हो रही भयंकर बारिस में भी कस्तूरबा स्कूल में पहुँची जांच टीम,लाखों के घोटाले का है मामला।

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मंगलवार को केजीवीपी कूरेभार पहुँचे सहायक शिक्षा निर्देशक अयोध्या मंडल मनोज कुमार गिरी ने विद्यालय में खाद्यान, इस्टेसनरी व कंट्रीजेंसी से सम्बंधित की गई सामग्रियों की खरीदारी का अवलोकन किया। विद्यालय के निरीक्षण में वार्डन नीलम देवी व एकाउंटेंट पूजा गुप्ता ने बताया कि भोजन की खाद्यय सामग्री, कॉपी, पेंसल, रबर, बॉनवीटा, आटा, चावल, दाल, तेल, सैम्पू, मास्क सेनिटाइजर व गल्प्स समेत विभिन्न सामानों की खरीद की गई है। पर सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि वितरण पंजिका अपूर्ण होने के साथ ही उपस्थित रजिस्टर भी देखना अधिकारियों ने मुनासिब नही समझा। निरीक्षण में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह की मौजूदगी में सिर्फ सामग्रियों की जांच पड़ताल कर खानापूर्ति करते दिखाई दिए। ऐड़ी बेसिक के निरीक्षण में विलम्ब से पहुँचे कूरेभार बीईओ रविंद्र कुमार वर्मा व जयसिंहपुर बीडीओ इंद्रावती वर्मा ने भी विद्यालय की जांच कर रिपोर्ट सम्बंधित अधिकारी को प्रेषित किया है,लेकिन बीईओ रविंद्र कुमार वर्मा ने जांच रिपोर्ट में उन्हें क्या कमियां पाई गई है उसे बताने में गुरेज करते रहे।

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लाखों के घोटाले की जांच की आँच में पहुँची टीम कूरेभार कस्तूरबा में, एडी बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंगाला स्कूल।


निरीक्षण के उपरांत सहायक शिक्षा निर्देशक मनोज कुमार गिरी ने बताया कि केजीवीपी विद्यालयो से जो भी धनराशि निकलने का मामला संज्ञान में आ रहा है। उसी की जांच की जा रही है। जांच उपरांत रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।

सरकारी अस्पताल में दवा जलाने की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में मचा हडकम्प।


जब खुद की #शादी में #दुल्हन ने #जयमाल से पहले हवा में #चलाईगोली,आगे क्या हुआ देखे खबर,हुआ #वायरलवीडियो।

क्या? प्रेरणा अपलोड न करना , के जी बी बी में लिया घोटाले का रूप

सुल्तानपुर— प्रदेश में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में घोटाले का मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो शिक्षा महकमे में हड़कंप मचा गया। महकमे के उच्चाधिकारियों ने जाँच के आदेश दिये तो जिलाधिकारी रवीश गुप्ता द्वारा टीम गठित कर मामले की जाँच कराई जा रहीं हैं। जहां ज़िले अस्तर पर नामित अधिकारी कस्तूरबा गांधी विद्यालय की जाँच करने में जुटे हैं। वहीं ए. ड़ी. बेसिक कस्तूरबा विद्यालय की ख़रीद फरोख्त की पत्रावलीयो को खंगालने में जुटे हुये हैं। बहरहाल ए. डी. बेसिक द्वारा किए गए कुछ विद्यालय की जाँच में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं की पुष्टि नहीं कि गई हैं।

विदित हो कि जनपद में 12 कस्तूरबा विद्यालय संचालित है जहाँ पर कक्षा 6 से कक्षा
8 तक छात्राओ को निःशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई हैं। जिसमें छात्राओ को आवसीय सहित भोजन ड्रेस कॉपी किताब आदि सुविधा दी जाती है। आरोप हैं कि कोरोना काल के दौरान कस्तूरबा विद्यालय में सरकार द्वारा आवंटित धन लगभग 44 लाख रुपये की निकासी कर घोटाला कर लिया गया। बहरहाल इस घोटाले के मामले से विभागीय अधिकारी इंकार कर करें हैं। इस घोटाले के मामले को भले ही विभागीय अधिकारी इंकार कर रहें हो लेकिन शासन इस घोटाले को लेकर दूध का दूध पानी का पानी कराने के लिये शासन के लेकर ज़िले स्तर तक के अधिकारी टीम गठित कर जाँच करने में जुट गए हैं।

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क्या कहना हैं लेखा अधिकारी का—- जब इस सम्बंध में लेखा अधिकारी राम यस यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जनपद में 12 कस्तूरबा विद्यालय संचालित है जिसमें खाद्यान्न मद में 39 लाख 60 हजार रुपये आया हुआ था। जिसमें 22 लाख रुपये फ़रवरी मार्च में वार्डन द्वारा समिति गठित कर कोटेशन के माध्यम से राशन खरीदा गया। और बचा राशन विद्यालय में सुरक्षित रखा गया हैं। उन्होंने आगे यह भी बताया की कँटीजेश के माध्यम से 12 विद्यालय में 11 लाख रुपये ख़र्च किये गए हैं। जिसमें बच्चों के लिये जूता मोजा तौलिया बैग और स्वेटर की खरीदारी की गई। उन्होंने आगे यह भी बताया कि घोटाले का कोई मामला नहीं हैं। प्रेरणा ऐप पर अपलोड न होने के चलते बच्चों का नामांकन शून्य दिख रहा हैं। जब कि विद्यालय में फ़रवरी मार्च में विद्यालय खुले रहने की दशा में बच्चों की उपस्थिति विद्यालय रजिस्टर में नाम व हस्ताक्षर सहित उपस्थित हैं। इसी क्रम में उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विद्यालय में खाद्यायन एवँ व जनरल समानो की आपूर्ति करने के लिए जेम पोर्टल व ई टेंडर के माध्यम से निविदा आमन्त्रित की गई थीं। लेकिन बाजार रेट से भी कम दर होने के चलते निविदा निरस्त कर दिया गया था। फ़रवरी मार्च में विद्यालय खुलने के बाद जिलाधिकारी की अनुमति से कोटेशन के माध्यम से वार्डेन द्वारा विभिन्न फार्मो द्वारा सामान खरीदा गया।

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क्या कहते हैं ए. डी. बेसिक —
मंगलवार को जनपद पहुंचे शिक्षा महकमे के सहायक निदेशक मनोज कुमार जनपद के विभिन्न कस्तूरबा विद्यालय का निरीक्षण किये। विद्यालय के निरीक्षण के बाद सहायक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि शासन द्वारा जो पैसा सहायक शिक्षा निदेशक ने बताया कि जो पैसा शासन द्वारा निर्गत किया गया है , वह किस किस मद में खर्च किया गया है, उसी की जाँच की जा रही है। उनकी माने तो मार्च माह में जितने दिनों विद्यालय खुला था उस दौरान कितनी बच्चियां उपस्थित रही। कितनी खरीदारी हुई और कितना बालिकाओं को वितरित किया गया और कितना समान बचा है इसी की जांच पड़ताल की जा रही है। फिलहाल इनके द्वारा 3 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया है अन्य 9 विद्यालयों के अभिलेख तलब किये गए हैं। इसकी जांच करने के बाद वे शासन को भेजेंगे।