सुलतानपुर-एक बोतल यूरिया एक बोरी यूरिया को प्रतिस्थापित कर सकती है इससे हमारी मिट्टी जल एवं पर्यावरण की रक्षा होगी-डा.आर. के. नायक।
पं0 राम नरेश त्रिपाठी सभागार में नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी तरल प्रयोग पर आधारित ख़रीफ़ फसल विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन।*
*पं0 राम नरेश त्रिपाठी सभागार में नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी तरल प्रयोग पर आधारित ख़रीफ़ फसल विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन।*
सुलतानपुर 25 मई/नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी तरल प्रयोग पर आधारित ख़रीफ़ फसल विचार गोष्ठी का आयोजन इफ़को निदेशक विजय शंकर राय के मुख्य अतिथि के रूप में पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार सुल्तानपुर में आज दिनांक 25 मई 2023 को किया गया ।
कार्यक्रम मे विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, विधायक लंभुआ सीता राम वर्मा, राज्य विपणन प्रबंधक अभिमन्यु राय ,समिति के अध्यक्ष नरेंद्र पाठक , ज़िला कृषि अधिकारी ,सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सुल्तानपुर ,केवीके के वैज्ञानिक ,जनप्रतिनिधि तथा लगभग तीन सौ कृषक एवं महिला कृषकों ने भाग लिया। डा.आर. के. नायक उप महाप्रबंधक ने उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों एवं कृषकों को नैनो यूरिया के महत्व के बारे में समझाया कि किस प्रकार एक बोतल यूरिया एक बोरी यूरिया को प्रतिस्थापित कर सकती है इससे हमारी मिट्टी जल एवं पर्यावरण की रक्षा तो होगी ही साथ ही देश पर पड़ने वाले उर्वरक सब्सिडी के भारी भरकम बोझ से छुटकारा मिलेगा। नैनो यूरिया परंपरागत यूरिया का विकल्प है नैनो यूरिया परंपरागत यूरिया के मुकाबले सस्ता भी है एवं इसके प्रयोग से उत्पादन भी बढ़ता है दलहनी फसलों में 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर उपयोग किया जाता है, जबकि खाद्यान्न फसलों में 4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव किया जाता है ।
राज्य विपणन प्रबंधक अभिमन्यु राय ने बताया गया कि इफ़को द्वारा नैनो डीएपी भी इफ़को द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है, जो फसलों के लिये बहुत ही लाभदायक होगा । नैनो डी.ए.पी. से पाँच ml /किग्रा की दर से बीज को शोधन किया जाता है तथा 30 दिन पर इसका स्प्रे किया जाता है । इसके प्रयोग से जड़ों का भरपूर विकास होता है तथा मात्र छः सौ में उपलब्ध कराया जा रहा । उन्होंने नैनो यूरिया एवं नैनो डी.ए.पी. के प्रयोग अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि धान गेंहू गन्ना मेंथा की फसल में जिन किसान बंधुओं ने नैनो यूरिया के प्रयोग किया उनकों काफ़ी लाभ उपज के रूप मिला तथा बताया कि इसके प्रयोग से मेंथा कि फसल में नई निकले वाली शाखाओं एवं पतियों की अच्छी विकास होता है तथा तेल की मात्रा में भी वृद्धि होती है । यूरिया के प्रयोग से पतियों पर जो धब्बे पड़ जाती थी वह नैनो यूरिया डालने से कोई डब्बा नही पड़ा तथा लगभग सात लीटर तेल भी अधिक निकलता है ।
नैनो यूरिया का 15-15 दिन के अंतराल पर तीन छिड़काव करना अत्यंत लाभकारी है । राज्य प्रबंधक विपणन ने पानी में शतप्रतिशत घुलनशील उर्वरकों ,जैव उर्वरक तथा अन्य उत्पादों के बारे में जानकारी दिया । ज़िला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने नैनो यूरिया एवं नैनो डी.ए.पी. उपयोगिता एवम प्रासंगिकता विषय पर विस्तार से चर्चा किया और कहा कि आगे का समय नैनो तकनीक से विकसित उत्पादों का तथा कहा की सही प्रकार से सही समय सही मात्रा के साथ प्रयोग कर काफ़ी फ़ायदा प्राप्त कर सकते हैं ।लेकिन किसानों को समझा कर ही ये उत्पाद दिया जाय ।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अंकुर कौशिक ने सभी किसान बंधुओं से देश हित, मानव एवं समाज कल्याण हित में नैनो यूरिया एवं नैनो डी ए पी के प्रयोग करने की सलाह दिया और कहा कि आगे आने वाले दिन भारतीय कृषि में नैनो यूरिया एवम नैनो डी ए पी हा है । मा0 विधायक सीता राम वर्मा ने इफ़को के द्वारा निर्मित नैनो यूरिया नैनो डी.ए.पी. का अधिक से अधिक प्रयोग करें मैं पैंतीस वर्ष से इफ़को के विकास यात्रा में सम्मिलित रहा हूँ उत्पाद की गुणवत्ता सर्वोत्तम है । मुख्य अतिथ विजय शंकर राय ने अधिक से अधिक नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी प्रयोंग कृषकों को करने की सलाह दिया । उन्होंने सभी विक्रेता एवं अधिकारियों का अहवाहन किया तथा कहा कि आप नैनो यूरिया एवम नैनो डी ए पी की बिक्री कृषकों को समझा कर दें तथा उचित तरीक़े उपयोग कराना सुनिश्चित करें । निदेशक महोदय ने अवगत कराया कि अड़तालीस बोतल नैनो यूरिया की ख़रीद पर एक बैटरी चकित स्प्रेयर मात्र छः सौ रुपए क़ीमत पर इफ़को द्वारा कृषकों को सुविधा के तौर पर दिया जा रहा है ।
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जिला सूचना कार्यालय सुलतानपुर द्वारा जनहित में प्रसारित।