वर्तिका को जेल भेजने की कोशिशें हुई फेल,इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह को हाईकोर्ट से मिली सशर्त अग्रिम बेल।
इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह को हाईकोर्ट से मिली सशर्त अग्रिम बेल,वर्तिका को जेल भेजने की कोशिशें हुई फेल
हाईकोर्ट में याचिका पेंडिंग रहने व अन्य कार्यवाहियों के नाम पर काफी समय से गिरफ्तारी से बचती आ रही थी वर्तिका सिंह,आखिरकार हाईकोर्ट ने पर्याप्त आधार पाते हुए दे ही दी राहत
हाईकोर्ट से स्टे आदेश खत्म होने के बाद स्मृति ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता के अधिवक्ता लगातार वर्तिका को जेल भिजवाने के प्रयास में थे जुटे,वहीं वर्तिका ने तफ्तीश पर उठाए थे सवाल,अपने तर्क को वर्तिका पक्ष साबित करने में रहा सफल
पीएम एवं आयुष मंत्री को एक ही पत्रांक संख्या पर फर्जी लेटर जारी करने समेत अन्य आरोपो से जुड़ा है वर्तिका का मामला,वहीं वर्तिका ने भी केंद्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर स्मृति के करीबियों के खिलाफ लाखों की डिमांड करने एवं डिमांड न पूरी होने पर फर्जी केस दर्ज कराने का लगातार लगाती रही है आरोप
रिपोर्ट-अंकुश यादव
सुलतानपुर/अमेठी। केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता के जरिए वर्तिका एवं अन्य के खिलाफ आयुष मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री से संबंधित फर्जी लेटर तैयार करने समेत अन्य आरोपो से जुड़े मामले में चार्जशीटेड वर्तिका सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मामले में हाईकोर्ट ने वर्तिका सिंह की अग्रिम जमानत सशर्त स्वीकार कर ली है,जिससे वर्तिका को जेल भिजवाने की मंशा रखने वाले विपक्षियो की मंशा पर लाख प्रयासों के बावजूद भी पानी फिर गया है।
मालूम हो कि मुसाफिरखाना थाने में 23 नवंबर 2020 को स्मृति ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता ने इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह एवं पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो के खिलाफ आयुष राज्य मंत्री भारत सरकार व पीएम को संदर्भित फर्जी लेटर वायरल कर छवि धूमिल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप के मुताबिक स्मृति ईरानी ने अपने पैड लेटर पर जो पत्रांक संख्या डालकर अस्पताल सम्बन्धी सिफारिश की थी,उसी पत्रांक संख्या पर फर्जी लेटर तैयार कर वर्तिका और उनके सहयोगियों ने फर्जीवाड़े का खेल खेला। इस मामले में वर्तिका सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। मामले में पुलिस ने अपनी तफ्तीश के दौरान अयोध्या जिले के रहने वाले डॉ रजनीश सिंह का नाम प्रकाश में लाते हुए उन्हें मुल्जिम बनाया,जिन्हें कई दिन जेल काटने के बाद जमानत मिल सकी थी। पुलिस ने मामले में वर्तिका सिंह एवं तफ्तीश के दौरान प्रकाश में आये आरोपी डॉ रजनीश सिंह को चार्जशीटेड किया,जबकि पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो के विरुद्ध कोई साक्ष्य न मिलना दर्शाते हुए उन्हें क्लीनचिट दे दी। वर्तमान समय मे पूर्व सांसद कमल किशोर की पत्रावली अलग कर विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए योगेश यादव की अदालत में अग्रिम विवेचना के बिंदु पर प्रकरण विचाराधीन है। वहीं वर्तिका सिंह एवं डॉ रजनीश सिंह की पत्रावली अलग कर सुनवाई के लिए सीजेएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस पत्रावली पर सुनवाई के दौरान वर्तिका सिंह के अधिवक्ता के जरिये प्रकरण से जुड़ी याचिका हाईकोर्ट में पेंडिंग होने एवं सुनवाई का क्षेत्राधिकार न होने सम्बन्धी अर्जी देते हुए किसी प्रकार की कार्यवाही न जारी करने की मांग की गयी थी और इन्हीं अर्जियों पर सुनवाई लम्बित होने के चलते काफी दिनों तक वर्तिका के खिलाफ प्रपीड़क कार्यवाहियां थमी हुई थी। लेकिन अभियोगी विजय गुप्ता के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट से पूर्व में जारी स्थगन आदेश वापस ले लिये जाने का तर्क रखते हुए वर्तिका पर कार्यवाही की मांग की थी,जिसके बाद सीजेएम कोर्ट ने वर्तिका को कोई राहत देना उचित न मानते हुए उनके विरुद्ध एनबीडब्ल्यू जारी करने का आदेश जारी कर तलब कर लिया था,तबसे वर्तिका की मुश्किलें बढ़ गई थी और बिना कोर्ट में सरेंडर किये व उनके बिना जेल गये कोई बचाव का रास्ता भी नहीं दिख रहा था। फिलहाल वर्तिका सिंह न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताते हुए लगातार केस की पैरवी में लगी रही और उनके साक्ष्यो को नजरअंदाज कर बिना उपलब्ध साक्ष्यो की सच्चाई परखे सत्ता के दबाव में पुलिस के जरिये सरसरी तौर पर फर्जी चार्जशीट भेजने का तर्क रखा। मामले में कई पेशियों पर हुई लम्बी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव सिंह की बेंच ने उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर वर्तिका सिंह को अग्रिम जमानत पाने का हकदार मानते हुए सशर्त जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है। हाईकोर्ट से पारित इसी आदेश के क्रम में बुधवार को कोर्ट आकर वर्तिका सिंह ने बंधपत्र व जमानतनामा दाखिल किया। वहीं वर्तिका के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप से जुड़े मामले में भी स्मृति ईरानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। अपने पर लगे आरोपों के सम्बंध में वर्तिका सिंह का कहना है कि जब उन्होंने केंद्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर स्मृति ईरानी व उनके करीबियों के खिलाफ धोखाधड़ी व लम्बी डिमांड के संबंध में आवाज उठाई और रिकार्डिंग आदि पेश किया तो उन्हें फर्जी मुकदमो में फंसाया जाने लगा। वर्तिका ने कहा कि स्मृति ईरानी के अनुचित प्रभाव में इसके अलावा अन्य दो मुकदमो में भी उन्हें फंसाया गया था,फिलहाल उनके मुताबिक दो मुकदमो में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें क्लिनचिट मिल गई है,उन्होंने कहा धीरे-धीरे करके स्मृति ईरानी का झूठ जनता के सामने आ रहा है,उन्होने न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय नहीं हो पाएगा।इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह को हाईकोर्ट से मिली सशर्त अग्रिम बेल,वर्तिका को जेल भेजने की कोशिशें हुई फेल
हाईकोर्ट में याचिका पेंडिंग रहने व अन्य कार्यवाहियों के नाम पर काफी समय से गिरफ्तारी से बचती आ रही थी वर्तिका सिंह,आखिरकार हाईकोर्ट ने पर्याप्त आधार पाते हुए दे ही दी राहत
हाईकोर्ट से स्टे आदेश खत्म होने के बाद स्मृति ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता के अधिवक्ता लगातार वर्तिका को जेल भिजवाने के प्रयास में थे जुटे,वहीं वर्तिका ने तफ्तीश पर उठाए थे सवाल,अपने तर्क को वर्तिका पक्ष साबित करने में रहा सफल
पीएम एवं आयुष मंत्री को एक ही पत्रांक संख्या पर फर्जी लेटर जारी करने समेत अन्य आरोपो से जुड़ा है वर्तिका का मामला,वहीं वर्तिका ने भी केंद्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर स्मृति के करीबियों के खिलाफ लाखों की डिमांड करने एवं डिमांड न पूरी होने पर फर्जी केस दर्ज कराने का लगातार लगाती रही है आरोप
सुलतानपुर/अमेठी। केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता के जरिए वर्तिका एवं अन्य के खिलाफ आयुष मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री से संबंधित फर्जी लेटर तैयार करने समेत अन्य आरोपो से जुड़े मामले में चार्जशीटेड वर्तिका सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मामले में हाईकोर्ट ने वर्तिका सिंह की अग्रिम जमानत सशर्त स्वीकार कर ली है,जिससे वर्तिका को जेल भिजवाने की मंशा रखने वाले विपक्षियो की मंशा पर लाख प्रयासों के बावजूद भी पानी फिर गया है।
मालूम हो कि मुसाफिरखाना थाने में 23 नवंबर 2020 को स्मृति ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता ने इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह एवं पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो के खिलाफ आयुष राज्य मंत्री भारत सरकार व पीएम को संदर्भित फर्जी लेटर वायरल कर छवि धूमिल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप के मुताबिक स्मृति ईरानी ने अपने पैड लेटर पर जो पत्रांक संख्या डालकर अस्पताल सम्बन्धी सिफारिश की थी,उसी पत्रांक संख्या पर फर्जी लेटर तैयार कर वर्तिका और उनके सहयोगियों ने फर्जीवाड़े का खेल खेला। इस मामले में वर्तिका सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। मामले में पुलिस ने अपनी तफ्तीश के दौरान अयोध्या जिले के रहने वाले डॉ रजनीश सिंह का नाम प्रकाश में लाते हुए उन्हें मुल्जिम बनाया,जिन्हें कई दिन जेल काटने के बाद जमानत मिल सकी थी। पुलिस ने मामले में वर्तिका सिंह एवं तफ्तीश के दौरान प्रकाश में आये आरोपी डॉ रजनीश सिंह को चार्जशीटेड किया,जबकि पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो के विरुद्ध कोई साक्ष्य न मिलना दर्शाते हुए उन्हें क्लीनचिट दे दी। वर्तमान समय मे पूर्व सांसद कमल किशोर की पत्रावली अलग कर विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए योगेश यादव की अदालत में अग्रिम विवेचना के बिंदु पर प्रकरण विचाराधीन है। वहीं वर्तिका सिंह एवं डॉ रजनीश सिंह की पत्रावली अलग कर सुनवाई के लिए सीजेएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस पत्रावली पर सुनवाई के दौरान वर्तिका सिंह के अधिवक्ता के जरिये प्रकरण से जुड़ी याचिका हाईकोर्ट में पेंडिंग होने एवं सुनवाई का क्षेत्राधिकार न होने सम्बन्धी अर्जी देते हुए किसी प्रकार की कार्यवाही न जारी करने की मांग की गयी थी और इन्हीं अर्जियों पर सुनवाई लम्बित होने के चलते काफी दिनों तक वर्तिका के खिलाफ प्रपीड़क कार्यवाहियां थमी हुई थी। लेकिन अभियोगी विजय गुप्ता के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट से पूर्व में जारी स्थगन आदेश वापस ले लिये जाने का तर्क रखते हुए वर्तिका पर कार्यवाही की मांग की थी,जिसके बाद सीजेएम कोर्ट ने वर्तिका को कोई राहत देना उचित न मानते हुए उनके विरुद्ध एनबीडब्ल्यू जारी करने का आदेश जारी कर तलब कर लिया था,तबसे वर्तिका की मुश्किलें बढ़ गई थी और बिना कोर्ट में सरेंडर किये व उनके बिना जेल गये कोई बचाव का रास्ता भी नहीं दिख रहा था। फिलहाल वर्तिका सिंह न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताते हुए लगातार केस की पैरवी में लगी रही और उनके साक्ष्यो को नजरअंदाज कर बिना उपलब्ध साक्ष्यो की सच्चाई परखे सत्ता के दबाव में पुलिस के जरिये सरसरी तौर पर फर्जी चार्जशीट भेजने का तर्क रखा। मामले में कई पेशियों पर हुई लम्बी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव सिंह की बेंच ने उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर वर्तिका सिंह को अग्रिम जमानत पाने का हकदार मानते हुए सशर्त जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है। हाईकोर्ट से पारित इसी आदेश के क्रम में बुधवार को कोर्ट आकर वर्तिका सिंह ने बंधपत्र व जमानतनामा दाखिल किया। वहीं वर्तिका के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप से जुड़े मामले में भी स्मृति ईरानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। अपने पर लगे आरोपों के सम्बंध में वर्तिका सिंह का कहना है कि जब उन्होंने केंद्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर स्मृति ईरानी व उनके करीबियों के खिलाफ धोखाधड़ी व लम्बी डिमांड के संबंध में आवाज उठाई और रिकार्डिंग आदि पेश किया तो उन्हें फर्जी मुकदमो में फंसाया जाने लगा। वर्तिका ने कहा कि स्मृति ईरानी के अनुचित प्रभाव में इसके अलावा अन्य दो मुकदमो में भी उन्हें फंसाया गया था,फिलहाल उनके मुताबिक दो मुकदमो में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें क्लिनचिट मिल गई है,उन्होंने कहा धीरे-धीरे करके स्मृति ईरानी का झूठ जनता के सामने आ रहा है,उन्होने न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय नहीं हो पाएगा।
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