मुझे फक्र है कि मेरे बाबा मुंशी थे।25 मुकदमे वाला अपराधी मुझसे क्या रखेगा रार-विनोद सिंह।बांग्लादेश व सद्दाम हुसैन की हश्र का दिया उदाहरण। कहा शुरुआत है अभी।

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सुल्तानपुर।


यूपी के सुल्तानपुर जिले की सबसे चर्चित मायंग क्षत्रप का धनपतगंज में 63 वर्षों से ब्लॉक प्रमुख पद को लेकर चला आ रहा मिथक टूट गया है।देश की आजादी से आज तक सुलतानपुर के धनपतगंज के ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी भद्र परिवार के आसपास ही रही।हुए इस प्रमुख पद के उप चुनाव भाजपा की पार्वती देवी ने पूर्व विधायक स्व. इंद्रभद्र सिंह की पत्नी साथ ही पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू और पूर्व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू की मां, सपा प्रत्याशी उषा सिंह को दो वोटों के अंतर से हराकर आज़ादी के बाद पहली बार ‘भद्र परिवार’ से ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी छीन ली है।कोर्ट के आदेश के बाद हुए उप चुनाव में दोनों खेमो की तरफ से बयान बाजी भी चली जिसमे पूर्व प्रमुख मोनू सिंह का बयान खासा चर्चा में रहा जब उन्होंने वर्तमान विधायक विनोद सिंह के पिता पर टिप्पणी कर दी कि यह क्या थे इनके पिता मुंशी थे।आइये पहले सुनते हैं पूर्व प्रमुख यश भद्र सिंह मोनू का बयान।

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*प्रमुख मोनू सिंह के मुंशी वाले बयान पर विनोद सिंह ने बाद में दे दिया जबाब,कहा कि हश्र तो होना ही है, यह तो अब शुरुआत है?….*

इस बयान के बाद सुल्तानपुर विधायक तिलमिला उठे। और चुप रह कर अपनी गोट बिछाने लगे। यह कुर्सी ऐसे ही नही छीन गई इसके लिए वर्तमान विधायक सुल्तानपुर विनोद सिंह को इस खेल में विसात बिछानी पड़ी। तब जा कर यह कुर्सी हासिल कर पाए।

हो रहे उप चुनाव पर मतदान के दिन पूर्व ब्लाक प्रमुख मोनू सिंह ने मीडिया से क्या पहले हम आप को सुनवाते हैं फिर हम अपने दर्शकों को यहाँ धनपतगंज ब्लाक का पुराना इतिहास बताएंगे।

हम अपने दर्शकों को यहां का थोड़ा पूर्व का इतिहास बताना चाहते हैं। देश की आज़ादी के बाद से पहले धनपतगंज ब्लाक प्रमुख रहे स्व. बाबू शारदा प्रसाद सिंह से लेकर 2024 तक ये पद स्थानीय क्षत्रप रहे मायंग गांव के ‘भद्र परिवार’ के ही पास रहा। स्व.शारदा सिंह के बाद उनके पुत्र स्व.इंद्रभद्र सिंह, पुत्रवधू उषा सिंह और फिर पौत्र यशभद्र सिंह मोनू ने क्रमशः दशकों से लगातार निर्विरोध ब्लाक प्रमुख होते रहे। इसे दबदबा कहें या कुछ और। फिलहाल अभी उप चुनाव के पूर्व तक यशभद्र सिंह मोनू के पास प्रमुखी रही लेकिन एक आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाने के कारण उपचुनाव की नौबत आई तो भाजपा ने मौका देख कर सटीक वार कर दिया। भद्र परिवार का पर्याय बन चुके प्रमुख पद के लिए बीडीसी सदस्य दलित महिला पार्वती को उतार दिया मैदान में निवर्तमान प्रमुख मोनू सिंह की मां उषा सिंह के खिलाफ मैदान में। भाजपा के रणनीतिकार बने शहर विधायक पूर्व मंत्री विनोद सिंह। बीडीसी सदस्यों से पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए उन्होंने ‘चाणक्य’ की भूमिका निभाते हुए मायंग व धनपतगंज के मिथक को तोड़ते हुए धनपतगंज प्रमुख की कुर्सी भी भाजपा की झोली में डाल दी। सपा प्रत्याशी को 81 वोटों में से 39 वोट मिले जबकि भाजपा को 42 वोट मिले। दो वोटों की इस जीत ने आज़ादी के बाद से धनपतगंज में कायम मिथक को तोड़ दिया है।

धनपतगंज ब्लॉक में पिछले 64 वर्षों से विकास के काम न होने का आरोप लगाते हुए विनोद सिंह ने कहा कि इलाके में एक भी विकास कार्य ब्लॉक के माध्यम से नहीं हुआ है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 81 बीडीसी सदस्यों से पूछें कि क्या उनके गांव में उनके नाम का कोई पत्थर लगा है। उन्होंने कहा कि 2 साल पहले इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन जांच को मैनेज कर लिया गया।

पार्टी प्रत्याशी के लिए खुलकर बैटिंग कर रहे चाणक्य विधायक विनोद सिंह ने उप चुनाव की जीत के बाद भद्र बंधुओं पर राजनैतिक हमला बोला। कहा मुझे फक्र है कि मेरे बाबा मुंशी थे।25 मुकदमे वाला अपराधी मुझसे क्या रखेगा रार। आगे कहा कि इन सब का हश्र तो होना ही होना है,। कहा इनकी तो अब शुरुआत है अभी।बांग्लादेश व सद्दाम हुसैन का दिया उदाहरण।