रायबरेली-लाखों श्रद्धालुओं ने लगायी माँ गंगा के पवित्र जल में आस्था की डुबकी

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लाखों श्रद्धालुओं ने लगायी माँ गंगा के पवित्र जल में आस्था की डुबकी

रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला

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रायबरेली- कार्तिक महीने की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा का शुभ अवसर 12 नवंबर यानि कि आज है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा नदी में स्नान, दीपदान, भगवान की पूजा और दान का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर रायबरेली के गंगाघाट सिद्ध पीठ माँ संगठा देवी घाट गेगासो तथा डलमऊ के गंगा घाट पर सुबह से ही माँ पतित पावनी की धारा में डुबकी लगाने वालों की कतारें लग गई थी । लाखों की तादाद में भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया । देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही रायबरेली में भी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान की धूम रही ।
सिद्ध पीठ माँ संगठा देवी धाम गेगासो के गंगा तट पर रात से ही अलग-अलग जनपदों के हजारों स्नान करने आये श्रद्धालुओं ने अपना डेरा जमा दिया था महिलाओं हो या पुरुष सब में आस्था पूरे चरम पर थी भक्तों ने गंगा की धारा में डुबकी लगाकर पुणे कमाया वही मां से परिवार की सुख समृद्धि की कामना की । इसके अलावा डलमऊ घाट पर भी स्नानार्थियों की भारी भीड़ रही। सुबह से शाम तक गंगा में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। स्नान के दौरान युवा श्रद्धालुओं ने गंगा में जमकर मस्ती की और एक दूसरे के ऊपर गंगाजल उड़ेला। महिलाओं ने भी गंगा स्नान के दौरान खूब मस्ती की। युवा वर्ग स्नान के दौरान गंगा में चौकड़ी मचाते रहे। एक दूसरे पर रेत व गंगाजल फेंकते रहे। गंगा स्नान व पूजन के बाद महिलाओं व बच्चों ने मेले का भी जमकर लुत्फ उठाया । वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। श्रद्धालुओं से पुलिस अधिकरी अधिक गहरे पानी में स्नान न करने जाने की अपील करते रहे । वहीं अनहोनी से बचने के लिए स्टीमर व गोताखोर गंगातटों पर तैनात रहे ।डीएम व एसपी की अगुवाई में पुलिस बल अलर्ट रहा । इसके अलावा गंगा तटों पर महिलाओं के लिए चेंज रूम व शौचालय की भी व्यवस्था रही । वहीं बेहतर सुविधाओं का लाभ पाकर महिला व पुरुष स्नानार्थी प्रसन्नचित रहे।