रूपई झील जहां पक्षियों का समूह अपने प्रभु श्रीराम का करता था गुणगान,लगभग 36 करोड़ में कायाकल्प करने की कवायद शुरू।
ऐतिहासिक धरोहर “रूपई झील” के दिन बहुत जल्द बहुरेंगे।
पौराणिक मान्यता यह है कि यहाँ भगवान श्रीराम के समय से पक्षियों का समूह अपने प्रभु श्रीराम का करता था गुणगान।
यहां रहता है साइबेरियन ,ऑस्ट्रेलियन और नेपाली पक्षियों जमावड़ा
98 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली इस झील के कायाकल्प की योजना फाइनल
सीडीओ ने लिया झील के जीर्णोद्धार का संकल्प
सुल्तानपुर।
जिले के लम्भुआ ब्लॉक क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध धोपाप धाम के बगल पर्यटन स्थल के रूप में विकसित “कमल सरोवर” फिर जिले के उत्तरी सीमा से सटे कूड़ेभार ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत अपने उद्गम स्थल से आजमगढ़ जिले की सीमा तक करीब 114 किमी से भी ज्यादा लम्बी मझुई नदी को पुनर्जीवित करने के काम को अमलीजामा पहनाने के बाद अखण्डनगर ब्लॉक क्षेत्र में करीब 98 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली रूपई( कन्हाई झील ) को पुनर्जीवित (पुनरोद्धार ) कराए जाने की योजना पर तेजी से अमल शुरू हो गया है ।
।इस संबंध में डीएम रवीश गुप्ता और सीडीओ अतुल वत्स ने जिम्मेदार मातहतों के बाद एक महत्वपूर्ण बैठक कर ताना- बाना तैयार कर लिया है । रूपई झील( कन्हाई झील ) ऐतिहासिक और पौराणिक है । यहां के निवासियों की मानें तो इसकी पौराणिक मान्यता यह है कि यह भगवान श्रीराम के समय से स्थित है । यहां पक्षियों का समूह अपने प्रभु श्रीराम का गुणगान करता था । लेकिन लोगों की अनदेखी और उपेक्षा के कारण इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया था । इस ऐतिहासिक झील को पुनर्जीवन देने का कार्य मनरेगा के तहत किया जाएगा । इस झील की विशेषता यह भी है कि यहां स्थानीय पक्षियों के साथ प्रवासी पक्षियों साइबेरियन ऑस्ट्रेलियन और नेपाली पक्षियों का जमावड़ा देखा जाता है । आसपास के जिलों के लोग यहां के विहंगम दृश्य देखने सर्दी के मौसम में पहुंचते हैं ।
सीडीओ ने लिया झील के जीर्णोद्धार का संकल्प
इस प्राचीन विरासत को संजोए रखने और रूपई झील को बचाने का सीडीओ अतुल वत्स ने संकल्प लिया है । मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने कहाकि रूपई झील के पुनरोद्धार का काम सामूहिक प्रयास से होगा । इसमें शासन, प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
पहले धोपाप धाम के पास पर्यटन स्थल के रूप में विकसित “कमल सरोवर” ,फिर त्रेतायुगीन 114 किमी से भी ज्यादा लम्बी ” मझुई नदी ” का हो रहा पुनरोद्धार और अब जिले के अखण्डनगर ब्लॉक क्षेत्र में 98 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली “रूपई झील” के संवारने ,उसका कायाकल्प कर उसको उसके पुराने स्वरूप में बहाल करने का बीड़ा डीएम रवीश कुमार गुप्ता और मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने उठाया है । 98 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली रूपई झील जो कन्हाई झील के नाम से भी जानी जाती है के पुनरोद्धार पर तकरीबन 35 करोड़ 67 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है । यह जानकारी उपायुक्त मनरेगा अनवर शेख़ ने दी ।
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