सड़क के चौड़ीकरण में डीएफओ की अनियमितता का एमएलसी ने उठाया मुद्दा
*सड़क के चौड़ीकरण में डीएफओ की अनियमितता का एमएलसी ने उठाया मुद्दा*
*वन विभाग की जमीन छोड़ रिहायशी इलाकों की जमीन अधिग्रहीत करने का मामला*
सुल्तानपुर। रतनपुर तिराहे से गोलाघाट तक सड़क के चौड़ीकरण में डीएफओ अमित सिंह की निगरानी में हुई अनियमितता का मुद्दा एमएलसी देवेंद्र सिंह ने उठाया है। उन्होंने वन विभाग की जमीन छोड़कर रिहायशी इलाके की जमीन अधिग्रहीत करने का मामला उठाया है। मामले में डीएम ने जांच का निर्देश दिया है।
रतनपुर तिराहे से गोलाघाट तक सड़क के चौड़ीकरण का कार्य किया जाना है। तिराहे से केएनआईटी गेट तक चौड़ीकरण का यह कार्य सड़क के पूर्वी छोर से किया जाना प्रस्तावित रहा है। उसके बाद पूर्वी और पश्चिमी दोनों किनारे की तरफ की जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि चौड़ीकरण का यह कार्य पश्चिमी छोर से करना राजस्व एवम पर्यावरण के दृष्टिकोण से व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि सड़क के पश्चिम तरफ दुर्गाजी का मन्दिर, पुलिस चौकी,अनेक पेड, बिजली के खम्भों की लाईन तथा अनेक मकान चौड़ीकरण के दायरे में आ रहे है। इसके विपरीत सड़क के पूरब तरफ ग्राम समाज और वन विभाग की काफी जमीन है। चौड़ीकरण में बहुत ही कम मकान निर्माण कार्य के दायरे में आ रहे है। यदि सड़क के चौड़ीकरण का कार्य सड़क के सिर्फ पूरब की तरफ से ही कराया जाये तो कम राजस्व व्यय होगा तथा कम मकान प्रभावित होंगे एवं पर्यावरण को भी कम क्षति होने के साथ ही मन्दिर को भी कोई नुकसान नहीं होगा। एमएलसी के पत्र पर जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्सना ने जांच कराने का निर्देश दिया है।लंबित है चौड़ीकरण का काम।तत्कालीन सांसद मेनका गांधी ने यातयात की समस्या को देखते हुए सड़क के चौड़ीकरण का मामला उठाया था। लगभग दो साल पहले सड़क के चौड़ीकरण का आदेश हुआ है लेकिन अभी तक यह मूर्त रूप नही ले सका है। अब जमीन के अधिग्रहण में हीलाहवाली के चलते मामला और भी लटकने के आसार हैं।अवैध कब्जेदार भी कर रहे मुआवजे की मांग।वन विभाग की जमीन पर बड़ी संख्या में वर्षों से अवैध कब्जेदार जमीनों पर कब्जा किए हैं। ये लोग भी मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। वन विभाग की लापरवाही से अवैध कब्जेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
*अंकुरण फाउंडेशन से सर्वाधिक 77 बार रक्तदान करने पर डॉ आशुतोष श्रीवास्तव को किया गया सम्मानित।*
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