#सुल्तानपुर-#बहुचर्चित ‘अजीत यादव’ #हत्याकांड में अभियोजन का नहीं चला खेल,#भाजपा नेता एवं पूर्व #जिलापंचायतसदस्य प्रत्याशी को #तलब कराने की #मंशा हुई #फेल।
बहुचर्चित ‘अजीत यादव’ हत्याकांड में अभियोजन का नहीं चला खेल,भाजपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी को तलब कराने की मंशा हुई फेल
भाजपा नेता राजेंद्र मिश्रा एवं पूर्व डीडीसी प्रत्याशी रमाकांत मिश्र उर्फ डब्लू की नामजदगी व सक्रिय भूमिका होने का तथ्य पेश कर बतौर अभियुक्त तलब करने की हुई थी मांग,विवेचक ने पहले ही दी थी क्लीनचिट
करीब पांच वर्ष पूर्व मंझवारा में चली थी गोली,अजीत यादव की गई थी जान,अभियोगी रामशंकर सिंह को भी लगी थी गोली
पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमला यादव,उनके भाई संतोष यादव एवं प्रकाश में आये अभियुक्त विकास यादव व सुनील पासी के खिलाफ हुई है चार्जशीट दाखिल,चल रहा ट्रायल
रिपोर्ट-अंकुश यादव
सुलतानपुर। बहुचर्चित अजीत यादव हत्याकांड में पुलिस की तफ्तीश में क्लीन चिट पाये दो नामजद अभियुक्तों की तलबी के लिए प्रस्तुत अर्जी को सत्र न्यायाधीश त्रयोदश की अदालत ने ठुकरा दी है। सत्र न्यायाधीश अभिषेक सिन्हा की अदालत ने अभियोजन की अर्जी को जायज न मानते हुए दोनो आरोपियों की तलबी का आधार पर्याप्त न मानकर खारिज कर दिया है। जिससे अभियोजन पक्ष को बड़ा झटका लगा है और वहीं भाजपा नेता एवं पूर्व डीडीसी प्रत्याशी की हत्या के केस में तलबी न होने से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के मझवारा गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले रमाशंकर सिंह उर्फ मोहन ने 16 दिसंबर 2016 की शाम हुई घटना का जिक्र करते हुए कमला यादव निवासी मझवारा,उनके भाई संतोष यादव निवासी सेमरातर-भैरोपुर,राजेन्द्र मिश्रा निवासी मझौवा,रमाकांत उर्फ डब्लू निवासी मायंग के खिलाफ बंदूक,रिवाल्वर व पिस्टल से लैश होकर अजीत यादव को गोली मारने व बीच बचाव में दौड़ने पर अभियोगी रमाशंकर सिंह को भी गोली मारने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में अजीत यादव की गोली लगने के चलते मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में अपनी तफ्तीश के दौरान नामजद आरोपी कमला यादव व उनके भाई संतोष यादव के अलावा प्रकाश में आये आरोपी विकास यादव उर्फ पिंटू एवं सुनील पासी के खिलाफ हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में आरोप-पत्र दाखिल किया। जबकि विवेचक ने नामजद अभियुक्त राजेंद्र मिश्रा एवं रमाकांत मिश्र उर्फ डब्लू के खिलाफ विवेचना के दौरान कोई साक्ष्य न मिलने एवं उनकी नामजदगी गलत मिलने पर उन्हें क्लीन चिट दे दी। मामले में राजेंद्र मिश्रा एवं रामाकांत उर्फ डब्लू के अलावा शेष चार अभियुक्तों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल हुआ। वर्तमान समय में प्रकरण का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश त्रयोदश की अदालत में चल रहा है। मामले में अभियोगी रमाशंकर सिंह उर्फ मोहन का मुख्य बयान कोर्ट में दर्ज हुआ एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उनसे प्रतिपरीक्षा भी की। इस दौरान सामने आये सबूतों के आधार पर अभियोजन पक्ष ने एफआईआर में नामजद अभियुक्त राजेंद्र मिश्रा एवं रमाकांत मिश्र उर्फ डब्लू को भी बतौर अभियुक्त तलब कर अन्य अभियुक्तों के साथ उनका विचारण कराने की मांग की। इस दौरान आरोपी विकास यादव उर्फ पिंटू की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने मामले में राजेंद्र मिश्रा एवं रमाकांत उर्फ डब्लू सहित सभी अभियुक्तों की अपराध में कोई भूमिका न होना बताते हुए अभियोजन की अर्जी को निराधार बताकर खारिज करने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश अभिषेक सिन्हा की अदालत ने अभियोजन की मांग को निराधार मानकर जायज न मानते हुए खारिज कर दिया है, जिससे अभियोजन पक्ष को बड़ा झटका लगा है और भाजपा नेता एवं पूर्व डीडीसी प्रत्याशी को हत्या से जुड़े केस में तलबी न होने से बड़ी राहत मिली है। ऐसे में अब दाखिल आरोप-पत्र के अनुसार चार अभियुक्तों के खिलाफ ही मुकदमे का ट्रायल चलेगा। मामले में शेष साक्ष्य पर सुनवाई के लिए अदालत ने आगामी 21 जनवरी की तारीख तय की है।
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