सुलतानपुर-जिमीकंद की खेती लागत कम मुनाफ़ा ज्यादा कर मालामाल हो सकते हैं किसान-एसएन चौधरी

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लागत कम और मुनाफा अधिक देने वाली फसल है जिमीकंद

 जिमीकंद की खेती कर मालामाल हो सकते हैं किसान-एसएन चौधरी

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सुलतानपुर । किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि विभाग की ओर से  किसानों को पारम्परिक खेती धान, गेंहू आदि फसलों के स्थान पर व्यवसायिक खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है और कृषि विभाग की यह पहल रंग भी ला रहा है । इसी बीच जिला कृषि अधिकारी एसएन चौधरी ने किसानों को कम लागत पर अधिक मुनाफा देने वाली यानी कि नकद फसल के रूप में जिमीकन्द ( सूरन ) की फसल बोने का सुझाव दिया है ।
                     जिला कृषि अधिकारी एसएन चौधरी ने बताया है कि जिमीकंद या सूरन बहुत महत्वपूर्ण कन्दवर्गीय फसल है । उन्होंने कहा कि सूरन या जिमीकंद एक ऐसी कन्दवर्गीय फसल होती है जो कि छाया सहिष्णुता , खेती में सुगमता ,उच्च उत्पादकता ,कीटों और फसली बीमारियों का कम प्रकोप ,नकद फसल व सही मूल्य के कारण काफी लोकप्रिय हो रही है । श्री चौधरी ने बताया कि यह सिर्फ पांच से छह महीनें की फसल होती है । उन्होंने बताया कि जिमीकंद का प्रवर्धन वानस्पतिक विधि से होता है । जिसके लिए पूर्ण कंद को काटकर लगाया जाता है । बुआई के लिए 200-400 ग्राम का कंद उपयुक्त होता है । उन्होंने कहा कि कंद को काटते समय यह ध्यान रखें कि एक कलिका अवश्य रहे । रोपण के पूर्व कंदों का एक ग्राम वावेस्टिन और 2 एमएल क्लोरोपायरिफॉस प्रति लीटर पानी में मिलाकर 15 मिनट तक डुबोकर करना चाहिए । बीज की मात्रा 16 से 20 कुंटल प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है । वर्षा आधारित बुवाई मई- जून के प्रथम सप्ताह में कर लेनी चाहिए । जिला कृषि अधिकारी श्री चौधरी ने बताया कि पत्ती धब्बा के लिए सहनशील होता है । यह एक खुजलाहट रहित प्रजाति है । इसकी खेती कर किसान अधिक उत्पादन के साथ अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं ।

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