#सुल्तानपुर-#किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ़ इसौली #विधानसभा क्षेत्र में चल रहा है “डेरा डालो, घेरा डालो” कार्यक्रम

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किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ मोईद अहमद “रंगोली” का इसौली विधानसभा क्षेत्र में चल रहा है “डेरा डालो, घेरा डालो” कार्यक्रम

बल्दीराय/सुलतानपुर इसौली विधानसभा 187 समाजवादी पार्टी का अभेद्य गढ़ माना जाता है। भाजपा की प्रचण्ड लहर में भी समाजवादी पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपना जीत का परचम बुलन्द रखने में कामयाबी हासिल किया था। सवाल उठता है की क्या आनेवाले 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा इसौली विधानसभा सीट को पुनः हासिल करने में सफल होंगी। हालाकि इस सवाल का जवाब भविष्य के गर्भ में है। परंतु राजनीति के जानकारो की माने तो इस सीट पर सपा का पलड़ा भारी रहेगा।इसी को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी के नेताओं की कसरत इसौली विधानसभा में कुछ ज्यादा दिखाई दे रही है। सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में रहे मुईद अहमद “रंगोली” 2022 में होने वाले चुनाव के प्रबल दावेदार हो सकते है। वजह उनकी साफ-सुथरी छवि, निर्विवाद व्यक्तित्व तथा अभीतक पार्टी के शुरूआती दौर के साथी होने के बावजूद कभी टिकट के न तो दावेदार रहे और ना ही चुनाव लडा़ बल्कि पार्टी ने जिसे भी टिकट दिया उसे कामयाबी तक पहुंचाने में जी-जान लगा दिया। मुईद अहमद ,रंगोली, यूं तो क्षेत्र में क्षेत्रीय जनता से संपर्क और संवाद निरंतर बनाए रहते हैं। परंतु सरकार के द्वारा लाये गए किसान बिल और किसानों के द्वारा पिछले दो माह से किए जा रहे सरकार के विरूद्ध आंदोलन को लेकर मुईद अहमद “रंगोली” भी मैदान में हैं। पिछले लंबे समय से श्री रंगोली इसौली विधानसभा के प्रत्येक ग्रामसभा में किसानों के साथ बैठकर उन्हें सरकार की गलत नीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा करके उनकी लड़ाई सपा की लड़ाई बताकर “डेरा डालो, घेरा डालो” कार्यक्रम चलाने का काम कर रहे है। उसी कड़ी में ग्रामसभा बघौना, सतहारी और बहेरी में किसानों के साथ बैठक कर काले कानून से किसानों का कितना नुकसान हो रहा है इसपर विस्तार से चर्चा करते हुए किसानों की लड़ाई को समाजवादी पार्टी की लड़ाई बताया।इस संबंध में जब मुईद अहमद, रंगोली, से बात हुई तो उन्होने बताया की भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने पर आमादा है। किसान देश की रीढ़ है। और जब रीढ़ कमजोर हो जाएगी तो शरीर अपना ही भार नही बर्दाश्त कर सकता।यही भाजपा सरकार कर रही है। उन्होने कहाकि सरकार हमारे देश के अन्नदाताओं को चंद लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। जिसका समाजवादी पार्टी गांव की गलियों से सड़क तक संघर्ष कर रही है। और किसान विरोधी इस काले कानून को वापस कराने के लिए धरना प्रदर्शन और लाठी खाने से लेकर जेल जाने तक के लिए तैयार है

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