KDNEWS-लगातार छठवें दिन भी जारी रही KNIPSS की कार्यशाला,

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@सुल्तानपुर-लगातार छठवें दिन भी जारी रही KNIPSS की कार्यशाला,रिसर्च एप्रोवेज एण्ड डिजिटल लर्निंग टूल्स पर चल रही कार्यशाला,MNIT जयपुर, लखनऊ विवि,KNIT सुल्तानपुर के प्रोफेसर्स ने लिया हिस्सा

आज दिनांक 20.07.2020
कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान, सुलतानपुर “रिसर्च एप्रोवेज,
एण्ड डिजिटल लर्निंग टूल्स विषय पर सप्त दिवसीय अन्तर्विषयक कार्यशाला के छठवें दिन प्रातः 10 बजे कार्यक्रम का सजीव प्रसारण हुआ। शासन द्वारा निर्धारित वर्क फ्रोम होम की धारणा को दृष्टिगत रखते हुए कार्यक्रम का संचालन डॉ विजय प्रताप सिंह, विभागाध्यक्ष अंग्रेजी , कमला नेहरू भौतिक एवम् सामाजिक विज्ञान संस्थान, सुल्तानपुर, कार्यशाला संयोजक ने विद्वान वक्ताओं एवम् प्रतिभागियों के स्वागत के साथ साथ कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
प्रातः सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में श्री दीप सिंह, लाइब्रेरियन, एम एन आए टी, जयपुर ने वर्तमान परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाइन लर्निंग मैटर के प्रयोग जो के प्रचुर मात्रा, समस्त विषयों, विभिन्न भाषाओं एवम् स्तरों में आपके हाथ में है, के लिए प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। आपने ई रिसोर्सेज प्राप्त करने के सभी विकल्पों को साझा किया।
दूसरे अतिथि वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के असिस्टेंट लाइब्रेरियन के डॉ प्रविश प्रकाश जी ने अपने व्याख्यान में प्रतिभागियों को ई रिसोर्सेज को कॉविड 19 के दौरान एक रेमेडी बताया, आपने रिसोर्सेज के सभी प्लैटफॉर्म्स एवम् गेटवे को साझा किया जिससे सत्र बहुत ही उपयोगी एवम् रोचक रहा।आपने ई रिसोर्सेज के फॉर्म एवम् प्रकार के बारे के बारे में जानकारी प्रदान की।जैसे ई बुक्स, ई जर्नल,ई मैप, ई पिक्चर, ई रिपोर्ट, ई मैगज़ीन आदि के बारे में बताया। रिसर्च स्कॉलर एवम् अन्य छात्रों हेतु आपने ई बुक्स ऑनलाइन सामग्री प्राप्त करने हेतु नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी जिसे आई आई टी, खड़गपुर द्वारा विकसित किया जो कि बहुत रिलायबल है का प्रयोग करने के लिए सभी को प्रेरित किया। यूजर्स ndl.iit.ac.in पर लोग इन करके सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। इसमें कक्षा 1 से उच्च शिक्षा तक लिटरेचर उपलब्ध है, फिल्टरेशन सुविधा है, सिंगल विंडो सिस्टम है, शोध गंगा का समस्त डाटा उपलब्ध है, 5 लाख क्लासिकल बुक्स एवम् वीडियो भी शामिल हैं ।जो व्यक्ति कोई कोर्स चला रहे हैं उनको कंटेंट जो नहीं मिल पा रहा हो तो MITOPENCOURSEWARE के जरिए कंटेंट प्राप्त कर सकता है। ई जर्नल प्राप्त करने के लिए आपने पब्लिक लाइब्रेरी ऑप्शन, यूनेस्को लाइब्रेरी, इलेक्ट्रॉनिक जर्नल लाइब्रेरी से भी सभी को अवगत कराया। आपने ई रिसोर्सेज के लगभग सभी गेटवे को बताया साथ ही परास्नातक छात्र जो की नेट एवम् अन्य प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए ई पाठशाला एवम् रिसर्च स्कॉलर के लिए ओपन एसेस थीसिस एवम् शोध गंगा देखने के लिए जोर दिया। शोध गंगा इंडियन थीसिस का डिपोजिटरी केंद्र है जबकि ओपन एसेस थीसिस एंड दिस्सर्टेशन विदेश में हुए रिसर्च वर्कआउट का स्टोर हाउस है। इन सारे प्लैटफॉर्म्स का क्रेडिट संस्थानों को नैक इंस्पेक्शन एवम् दूसरे इंस्पेक्शन में निश्चित रूप से मिलता है। आपने प्रतिभागियों की समस्यायों का निवारण करते हुए कठिन विषयवस्तु को बहुत ही सहज अंदाज में बताया।
द्वितीय सत्र मेंअतिथि वक्ता के रूप में प्रोफेसर सुधीर प्रताप सिंह, जे एन यू, दिल्ली ने साहित्य के क्षेत्र में शोध की दिशा एवम् दशा क्या होनी चाहिए के बारे में विस्तार से चर्चा की। कैसे समाज में हम पैदा हुए, संस्कारों का जन्म आदि हमारे परिवेश का निर्माण करता है जो कि आपके व्यक्तिगत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यही पर्सनैलिटी आपकी शोध प्रवृति का निर्माण करती है। आपने गीता के अनुसार साहित्य का उद्देश्य बताया -सत्य, प्रिय,हितकारी ही साहित्य का उद्देश्य है।क्या वर्तमान साहित्य यही कर रहा है , अगर यही कर रहा है तो शोध की जरूरत क्या है, यह सभी मुद्दे शोध की संभावनाओं को जागरूक करते हैं। आपने शोध लेखन हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिए जैसे जो कुछ भी आप लिखेंगे वह प्रमाणिक होना चाहिए, जो आपेक्षित ना हो शोध का अंग नहीं होना चाहिए।लेकिन में स्कॉलर अमूमन जो गलती करते हैं उनसे भी आपने परिचय कराया।

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अंत में डॉ अवधेश दुबे , असिस्टेंट प्रोफेसर, के एन आई पी एस एस, सुल्तानपुर ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन पर काम करना सिखाया। पी पी टी से वीडियो कैसे बनाना और उसको सोशल मीडिया जैसे यू ट्यूब, फेसबुक आदि पर पब्लिश कैसे करना है ,से परिचय कराया। प्रतिभागियों को व्याख्यान पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न भी दिए गए जिन्हें शाम को हल करते हुए सबमिट करना अनिवार्य है।
सत्र के अंत में डॉ रामनयन सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर जन्तु विज्ञान ,के एन आई, सुल्तानपुर एवम कार्यशाला आयोजन सचिव ने रिसोर्स पर्सन और प्रतिभागीयों का धन्यवाद् ज्ञापन किया। कार्यशाला में सक्रिय रूप से संस्थान प्राचार्य डॉ राधेश्याम सिंह, उपप्राचार्य डॉ सुशील कुमार सिंह, डॉ बिहारी सिंह, डॉ डी के त्रिपाठी, डॉ आर के पांडेय, डॉ सुनील प्रताप सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिंह, डॉ प्रतिमा सिंह, डॉ वीरेंद्र श्रीवास्तव, श्री अनिल कुमार सिंह (बर्सर), डॉ अवधेश दुबे के साथ श्री संजय पांडेय व दीप बरनवाल उपस्थित थे।