सुलतानपुर-16 नए परिषदीय विद्यालय पीएमश्री योजना में हुए चिह्नित, केंद्रीय विद्यालय अमहट का भी चयन हुआ पीएम श्री में ।*

0 111

- Advertisement -

*16 नए परिषदीय विद्यालय पीएमश्री योजना में चिह्नित*

सुल्तानपुर- पीएमश्री योजना के तहत चिह्नित विद्यालयों को अवस्थापना सुविधाओं से परिपूर्ण बनाया जाएगा। इसके पहले चरण में 31 विद्यालय इस योजना के लिए चिह्नित हुए थे अब राज्य परियोजना निदेशालय ने संख्या घटाकर 16 विद्यालयोें की लिस्ट भेजी है। इसमें 12 कंपोजिट विद्यालय और चार प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं।पीएमश्री योजना के तहत चयनित विद्यालयों में लाइब्रेरी, रीडिंग कार्नर, कंप्यूटर लैब, विज्ञान लैब, हाईटेक स्मार्ट क्लास, स्टाफ रूम, प्रशाधन, हैंड वाशिंग यूनिट, मिड-डे-मील शेड, भंडार गृह, किचन गार्डन, डिश वाशिंग यूनिट एवं यूटीलिटी यार्ड की व्यवस्था की जाएगी। सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों के लिए पर्याप्त स्थल व स्पोट्रर्स ग्राउंड की व्यवस्था होगी। प्रत्येक कक्षा कक्ष में फर्नीचर की व्यवस्था कराई जाएगी। विद्यार्थियों को हाईटेक शिक्षण व्यवस्था का लाभ मिलेगा।
*यह विद्यालय हुए चिह्नित-*
पीएमश्री योजना के तहत दूबेपुर के कंपोजिट विद्यालय पलिया, जयसिंहपुर के भभोट, कादीपुर के कटसारी, करौंदीकलां के हिंदुआबाद, कूरेभार के अकोढ़ी, कुड़वार के खादरबंसतपुर, मोतिगरपुर के काछाभिटौरा, अखंडनगर के अखंडनगर, भदैंया के सकरसी, धनपतगंज के चरथई, दोस्तपुर के पलियागोलपुर, दोस्तपुर नगर पंचायत के दोस्तपुर कंपोजिट विद्यालय को चयनित किया गया है।
इसके अलावा प्राथमिक विद्यालयों में बल्दीराय के तिरहुंत, कादीपुर नगर पंचायत के कादीपुर, प्रतापपुर कमैचा के प्राथमिक विद्यालय आनापुर और लंभुआ के प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर का चयन किया गया है। माध्यमिक विद्यालयों की सूची में शहर का एकमात्र विद्यालय केशकुमारी राजकीय बालिका इंटर काॅलेज को चयनित किया गया है।

- Advertisement -

केंद्रीय विद्यालय अमहट का चयन पीएम श्री में हुआ, पांच वर्षों में होगा ढांचागत विकास:-प्राचार्य
——————————
(सुल्तानपुर) केंद्रीय विद्यालय अमहट का चयन प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पीएम श्री के तहत किया गया है, जिसमें आगामी पाँच वर्षों तक ढांचागत विकास किया जाएगा। प्राचार्य के.पी. यादव ने प्रेस वार्ता में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक समावेशी एवं लचीली नीति है, इसमें औपचारिक शिक्षा 03 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों से शुरू हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 को लागू करते हुए कक्षा एक में प्रवेश 06 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर किया जा रहा है 121वीं सदी की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए यह शिक्षा नीति तैयार की गई है। प्राचार्य के.पी .यादव ने बताया कि बच्चों को पूर्व प्राथमिक कक्षाओं जिसे आंगनवाड़ी भी कह सकते हैं ,में दाखिला दिया जा रहा है साथ ही ‘FLN’ अर्थात मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता पर भी जोर दिया जा रहा है।प्राचार्य के.पी .यादव ने कहा कि निपुन भारत योजना के तहत जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं उनको प्राप्त करने हेतु पूर्ण योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।
प्राचार्य के.पी .यादव ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि
नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत बाल-वाटिका का संचालन कई केंद्रीय विद्यालयों में हो रहा है, जिसमें 03 वर्ष से ऊपर के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।
एक प्रश्न के जवाब में प्राचार्य श्री यादव ने कहा कि कक्षा एक में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों के लिए 12 सप्ताह का विद्याप्रवेश कार्यक्रम पिछले 03 वर्षों से लागू है, जिसमें बच्चे विद्यालय आते हैं और 03 घंटे तक आनंदप्रद अधिगम प्राप्त करते हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आधारभूत स्तर के लिए एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रुपरेखा का पालन किया जा रहा है। साथ-साथ कौशल विकास योजना के तहत इस विद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है।प्राचार्य महोदय ने बताया कि समय-समय पर विभिन्न हितधारको जैसे अभिभावक, समाज, प्रबंधन समिति के सदस्य आदि के साथ बैठक की जाती है और उनके सुझाव लिए जाते है जिससे गुणवत्ता में वृद्धि की जा सके । विद्यालय के शिक्षको का प्रशिक्षण राष्ट्रीय, संभागीय एवं विद्यालय स्तर पर किया जाता है। विद्यायांजलि पोर्टल पर इस विद्यालय को पंजीकृत किया जा चुका है तथा पी एम ई विद्या योजना के तहत विभिन्न प्लेटफार्म पर उपलब्ध सामग्रियों का शिक्षको द्वारा सदुपयोग किया जाता है।प्राचार्य श्री यादव ने कहा कि विद्यालय में आर एफ लीज लाइन लगी है जिससे सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त इंटरएक्टिव बोर्ड, विजुअलाइजर क्रोमबुक, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, टेलीविजन जादि दृश्य-श्रव्य सामग्री भी विद्यालय में उपलब्ध है ।उन्होंने बताया कि
बेहतर अधिगम वातावरण के लिए समय-सारणी का निर्धारण और उसका पालन किया जाता है। शिक्षकों द्वारा सत्र की शुरुआत में ही लक्ष्य निर्धारित कर लिए जाते हैं और उन्हें प्राप्त करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाती है, यहां तक कि शीतकालीन अवकाश के दौरान भी अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जाती है। परिणामस्वरूप इस वर्ष इस विद्यालय का बोर्ड परीक्षा का परिणाम कक्षा बारहवी के लिए 98.4% तथा कक्षा दसवीं के लिए 99.24% रहा। इसी विद्यालय की मानविकी वर्ग की छात्रा कुमारी रुस्दा शाकिर ने 98.4% अंको के साथ पूरे सुल्तानपुर जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त किया। विद्यालय की छात्रा अनन्या श्रीवास्तव ने रूट-2-रुट प्रतियोगिता में उत्तरी क्षेत्र के अंतर्गत कथक शैली के नृत्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया। हाल ही में संपन्न संभागीय क्रीडा प्रतियोगिता में हमारे विद्यालय के छात्र छात्राओं ने कुल मिलाकर 14 पदक अपने नाम किए, जिनमें 06 स्वर्ण पदक, 07 रजत पदक तथा 01 कांस्य पदक शामिल है। विद्यालय के 04 विदयार्थियों – सोनाक्षी कनौजिया, सचिन यादव, दीपा यादव, शशांक यादव का चयन राष्ट्रीय स्तर की खेलकूद प्रतियोगिता के लिए हो चुका है। सत्र 2022-23 के लिए इस विद्यालय को स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुआ है।इस मौके पर सेठ एम आर जयपुरिया स्कूल ,शेम्फोर्ड स्कूल, नवोदय विद्यालय ,सेंट जोसेफ स्कूल धंमौर,सूर्या एकेडमी विद्यालय समेत कई स्कूल के प्रधानाचार्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।

*ठगी का नायाब तरीका,पुराने जमाने में 20 रुपये में उम्रदराज महिला से करा दे रहे थे शादी,चार दिन रुकी रही बारात,FIR हुई थी दर्ज,अब ऑनलाइन करते वक्त यह रोचक वाक्या आ रहा है सामने, क्या था पूरा मामला देखे रिपोर्ट।*

पुराने जमाने में 20 रुपये में उम्रदराज महिला से करा दे रहे थे शादी,चार दिन रुकी रही बारात,FIR हुई थी दर्ज,अब ऑनलाइन करते वक्त यह रोचक वाक्या आ रहा है सामने, क्या था पूरा मामला देखे रिपोर्ट।