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आत्महत्या के दुष्प्रेरण के मामले में पति सहित तीन को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट जज कल्पराज सिंह ने सुनाई नौ-नौ साल की सजा

कोर्ट ने दोषियों पर ठोंका सवा-सवा लाख रुपये का अर्थदण्ड,पति,जेठ व जेठानी को प्रताड़ना व आत्महत्या के दुष्प्रेरण के आरोप में छह दिन पूर्व ठहराया गया था दोषी

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पति की गलत आदतों का विरोध करने के चलते हो रही प्रताड़ना से परेशान होकर विवाहिता ने दे दी थी जान

अमेठी जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र स्थित पूरे दयाल मिश्र का पुरवा मजरे उत्तरगांव से जुड़ा है मामला

रिपोर्ट-अंकुश यादव

सुलतानपुर। पति की गंदी आदतों का विरोध करने के चलते पत्नी को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की अदालत ने छह दिन पूर्व दोषी ठहराये गये पति सहित तीन की सजा के बिन्दु पर सुनवाई की। एफटीसी जज कल्पराज सिंह ने तीनो दोषियों को नौ-नौ वर्ष के कारावास एवं सवा-सवा लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि संग्रामपुर थाना क्षेत्र के पूरे दयाल मिश्र का पुरवा मजरे उत्तरगांव के रहने वाले सुशील तिवारी उर्फ राजीव तिवारी के साथ अभियोगी रामबहादुर पाण्डेय निवासी पूरेगनेश लाल-भरेथा थाना अमेठी ने अपनी पुत्री पुष्पा देवी उर्फ गुड्डा का विवाह घटना से करीब 12 वर्ष पूर्व सम्पन्न कराया था। आरोप के मुताबिक सुशील तिवारी का व्यवहार पुष्पा के प्रति ठीक नहीं था वह अक्सर उसे मारता-पीटता था एवं घरेलू कामकाज करने के बजाय अवारा किस्म के लोगो के साथ हमेशा घूमता-फिरता रहता था, पति की इन्हीं आदतों का पुष्पा विरोध करती रही। जिसकी वजह से उसे अपने पति और उनका पक्ष लेने वाले जेठ बब्लू उर्फ अनिल तिवारी व उसकी पत्नी सुशीला के विरोध का सामना भी करना पड़ता था। आरोप के मुताबिक पति समेत अन्य आरोपियों की इन्हीं कार्यशैलियों की वजह से पुष्पा ने स्वयं को आग के हवाले कर मौत को गले लगा लिया। मामले में आरोपियों की प्रताड़ना की वजह से पुष्पा के जरिए आत्महत्या की बात सामने आई। सभी आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल हुई। जिसके पश्चात एफटीसी प्रथम की अदालत में केस का ट्रायल चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्काें को प्रस्तुत कर आरोपियों को बेकसूर बताने का भरसक प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता दानबहादुर वर्मा एवं वादी के निजी अधिवक्ता बद्री प्रसाद पाण्डेय ने अपने साक्ष्यों एवं तर्काें को पेश कर आरोपियों को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उन्हें कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात एफटीसी जज कल्पराज सिंह ने पति सहित तीनों आरोपियों को आत्महत्या सहित अन्य आरोपो में बीते 13 अक्टूबर को दोषी ठहराया और दोषियों की सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की। अदालत ने सभी दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई की,जिसके पश्चात जज कल्पराज सिंह ने उन्हें नौ-नौ वर्ष के कारावास एवं सवा-सवा लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

#सुलतानपुर-#शाहजहांपुर में #अधिवक्ता की #गोलीमारकर हुई #निर्ममहत्या को लेकर जिले के #अधिवक्ताओं में #आक्रोश।