सुलतानपुर-पांच वर्षीय मासूम से कुकर्म के दोषी गुलशन कुमार को अदालत ने सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास।

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पांच वर्षीय मासूम से कुकर्म के दोषी गुलशन कुमार को स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास काटने की सजा,ठोंका 20 हजार का अर्थदंड

करीब सवा साल पहले कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के रहने वाले आरोपी गुलशन ने खेलने निकली बच्ची को बनाया था हबस का शिकार,कोर्ट से मिला करनी का परिणाम

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एफआईआर में सारी बातें आने के बावजूद पुलिस ने किया था धाराओं में खेल,मामले को हल्का करने के लिए पहले मात्र धारा 354 भादवि के साथ पाक्सो एक्ट की धारा में दर्ज किया था मुकदमा,पर कोर्ट के सक्रिय रवैये के डर से धारा-376 भादवि व पाक्सो एक्ट में भेजी चार्जशीट


सुलतानपुर। खेलने के लिए निकली पांच वर्षीय मासूम के प्राइवेट पार्ट से खेलने के आरोपी गुलशन कुमार को स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी करार दिया है। जिसे अदालत ने 20 वर्ष तक कठोर कारावास की सजा काटने एवं 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि कोतवाली देहात थाना क्षेत्र स्थित गौरा चौबे का पुरवा गांव के रहने वाले आरोपी गुलशन कुमार के खिलाफ 20 नवम्बर 2021 की घटना बताते हुए इसी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली अभियोगिनी ने स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना की तारीख पर करीब एक बजे दिन में उसकी पांच वर्षीय पुत्री खेलने के लिए निकली थी,इसी दौरान वहां से गुजर रहे आरोपी गुलशन कुमार की निगाह मासूम बच्ची पर पड़ गई। आरोप के मुताबिक आरोपी गुलशन ने अपनी घृणित सोच के चलते पीड़िता को ले जाकर अपनी उंगली से उसके प्राइवेट पार्ट से खेला। जिसके बाद रोते हुए किसी तरह से अपनी माँ के पास पहुँची मासूम ने आप बीती बयां की। इस मामले में अभियोगिनी ने एफआईआर में ही सारी बातों का जिक्र किया था,किंतु उस दौरान पुलिस ने आरोपी को अनुचित लाभ पहुँचाने की नीयत से या अन्य किसी स्वार्थ में मात्र भादवि की धारा-354 के साथ पाक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। जबकि एफआईआर में ही आई सारी बातों का समर्थन मासूम पीड़िता ने अपने सभी बयानों में किया था,लेकिन जज पवन कुमार शर्मा की अदालत का कड़ा रुख देखकर पुलिस भादवि की धारा-354 के साथ अन्य धाराओं में चार्जशीट भेजने की हिम्मत नहीं जुटा सकी,नतीजतन विवेचक ने भादवि की धारा-376 के साथ पाक्सो एक्ट की धारा-5/6 में चार्जशीट भेजी,क्योंकि विवेचक को शायद पता था कि कोर्ट में चार्जशीट प्राप्त होते समय उनकी कहानी टिक नहीं पाएगी और उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। फिलहाल जैसे-तैसे सही धाराओं में आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद प्रकरण का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत में चला। एक मासूम के साथ ऐसी घटना को अंजाम देकर मानवता को शर्मसार कर देने वाले इस घिनौनी वारदात से जुड़े मामले के विचारण में स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने भी पूरी सक्रियता दिखाई,नतीजतन सवा साल में ही मामले में फैसला आ गया। मामले के विचारण के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताने का पूरा प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रमेश चन्द्र सिंह ने आरोपी गुलशन कुमार के कृत्य को अत्यंत गम्भीर बताते हुए उसे दोषी ठहरा कर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने ऐसे अपराधी को देश, समाज व परिवार के लिए घातक मानते हुए उसे दोषी करार देकर अपराध की प्रकृति के अनुसार उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा काटने एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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