#शूटरवर्तिकासिंह मामले में #अयोध्या जिले के #डॉरजनीशसिंह ने #एमपी-एमएलएकोर्ट में किया #सरेंडर।
पीएम व आयुष राज्य मंत्री संदर्भित फर्जी लेटर वायरल करने के आरोप से जुड़े मामले में अयोध्या जिले के डॉ रजनीश सिंह ने एमपी-एमएलए कोर्ट में किया सरेंडर,कोर्ट ने भेजा जेल
तफ्तीश के दौरान प्रकाश में आया रजनीश सिंह का नाम,जिला न्यायालय व हाईकोर्ट से भी राहत न मिलने एवं कुर्की आदेश जारी होने के बाद हरकत में आये डॉक्टर ने किया समर्पण
करीब नौ महीने पूर्व स्मृति ईरानी के निजी सचिव कहे जाने वाले विजय गुप्ता ने वर्तिका सिंह व पूर्व सांसद कमल किशोर के खिलाफ मुसाफिरखाना थाने में नामजद दर्ज कराया था मुकदमा
वर्तिका सिंह ने स्मृति ईरानी व उनके करीबियों के खिलाफ दायर किया है धोखाधड़ी व मानहानि से जुड़ा दो मुकदमा,हाईकोर्ट व एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा मामला
रिपोर्ट-अंकुश यादव
सुलतानपुर/अमेठी। केंद्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर धोखाधड़ी एवं लाखों की डिमांड के आरोप से जुड़े मामले में केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी एवं उनके निजी सचिव विजय गुप्ता के साथ आरोपी बनाए गए अयोध्या जिले के डॉ रजनीश सिंह ने केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव विजय गुप्ता के जरिए ही दर्ज कराए गए आयुष मंत्रालय एवं पीएम से संबंधित फर्जी लेटर वायरल करने व छवि धूमिल करने के मामले में नाम प्रकाश में आने पर कोर्ट की सख्ती के बाद सरेंडर कर दिया। जिसकी रिमांड स्वीकृत कर एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पीके जयंत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है। इंटरनेशनल शूटर की अर्जी में स्मृति ईरानी के ही करीबी बताये जा रहे रजनीश सिंह के ही जेल जाने से मामले में नया मोड़ आने से प्रकरण चर्चा में आ गया है।
मामला मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर बीते 23 नवंबर को स्मृति ईरानी के निजी सचिव कहे जाने वाले विजय गुप्ता ने इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह एवं पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक इन लोगों के जरिए अभियोगी विजय गुप्ता के नाम से आयुष राज्य मंत्री भारत सरकार व पीएम को संदर्भित फर्जी लेटर वायरल कर छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया। इस मामले में वर्तिका सिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली थी, जिन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी। वहीं वर्तिका सिंह ने भी केंद्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर स्मृति ईरानी, उनके निजी सचिव विजय गुप्ता व इनके करीबी कहे जाने वाले अयोध्या जिले के डॉक्टर रजनीश सिंह के खिलाफ 25 लाख की डिमांड करने व धोखाधड़ी समेत अन्य आरोपों में पुलिस से सुनवाई ना होने पर मुकदमा दर्ज कराने व जांच की मांग को लेकर एमपी-एमएलए कोर्ट की शरण ली थी, जहां पर अदालत ने बीते फरवरी माह में उनकी अर्जी को खारिज कर दिया था, हालांकि उन्होंने अब एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट की शरण ली है,जहां पर उनकी याचिका अभी विचाराधीन है। वहीं यह प्रकरण सामने आने के बाद स्मृति ईरानी के जरिए वर्तिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने की बात सामने आई थी,बयान से आहत वर्तिका सिंह ने स्मृति ईरानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी एमपी-एमएलए कोर्ट में दाखिल किया है। जिसमें कोर्ट ने गौरीगंज एसओ को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के संबंध में जांच का भी आदेश दिया था, जिसकी जांच पूरी कर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दो दिन पूर्व दाखिल भी कर दी है। मामले में वर्तिका के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने कोर्ट से सील बंद लिफाफे में आई रिपोर्ट के बारे में उन्हें भी जानकारी देने के पश्चात मामले में बहस सुनने की मांग की है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की है। वहीं निजी सचिव विजय गुप्ता के जरिए मुसाफिरखाना में दर्ज कराए गए मामले में नया मोड़ आ गया है, जिसमें पुलिस ने अपनी तफ्तीश के दौरान अयोध्या जिले के रहने वाले डॉ रजनीश सिंह का नाम प्रकाश में लाया और उनके खिलाफ साक्ष्य मिलने पर कोर्ट से गैर जमानतीय वारंट एवं कुर्की की कार्रवाई के लिए आदेश भी प्राप्त कर लिया। पुलिस के मुताबिक डॉ रजनीश सिंह इस मामले में वांछित चल रहे थे, जो पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे थे, हालांकि गिरफ्तारी को लेकर बढ़ रहे पुलिसिया दबाव के चलते डॉ रजनीश सिंह ने एमपी- एमएलए कोर्ट में सरेंडर अर्जी दी थी, जिस पर सुनवाई कर अदालत ने मुसाफिरखाना थाने से आख्या तलब की थी। जिसमें पुलिस ने उन्हें भादवि की धारा-419,420,467,468,120बी,509 एवं 66 व 67-सी आईटी एक्ट की धारा में वांछित बताया था। मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट से मिले कुर्की आदेश की जानकारी मिलने के बाद हरकत में आए डॉ रजनीश सिंह ने शुक्रवार को अपने अधिवक्ता रविवंश सिंह के माध्यम से एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिनकी रिमांड स्वीकृत कर अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है। डॉ रजनीश सिंह के अधिवक्ता रविवंश सिंह का कहना है कि उनके मुवक्किल रजनीश सिंह को गलत तथ्यों के आधार पर पुलिस के जरिये आरोपी बना दिया गया है, जबकि सही मुल्जिमो को पुलिस पकड़ने व उनका नाम सामने लाने का प्रयास ही नहीं कर रही है। वहीं वर्तिका की अर्जी में स्मृति ईरानी व उनके निजी सचिव कहे जाने वाले विजय गुप्ता के साथ आरोपी बने रजनीश सिंह के जरिए अभियोगी विजय गुप्ता के जरिए ही दर्ज कराए गए मुकदमे में मुल्जिम पाए जाने एवं उनके जरिए सरेंडर किए जाने से तरह-तरह के चर्चाएं उठनी शुरू हो गई हैं। इस संबंध में निजी सचिव विजय गुप्ता के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि डॉ रजनीश सिंह सारे मामले का कर्ता-धर्ता है, जिसके जरिये ही सारा कुचक्र रचकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व उनके निजी सचिव विजय गुप्ता एवं वर्तमान सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया, जिसके खिलाफ मिले साक्ष्य के आधार पर ही उसे मामले में अभियुक्त बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विजय गुप्ता के जरिए उन्हें मुकदमे में अभियोजन पैरवी के लिए नियुक्त किया गया है, जिसके आधार पर वह रजनीश सिंह के खिलाफ अभियोजन पक्ष की पैरवी करेंगे। वहीं इस संबंध में वर्तिका सिंह का कहना है कि विजय गुप्ता ने उन्हें गलत तथ्यों के आधार पर महज उन लोगो के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से दबाव बनाने के लिए मामले में नामजद कर दिया था, जबकि उनके ही लोगों ने फर्जी लेटर भी जारी किया था,जिसकी जानकारी मिलने पर वर्तिका ने प्रधानमंत्री व उनके निजी सचिव विजय गुप्ता के स्तर पर सारी सूचनाएं उनको अपने खिलाफ केस दर्ज होने के पहले ही दे दी थी, लेकिन जब वर्तिका ने स्मृति ईरानी व उनके करीबियों के खिलाफ धोखाधड़ी के संबंध में आवाज उठाया और रिकार्डिंग आदि पेश किया तो उन्हें मुकदमे में नामजद कर दिया गया। इस तरीके से वह अपने को प्रकरण में निर्दोष बता रही हैं। हालांकि इस मामले में रजनीश सिंह के आरोपी बनने से मामले में नया मोड़ आ गया है।