अगर दुर्गापूजा की भव्यता और दिव्यता का दीदार करना है तो दशहरे से सुलतानपुर की देखे ऐतिहासिक महोत्सव।आइये जानते है कब से हुआ शुरू।।
इस पूजा महोत्सव के आकर्षक का केन्द्र मूर्ति विसर्जन, जो परंपरा से हटकर पूर्णिमा को सामूहिक शोभायात्रा के रूप में शुरू होकर करीब 48 घंटे में होता है सम्पन्न
सुल्तानपुर: भारत देश में कलकत्ता शहर के बाद अगर दुर्गापूजा की भव्यता और दिव्यता का दीदार करना है तो उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर ही माकूल विकल्प है। यहां मां भगवती की नौ दिन तक आराधना के बाद दशहरा से पंडालों की सजावट शुरू होती है और पांच दिनों तक अलग अलग तरह से होने वाली भव्य सजावट और दुर्गा जागरण से शहर अलौकिक हो उठता है। इसे देखने के लिए देश भर से लोग शामिल होते है। दरअसल प्रत्येक जनपदों में शारदीय नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं जबकि सुलतानपुर जनपद एकलौता हैं जहां दुर्गापूजा महोत्सव मानता है जो अष्टमी से शुरू हो कर पुन्नावासी को महोत्सव का समापन किया जाता है।
सुलतानपुर में 62 वर्ष से चले आ रहे दुर्गा पूजा महोत्सव में पिछले वर्ष तक जिले में कुल 895 स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित होती रही हैं। जिले में दुर्गा पूजा महोत्सव का बड़ा महत्व है। पूरे जनपद में इस महोत्सव को उल्लास के साथ मनाया जाता है। शहर में ही करीब 200 पंडाल बनाए जाते हैं।
इस पूजा के आकर्षक का केन्द्र मूर्ति विसर्जन होता है, जो परंपरा से हटकर पूर्णिमा को सामूहिक शोभायात्रा के रूप में शुरू होकर करीब 48 घंटे में सम्पन्न होता है।
जाने सुलतानपुर जनपद में कब से शुरू हुआ दुर्गापूजा महोत्सव,कहाँ पहले चलने वाली मशहूर मूर्ति को बहुत दूर से देखने आते थे श्रद्धालु अब भी क्या चलती हैं मूर्ति।
Sultanpur Durga Puja 2024 | Durga Puja Sultanpur 2024 | 1959 सालों से चल रहा है दुर्गापूजा महोत्सव।
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