सुल्तानपुर-राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्राथमिक शिक्षा जागृति अभियान में हुई शामिल,परिषदीय विद्यालय को गोद लेने वालों को किया सम्मानित।

शिक्षकों पर होती है शिक्षा को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी-गवर्नर [बच्चों की प्रतिभा की पहचान होनी चाहिए शिक्षकों को। उन्हें उसी हिसाब से आगे बढ़ाना चाहिये- गवर्नर

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सुल्तानपुर-राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का आगमन,परिषदीय विद्यालय को गोद लेने वालों को करेंगी सम्मानित। चिकित्सक,शिक्षक और समाजसेवियों ने 211 विद्यालयों को लिया है गोद। काशीप्रान्त के उपाध्यक्ष राम चंद्र मिश्रा ने शुरू की थी पहल। नगर के राम नरेश त्रिपाठी सभागार में हुआ है आयोजन

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सुल्तानपुर-राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुँची नगर के राम नरेश त्रिपाठी सभागार,परिषदीय विद्यालय को गोद लेने पर चिकित्सक,शिक्षक और समाजसेवियों को कर रही हैं सम्मानित,211 विद्यालयों को लिया गया है गोद

सुल्तानपुर-जागृति अभियान में डॉ सतीश द्विवेदी कर रहे हैं सम्बोधन,राज्यपाल के आनंदीबेन पटेल का नगर के राम नरेश त्रिपाठी सभागार में चल रहा है कार्यक्रम

[स्कूलों में जनसहयोग का कार्य देश में जगह जगह शुरू हुआ है। ये सार्थक संकेत है। जबतक पूरा गांव नहीं जुड़ेगा ग्रामीण जिम्मेदारी नहीं लेंगे तबतक काम नहीं बनेगा।
[स्कूल भवनों के निर्माण में सहयोग मिला गुजरात में
[पहले टीचर्स को जिम्मेदारी देनी चाहिये फिर गांव वालों को
[शिक्षकों पर होती है शिक्षा को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी-गवर्नर
[बच्चों की प्रतिभा की पहचान होनी चाहिए शिक्षकों को। उन्हें उसी हिसाब से आगे बढ़ाना चाहिये- गवर्नर


[कड़ी मेहनत के बल पर गुजरात आज मॉडल बना है।
[ गुजरात में स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर उन्हें पारंगत किया
गांव के लोगों को दी गई सीधी जिम्मेदारी। एक गांव में 80 करोड़ दिए गए । काम हुआ ईमानदारी से। 7 करोड़ बचे हुए रुपये वापस भी मिले।
प्रिंसिपल के कमरे से जीर्णोद्धार नहीं बल्कि बच्चों की जरूरत के हिसा से शुरू करिये स्कूलों का जीर्णोद्धार।

सुल्तानपुर-राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का दौरा समाप्त। हेलिकॉप्टर से लखनऊ के लिये हुई रवाना। प्राथमिक शिक्षा जागृति अभियान में हुई थी शामिल। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी भी हुये रवाना। नगर के राम नरेश त्रिपाठी सभागार में हुआ था आयोजन

रूचिकर शिक्षा की आवश्यकता
प्रयास करो सफलता मिलेगी
गरीबों की सेवा कर्तव्य भाव से करें
-राज्यपाल
स्कूलों से भावनात्मक रिश्ता कनाये
-शिक्षा मंत्री

सुलतानपुर 13 नवम्बर/ प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा का स्वरूप रूचिकर एवं व्यवहारिक होना चाहिए, ताकि बच्चा स्कूल में बे-हिचक जायें और अपनी रूचि अनुसार पाठ्यक्रम में पारंगत हो।
महामहिम आज यहाँ पं0 राम नरेश त्रिपाठी सभागार में प्राथमिक शिक्षा जागृति अभियान के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों खेल, कला, पीटी, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि को भी शामिल किया जाना चाहिये, ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि हमें अच्छा कार्य करने का प्रयास करना चाहिए, सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने भाजपा काशी प्रान्त के उपाध्यक्ष रामचन्द्र मिश्र के द्वारा जनपद में परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्ता में सुधार लाये जाने की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि इनकी सोंच सकारात्मक है, जिसके कारण इनके साथ लोग जुड़ते जा रहे हैं। उन्होंने ऐसे अभियानों में लोगों से बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने हेतु प्रेरित किया। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि हम गरीेबों की सेवा दान के भाव से न कर कर्तव्य भाव से करें। ऐसा सेवाभाव से आत्मशांति प्राप्त होती है। उन्होंने गरीबों के घर जाकर उनके दुख-सुख में सरीक होने की सलाह दी।
शिक्षकों से सीधा संवाद करते हुए महामहिम ने कहा कि शिक्षा के मन्दिर में शिक्षा का ऐसा माहौल तैयार किया जाना चाहिये कि बच्चा आकर्षित होकर शिक्षा ग्राहण करें। उन्होंने कहा कि विद्यालय भवन तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखा जाये कि विद्यालय प्रांगण, दिवारों, फ्लोर आदि में ज्ञानवर्धक भाव का प्रदर्शन हो, ताकि बच्चा आते-जाते, खेलते-कूदते ज्ञान अर्जित कर सके। उन्होंने बच्चों के मान्सिक व शारीरिक विकास के लिये अच्छी व मनोरम पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता एवं महापुरूषों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को पाठ्यक्रमों में शालिम किये जाने में जोर दिया। उन्होंने बच्चों को टूर आदि पर ले जाने हेतु प्रेरित भी किया, ताकि बच्चों में ऊंच, नीच, छुआ, छूत व जातीयता में किसी प्रकार का मतभेद न करने का भाव पैदा हो। महामहिम ने अभिभावकों से शिक्षकों के साथ समन्वय बनाने व विद्यालय में जाकर विद्यालय की गतिविधियों पर निगरानी रखने की सलाह दी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि बीते 20-30 वर्षों में शिक्षक व अभिभावकों में आपसी संवाद की भावना में भारी कमी आ गयी है, जिसका असर शिक्षा में भी पड़ा। उन्होंने अभिभावकों से स्कूल के साथ भावनात्मक रिश्ता बनाये जाने पर बल दिया। मंत्री जी ने बताया कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता हेतु दृण संकल्पित, इसके लिये अनेकोें कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। किचन गार्डन बनाये जाने की जानकारी के साथ ही जनवरी में लखनऊ स्थित एक बड़ा सम्मेलन कर शिक्षा के क्षेत्र में महती भूमिका निभाने वाले लोगों के मध्य गुणवत्ता युक्त शिक्षा हेतु नीतियों के बनाये जाने हेतु विचार-विमर्श किया जायेगा की जानकारी दी।
इस अवसर पर महामहिम ने विकलांग बच्चों को फल वितरित किये तथा उत्कृष्ठ कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व महामहिम द्वारा माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया तथा दीप प्रज्जवलित किया। जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती एवं पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार द्वारा पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर पुष्प देकर महामहिम का स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में विधायक सदर सीताराम वर्मा, विधायक लम्भुआ देवमणि द्विवेदी, सदस्य विधान परिषद शैलेन्द्र प्रताप सिंह, समाज सेवी करतार केशव यादव, जिलाध्यक्ष भाजपा जगजीत सिंह, अपर जिलाधिकारी(प्रशा0) हर्ष देव पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी, जन प्रतिनिधि व शिक्षकगण आदि उपस्थित रहे।
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