट से मीटिंग का समय लिया गया है। मीटिंग में सुलतानपुर के अलावा अन्य जिलों में भी हो रही लापरवाही की जानकारी देकर कार्यवाही की मांग की जाएगी।

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*जानलेवा हमले में महिला समेत चार गये जेल*
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(3)सुलतानपुर। जानलेवा हमले के मामले में महिला समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। जिनकी रिमांड स्वीकृत कर प्रभारी सीजेएम अनुराग कुरील ने सभी आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है। मामला बाजार शुकुल थाना क्षेत्र के सरैया पीरजादा गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले महाराजदीन, मो. अहमद, हितेश व हसीना के खिलाफ जानलेवा हमले के आरोप में मुकदमा दर्ज है। इस मामले में वांछित चल रहे चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर शनिवार को सीजेएम की अदालत में पेश किया गया। जिनकी रिमांड स्वीकृत कर अदालत ने जेल भेजने का आदेश दिया।
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*