सुलतानपुर-आरोपी तीन साल से जेल में,तीन बार जमानत खारिज,दरोगा ने विवेचना में निकाल दिया नाम,कोर्ट ने किया तलब

0 228

- Advertisement -

*लम्भुआ पुलिस ने नामजद चार आरोपियों को दी थी क्लीनचिट,कोर्ट ने किया तलब*
*आरोपियो के प्रभाव में दरोगा ने मनमानी तफ्तीश कर विवेचना में निकाल दिया था नाम*
*चार्जशीटेड आरोपी तीन साल से जेल में,हाईकोर्ट से तीन बार जमानत हो चुकी है खारिज*
*किशोरी को भगाने एवं दुष्कर्म मामले में आरोपियों की मुश्किलें बढ़ी*

कोर्ट न्यूज़-

- Advertisement -

सुलतानपुर। बारात विदा करने गयी किशोरी को बहलाकर भगा ले जाने एवं दुष्कर्म के मामले में लंभुआ पुलिस ने चार नामजद आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी। स्पेशल जज पाक्सो एक्ट आरपी सिंह की अदालत ने अभियोजन की अर्जी पर संज्ञान लेते हुए चारों आरोपियों को विचारण के लिए तलब किया है। अदालत ने आरोपियों के विरुद्ध सम्मन जारी कर मामले में सुनवाई के लिए आगामी 12 जून की तिथि नियत की है।
मामला लंभुआ थाना क्षेत्र के खसड़े पर्वतपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले आरोपी महेंद्र यादव उर्फ भोलू,सह आरोपी राम बहादुर,सिकंदर, सगे भाई राज नरायण व राम भारत के खिलाफ पीड़िता की मां ने 22 अप्रैल 2016 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी नाबालिग पुत्री गांव में ही एक बारात विदा करने गयी थी। इसी दौरान आरोपीगण बहलाकर उसे अपने साथ भगा ले गये आैर चार आरोपियों ने महेंद्र यादव के साथ पीड़िता को अकेला छोड़कर वापस लौट गये। जहां पर महेंद्र यादव ने पीड़िता से दुष्कर्म किया और अगले दिन उसे गांव के पास छोड़कर फरार हो गया। इस मामले में पीड़िता नेे कोर्ट के समक्ष दिये गये 164 दप्रस के बयान में सभी आरोपियों का रोल बताया था। अभियोजन के गवाहो ने भी पुलिस को दिये बयान में पूरी बात अंकित कराई थी। बावजूद इसके पुलिस ने मनमानी ढंग से विवेचना करते हुए आरोपीगण राम बहादुर,सिकंदर,राज नरायण व राम भारत को उनके ही करीबियों का शपथ पत्र दाखिल कर मनमाना बयान दर्ज करते हुए क्लीन चिट दे दी आैर अकेले ही महेंद्र यादव के खिलाफ किशोरी को बहलाकर भगाने एवं दुष्कर्म समेत अन्य मामलों में चार्जशीट दाखिल की। मामले में आरोपी महेंद्र यादव घटना के कुछ दिनों बाद से ही जेल में निरुद्ध हैं। जिसकी जमानत अर्जी सेशन कोर्ट से एवं हाईकोर्ट से तीन बार खारिज हो चुकी है। मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चल रहा है। अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता सीएल द्विवेदी एवं निजी अधिवक्ता अंकुश यादव ने अभियोगिनी एवं पीड़िता को परीक्षित कराया। जिनके बयान में पुलिस से क्लीन चिट पाये चारों आरोपियों की भी घटना में अहम भूमिका बतायी गयी है।मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से दप्रसं 319 के अंतर्गत क्लीन चिट पाये चारों आरोपियों को विचारण के लिए तलब करने की मांग की गयी। जिस पर सुनवाई के पश्चात स्पेशल जज पाक्सो एक्ट आरपी सिंह ने चारों आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त आधार पाते हुए उन्हें भादवि की धारा 363,366 व 7/8 पाक्सो एक्ट में विचारण के लिए तलब किया है। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ सम्मन जारी करने का आदेश दिया है। मामले में सुनवाई के लिए  12 जून की तिथि नियत की गयी है।