मझुई नदी का अस्तित्व बचाने में खर्च होगा 66 करोड़ 22 लाख रुपए।
मझुई नदी का अस्तित्व बचाने में खर्च होगा 66 करोड़ 22 लाख रुपए
जिले में 114 किमी से अधिक लम्बी है मझुई नदी
सुलतानपुर । अस्तित्व के संकट से जूझ रही या यूं कहें कि अपने अस्तित्व को लगभग खो चुकी जिले की मझुई नदी के अस्तित्व बचाने में 66 करोड़ 22 लाख रुपए की दरकार है । जिसके लिए मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स की तरफ़ से प्रदेश सरकार को पत्राचार किया जा रहा है । माना जा रहा है कि लगभग अस्तित्व विहीन हो चुकी मझुई नदी के दिन बहुत जल्द ही बहुरेंगे, क्योंकि उद्गम स्थल से जिले की सीमा तक नदी का जीर्णोद्धार कराया जाएगा,जो लगभग 114 किमी आजमगढ़ जिले की सीमा तक होगा ।
जिले में मझुई नदी की कुल लम्बाई 114 किमी 235 मीटर है ।
उपायुक्त मनरेगा अनवर शेख़ ने बताया कि मझुई नदी अपने उद्गम स्थल कूरेभार के दखिनवारा गांव के एक तालाब से निकल कर अंखडनगर होते हुए आजमगढ़ जनपद की सीमा में प्रवेश करती है। उद्गम स्थल से जिले में इसकी लंबाई कूड़ेभार ब्लॉक क्षेत्र में 27 किमी 800 मीटर , जयसिंपुर ब्लॉक क्षेत्र में 7 किमी 700 मीटर ,दोस्तपुर ब्लॉक क्षेत्र में 41किमी 800 मीटर और अखण्डनगर ब्लॉक क्षेत्र में 36 किमी 800 मीटर है ,यानी जिले में मझुई नदी की कुल लम्बाई 114 किमी 235 मीटर है ।
नदी के अस्तित्व बचने से किसानों को भी फायदा होगा
उपायुक्त मनरेगा अनवर शेख़ ने बताया कि दशकों से अस्तित्व के संकट से जूझ रही मझुई नदी का जीर्णोद्धार कराने का सीडीओ अतुल वत्स ने निर्णय लिया है। नदी के अस्तित्व बचने से किसानों को भी फायदा होगा। पिछले दिनों सिंचाई विभाग से सीडीओ ने रिपोर्ट मांगी थी। विभाग की रिपोर्ट मिलने के बाद उपायुक्त मनरेगा अनवर शेख़ ,जिला पंचायतराज अधिकारी आरके भारती, सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता के साथ सीडीओ अतुल वत्स कूरेभार के दखिनवारा गांव पहुंच कर जायजा ले चुके हैं ।
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