#Sultanpur-#बहुचर्चितप्राचार्य व उनके #अंगरक्षक #हत्याकांड में पांचों #हत्याभियुक्तों को #न्यायालय ने सुनाई #आजीवनकारावास की #सजा।
सुल्तानपुर-
रिपोर्ट-अंकुश यादव
बहुचर्चित प्राचार्य व उनके अंगरक्षक हत्याकांड में दोषियों की सजा के बिंदु पर हुई सुनवाई,अभियोजन पक्ष ने दो परिवारों की जिंदगी बर्बाद करने व एक विशेष हस्ती की ताबड़तोड़ गोलियों से भूनकर देश को क्षति पहुँचाने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा से दण्डित किये जाने के लिए कोर्ट से की मांग,वहीं बचाव पक्ष ने न्यूनतम सजा से दण्डित किये जाने का रखा पक्ष, कुछ देर में बहुचर्चित कांड में आ सकता है कोर्ट का फैसला, अपर सत्र न्यायाधीश अभय श्रीवास्तव की अदालत ने हत्याकांड के पांचों आरोपियो को कल ठहराया था दोषी,गनपत सहाय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रताप बहादुर सिंह व गनर सुरेश की गोली मारकर हुई थी हत्या,करीब 10 वर्ष पहले हुई थी हत्या की वारदात, बहुचर्चित केस में दोष सिद्ध दीपक तिवारी, जितेंद्र प्रकाश मिश्र ,सौरभ मिश्र, जितेंद्र शुक्ला व अनिल मिश्र को कोर्ट ने कल ठहराया था दोषी,आज सजा के बिंदु पर कोर्ट सुनाएगी अपना फैसला।
दिनदहाड़े घेरकर गोलियों से छलनी कर दिये गए ईमानदार और निष्ठावान प्राचार्य डॉ. पी•बी सिंह
गनपत सहाय महाविद्यालय के प्राचार्य न झुके थे न फाइल बन्द की,यही थी हत्या की वजह
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रिपोर्ट-योगेश यादव
“२३दिसंबर,२०११ की वो सर्द सुबह थी। महाविद्यालय में परीक्षाएं चल रही थीं। कालेज में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के अनेक मामलों की फाइलें प्राचार्य डॉ सिंह ने खोल रखी थीं। अनेक सफेदपोश और रसूखदार व उनके ‘करीबी’ लपेटे में थे। दबाव, धमकी और सिफारिश के रोजाना आने वाले फोन भी उन्हें रास्ते से डिगा नहीं पा रहे थे।..” ऐसे हालातों के मध्य परिसर की परीक्षाओं को शुचितापूर्ण व पारदर्शी रखने की खातिर उस दिन भी वे निजी गनर के साथ कर्तव्य पथ पर थे। सीताकुंड स्थित अपने आवास से चंद कदम के फासले पर स्थित अपने कालेज के राधारानी महिला विभाग के द्वार पर वे अभी पैदल पहुंचे ही थे कि कुछ हमलावरों ने उन्हें घेरे में लेकर ताबड़तोड़ फायरिंग की। बचकर निकलने का कोई रास्ता न था। इस हमले में दोनों मारे गए। शहर के पाश इलाके में घटी इस सनसनीखेज वारदात ने लोगों को दहलाया बल्कि शिक्षातंत्र के अपराधीकरण को लेकर भी तमाम सवाल खड़े कर दिए। मूलतः प्रतापगढ़ जिले के बासिंदे डॉ सिंह अध्येता थे। विषय के मर्मज्ञ व गोल्ड मेडलिस्ट भी। उच्च शिक्षा आयोग ने उन्हें प्राचार्य पद के लिये चयनित किया था। ईमानदार व सत्यनिष्ठ थे, इसलिए जिद्दी भी थे।यही बात उनसे सहमति न रखने वालों को अखरती थी।..खैर प्रकरण में उनकी पत्नी ने नामजद एफआईआर दर्ज कराई। लंबी विवेचना चली। उनके मोबाइल काल डिटेल्स व चैट से कई सफेदपोशों व समाज के जिम्मेदारों पर भी उंगलियां उठीं। विवेचना के दौरान भी कई विवेचक बदले गए। आखिरकार आरोप पत्र दाखिल होने के बाद ट्रायल शुरू हुआ। तकरीबन दस वर्षो तक उबाऊ न्यायिक प्रक्रिया चलती रही।..अब जाकर फैसला आया है। पांचों हत्याभियुक्तों जितेंद्र मिश्र, दीपक तिवारी, जितेंद्र शुक्ल, अनिल मिश्र, व सुरेश मिश्र को अपर सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास व एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुना दी है। सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है। वहीं वर्षों से न्याय की बाट जोह रहे प्राचार्य स्व.सिंह के परिजनों के चेहरे पर तसल्ली के भाव हैं। …देर से ही सही पर फैसला आया !
#Sultanpur-#कांग्रेसमहासचिवप्रियंकागांधीवाड्रा की #गिरफ्तारी और उनपर #दर्जमुकदमे से #कांग्रेसियोंमेंआयाउबाल,#जगहजगह हो रहा है #प्रदर्शन।
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