मन को द्रवित करने वाला शोसल मीडिया पर वायरल हुआ एक ग्रामीण का अपने क्षेत्र की सड़क की व्यथा,लिखा है कि “ऊंट की सवारी और कमर की बीमारी दोनों का मजा देती है यह सड़क”।
10 जून 2023
सुलतानपुर (उ.प्र.)
*कटका मायंग रोड न हुयी, नौटंकी की हद हो गयी….*
*धन के लिए लखनऊ की तरफ निहार रहे निरीह अधिकारी…*
पूरा जिला जानता है, कि इस रोड पर 14 किमी में 140 से अधिक बड़े गड्ढे हैं। बल्दीराय तहसील के एस.डी.एम. महोदय भी अब कुछ वर्षों से 8 किमी घूम घूम कर जिला मुख्यालय आने जाने लगे हैं। क्योंकि ये रोड पिछले कुछ वर्षों से ऊंट की सवारी और कमर की बीमारी दोनों का मजा देती है। आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं का झंझट भी बड़ा है।
लेकिन धनपतगंज क्षेत्र के लगभग 40 गांवों के वे लाखों लोग जिनके लिए यह रोड लाइफ लाइन है, आखिर वो इस ध्वस्त सड़क को छोड़ कर जायें तो कहां जायें …??
जनपद के सामाजिक और राजनैतिक गलियारों में कई वर्षों से यह प्रकरण एक बड़ा सवाल बन कर खड़ा है।
लेकिन सच है कि इसके निस्तारण के नाम पर न तो शासन और प्रशासन ने ठीक समय पर इच्छा शक्ति दिखाई और न ही जनपद के तमाम नेताओं ने..!!
बीच के करीब दो वर्षों को छोड़ दिया जाय, तो पिछले लगभग 10 वर्षों से ये सड़क यूं ही ध्वस्त है।
खबरों की सुर्खियों के चलते धनपतगंज क्षेत्र के ग्रामीणों में इन दिनों, इस सड़क के निर्माण की मांग तेज हो गई है।
गत 05 जून 2023 को जन आह्वान पर उठी मुहिम के तहत हम, धर्मेश मिश्र टीकर और अनूप चौबे गरथौली, क्षेत्र के दर्जनों गांवों के युवाओं, ग्रामीणों के साथ जिलाधिकारी महोदय को सम्बोधित ज्ञापन सौंपने जिला मुख्यालय पहुंचे। जहां शशांक पांडेय जी ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर मुद्दे पर समर्थन किया।
उपजिलाधिकारी महोदय ने चार दिन में समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया।
वे चार दिन आज बीत गए हैं…! नतीजा सिर्फ ये निकला है कि जिले के सिस्टम ने लिखित तौर पर साफ कर दिया है, कि प्रकरण में सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं परन्तु काम कराने के लिए हमारे पास धन नहीं है। जब तक प्रदेश मुख्यालय से इसके बजट का वित्त नहीं रिलीज कर रहे हैं, काम नहीं हो सकता है…!!
अजीब बात है कि इसका टेंडर होता है, फिर कैंसिल हो जाता है। और ये सब करते कराते हमारे जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा हो जाता है। और इधर जनता गड्ढों के झटकों का मजा लेती रह जाती है।
हां, ये बात और है कि जब भी सड़क बनेगी… श्रेय लेने के लिए जिले के सभी नेताओं की लाइन लग जायेगी। तो सवाल ये है कि गड्ढों का श्रेय कौन लेगा भाई…??
सत्ता पक्ष को इस मामले में डैमेज कंट्रोल करते हुये, टेंडर पास करवा कर बरसात के पहले काम शुरू करवाना चाहिये।
अन्यथा विपक्ष को चाहिये कि वो जन आकांक्षाओं का साथ देते हुये इसके निर्माण हेतु सतत सत्याग्रह चलाये।
हम दोनों पक्षों से इस अवसर का लोकतांत्रिक सदुपयोग करने का आह्वान करते हैं।
~ बृजेन्द्र नाथ तिवारी
मझवारा, सुलतानपुर