सुलतानपुर-त्रि दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का महर्षि विद्या मंदिर में हुआ शुभारंभ।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुल्तानपुर, प्रधानाचार्य महर्षि विद्या मंदिर सुल्तानपुर जे एन उपाध्याय व संयुक्त निदेशक महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय परिवार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।

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त्रि दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का महर्षि विद्या मंदिर में हुआ शुभारंभ

महर्षि विद्या मंदिर सुल्तानपुर के प्रांगण में आज गुरुवार को त्रि दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ शुभारंभ जिसमें महर्षि विद्या मंदिर परिवार के विभिन्न जनपदों के शिक्षक शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुल्तानपुर, प्रधानाचार्य महर्षि विद्या मंदिर सुल्तानपुर जे एन उपाध्याय व संयुक्त निदेशक महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय परिवार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। तत्पश्चात सभी उपस्थित लोगों ने ध्यान शिक्षक शैलेंद्र पाण्डेय के नेतृत्व में परंपरागत गुरु पूजा के साथ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई। इसके बाद प्रधानाचार्य महर्षि विद्या मंदिर सुल्तानपुर ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया और इस कार्यशाला के विषय में अवगत कराया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुल्तानपुर ने इस कार्यशाला की प्रशंसा करते हुए समन्वय की भावना एवं अनवरत सीखने सिखाने की प्रक्रिया को जारी रखने की बात कही और संयुक्त कार्यशाला की बड़ी सराहना की।

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महर्षि विद्या मंदिर सुल्तानपुर की शिक्षिका वंदना सिंह ने चेतना में निहित ज्ञान को ही सर्वोपरि कहा इसी को विस्तारित करते हुए विद्यालय की शिक्षिका कंचन श्रीवास्तव ने कहा कि जब हमारी चेतना निर्मल होगी हमारा तन और मन दोनों स्वच्छ होगा तभी हम स्वस्थ समाज व विश्व में शांति स्थापित करने की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।

कार्यशाला का दूसरा सत्र विद्यालय के शिक्षक पुष्कर तिवारी के द्वारा प्रारंभ हुआ जिसमें उन्होंने महर्षि के सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आदर्श संवाद एवं व्यवहार छात्र- छात्राओं के साथ सामूहिक रूप से समावेशी शिक्षा को आगे बढ़ाने का कार्य करता है। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है इसलिए शिक्षक को स्वयं आदर्श स्थापित करना चाहिए क्योंकि बच्चे व समाज दोनों का वह दर्पण होता है। आलोचनात्मक शिक्षा को नकारते हुए सकारात्मक शिक्षा पर जोर देने की भी बात कही।

कार्यशाला के तृतीय सत्र में अखिलेश सिंह महर्षि विद्या मंदिर गोरखपुर के द्वारा कक्षा प्रबंधन पर प्रकाश डाला गया। इस संदर्भ में उन्होंने महर्षि चेतना आधारित शिक्षा मनोविज्ञान ,आदर्श व्यवहार, बच्चों द्वारा ही क्लास के नियम बनाए जाने, व आपस में सहयोग की भावना उत्पन्न करने, शिक्षण की रूपरेखा आदि पर विस्तार से चर्चा की।
चतुर्थ सत्र का शुभारंभ संचिता मिश्रा महर्षि विद्या मंदिर गोरखपुर ने महर्षि महेश योगी द्वारा प्रतिपादित सृजनात्मक विज्ञान बल दिया तथा उन सोलह सिद्धांतो पर अपने विचार व्यक्त करते हुए क्लास का माहौल तनाव रहित एवं प्रसन्न चित्त बनाए रखने के तरीके पर सारगर्भित विचार व्यक्त किया।
इस शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला में महर्षि विद्या मंदिर परिवार के गोरखपुर के सेवई, रुस्तमपुर, बस्ती, गोंडा, बाराबंकी, सुल्तानपुर के शिक्षक शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया।

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