जब बाइक पर सवार हो कर डीएम एसडीएम पहुँचे अस्पताल, देखी हकीकत।

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शनिवार की रात तकरीबन 12 बज रहे थे। जिलाधिकारी यश पाल मीणा और सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती बाइक पर सवार होकर अचानक सदर अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने ड्यूटी पर रहे स्वास्थ्य कर्मियों से पूछताछ की। कोविड केयर सेंटर पहुंच कर मरीजों के इलाज के संबंध में पड़ताल की। स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। फिर बातचीत में डीएम ने अपना परिचय दिया। उन्होंने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के कार्याें की तारीफ करते हुए कहा कि इसी प्रकार समर्पित भाव से मरीजों की सेवा करते रहें। उम्मीद है अगले 15 दिनों में कोरोना का दूसरा लहर थम जाएगा और हमसब मिलकर महामारी से निबट लेंगे। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की दिक्कत हो तो सूचित करें। डीएम के पहुंचने की सूचना पर प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार भी सदर अस्पताल पहुंचे। डीएम ने अस्पताल की सुरक्षा में रहे पुलिस कर्मियों और होमगार्ड जवानों से भी बात की और सुरक्षा को लेकर चुस्त-दुरुस्त रहने का निर्देश दिया।

डीएम अस्पताल की व्यवस्था से खुश दिखे।
रात में सास का इलाज कराने पहुंची महिला से लिया हालचाल

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शहर के एक मोहल्ले की शालिनी सिन्हा अपनी सास का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंची थी। डीएम ने उस महिला से पूछताछ की तो महिला ने बताया कि शाम में वह जमशेदपुर से नवादा आई है। सास की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। ऑक्सीजन लेबर 74 पर पहुंच गया था। तब उन्होंने रात में ही कॉल सेंटर को फोन किया तो बताया गया कि बेड उपलब्ध है। जिसके बाद उन्होंने सास को सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने पूरी तत्परता से मदद की। समय पर ऑक्सीजन चढ़ाया। कुछ ही देर में ऑक्सीजन लेबल 92 पर आ गया।

महिला ने अस्पताल की व्यवस्था पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें तो उम्मीद नहीं थी कि इतनी अच्छी सुविधा नवादा के सदर अस्पताल में मिल जाएगी।
सुबह मिली अस्पताल के अधिकारियों को मिली जानकारी

डीएम यश पाल मीणा और एसडीएम उमेश कुमार भारती एक आदमी के वेश में औचक निरीक्षण करने सदर अस्पताल पहुंचे थे। मुंह पर मास्क लगाए, ब्लू रंग का टी-शर्ट, काले रंग का पाजामा पहने और गर्दन में सफेद गमछा टांगे डीएम अस्पताल पहुंचे तो महिला स्वास्थ्य कर्मी उन्हें पहचान नहीं सकीं। काफी देर तक डीएम उनसे स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लेते रहे। कर्मियों के सेवाभाव से संतुष्ट होने के बाद डीएम ने उनसे कहा- हमें पहचान रहे हैं। फिर उन्होंने अपना परिचय दिया। बता दें कि हाल के वर्षों में यह पहला अवसर है जब रात में डीएम अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। अगले दिन रविवार को सुबह होने पर लोगों को यह जानकारी मिली तो लोग आवाक रह गए। लोगों का कहना था कि जब जिले के आलाधिकारी रात में इस प्रकार जागकर आमजनों की सेवा करेंगे तो निश्चित रूप से कोरोना से जंग लड़ने में मदद मिलेगी। आमजनों का मनोबल बढ़ेगा।

DGP मुक्तेश्वर पांडेय का कोरोनो पर पुलिस को दी गई सख्त चेतावनी,इस वक्त डंडा चलाने का नही है इस वक्त सेवा कर के लोगों का दिल जीतने का वक्त ।

बिना भीगे ही यह तरकीब अपनाई और नदी के उस पार हो गया।