यूपी/अयोध्या-एक कश से धुंआ बनकर उड़ रही युवाओं की जिंदगी, गांजे के तस्कर बेधड़क नशे का कर रहे हैं कारोबार,नही खौफ किसी का
एक कश से धुंआ बनकर उड़ रही युवाओं की जिंदगी गांजे के तस्कर बेधड़क नशे के कारोबार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।
रिपोर्ट मनोज तिवारी
अयोध्या-सरकार जहां देश के युवाओं का भविष्य सुधारने की दिशा में पुरजोर कोशिश कर रही है तो वहीं, दूसरी तरफ कोतवाली क्षेत्र के कोछाबाजार में नशे के कारोबारी इन युवाओं का भविष्य गर्त में ढकेलने में लगे हुए हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि चप्पे-चप्पे पर 112 नंबर, पुलिस का पहरा होने के बावजूद गांजे के तस्कर बेधड़क नशे के कारोबार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तहसील मुख्यालय के कोछाबाजार में पान की गुमटीयों में गांजा खुलेआम बेचा जा रहा है। क्षेत्र में पैर जमाए बैठे गांजा के काले कारोबारी सफेदपोस नेताओं से प्राप्त संरक्षण मे बेधड़क गांजे के व्यापार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं वहीं युवाओं की जिंदगियां गांजे के कश में धुआं बन कर उड़ रही हैं। आपको बता दें कि पान की तीन गुमटीयों में बिक रहे गांजे की पुड़िया युवाओं की जिंदगी तबाह कर रही है। क्षेत्र में आज शिक्षा ग्रहण करने वाले युवकों को भी गांजे का कश लगाते देखे जा सकता है। हाई क्लास सोसाइटी में जहाँ नशा एक फैशन बन गया है। वहीं गरीब बस्तियों में रहने वाले युवा भी बीड़ी सिगरेट में भर कर गांजे का कश लगाते खुलेआम देखे जा रहे हैं।
विदित हो कि, क्षेत्र में इन दुकानों में अवैध रूप इस गांजे के काले कारोबार को बड़ी चतुराई से चलाएं जा रहे है। हालाँकि अत्यधिक मात्रा में व्याप्त नशा लोगों की नसों में जहर बन कर दौड़ रहा है अब इन पर प्रतिबंध लगा पाना प्रशासन के लिए संभव नही है। वहीं गांजे के नशे में पूरी तरह बर्बाद हो चुके युवाओं के गार्जियनों का तो यह मानना है कि क्षेत्र में धड़ल्ले से फल फूल रहा नशे के कारोबार को पुलिस संरक्षण प्राप्त है। नशे के सौदागर अपनी काली कमाई का कुछ हिस्सा सफेद पोस नेताओं व विभाग को समय-समय पर पहुंचाते रहते हैं। इसीलिए आज अत्यधिक मात्रा में नशा युवाओं की रगों में जहर बन कर दौड़ रहा है। क्योंकि जिस मादक पदार्थ की बिक्री पर शासन ने रोक लगा रखी है उसकी बिक्री, चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा होने के बावजूद प्रतिबंधित नही है। इस अवैध व्यापार को रोकने के लिए नारकोटिक्स एक्ट बनाया गया है, लेकिन पुलिस व आबकारी विभाग गांजा की बिक्री पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। जिससे ग्रामीण अंचल में फल-फूल रहे इस कारोबार से तमाम ज़िन्दगियाँ नशे की लत में आ चुकी है। युवाओं में बढ़ती लत के चलते यह कारोबार खुलेआम चल रहा है, लेकिन इस पर अंकुश लगा पाने में पुलिस महकमा नाकाम साबित हो रहा है। ऐसा नहीं है पुलिस कार्रवाई नहीं करती, लेकिन इसके बाद भी बेखौफ करोबारी नशे के नाम पर मौत के सामान को खुले तौर से परोस रहे हैं। पुलिस कई बार यहां के एक गांजे व्यापारी को गांजा की भारी भरकम खेप पकड़ कर कारोबारियों को सलाखों के पीछे भी पहुंचा चुकी। इसके बावजूद ये कारोबारी धड़ल्ले से गांजा की थोक व फुटकर बिक्री कर रहे हैं। नशा कारोबारियों की मानें तो क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग हजारों का गांजा बिक्री किया रहा है, इतनी बिक्री का एकमात्र कारण यह है कि यह कारोबार या तो पुलिस के संरक्षण में फल-फूल रहा है, या फिर पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है। इसका सेवन करने वालों को जहां मौका मिला चढ़ा लेते हैं। अक्सर देखा जाता है कि नशे के आदी व्यक्ति कहीं भी चिलम सुलगाने लगते है, चाहे वह सार्वजनिक स्थान हो या फिर खुला मैदान ! इतना ही नही इस तरह का नशा करने वाले लोग सड़क के किनारे भी बैठ कर चिलम चढ़ाते देखे जा सकते हैं और तो और बाज़ार की कुछ चुनिंदा पान की ऐसी गुमटियां है जहाँ पर बेझिझक खुलेआम गांजा की पुड़िया बेची जा रही है, जानकारी के अनुसार इस नशे को अधिकतर युवा कर रहे हैं।