यूपी/अमेठी-कुशल बना रहा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को कैश एप्लीकेशन एप
यूपी/अमेठी-कुशल बना रहा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को कैश एप्लीकेशन एप
चंदन दुबे की रिपोर्ट
कैश एप्लीकेशन ऐप के प्रयोग में जिले को मिला प्रथम स्थान
जिलाधिकारी के प्रयास से जिले को हासिल हुई यह उपलब्धि
जिलाधिकारी अरुण कुमार के कुशल निर्देशन में जनपद अमेठी कैश मोबाइल ऐप के इस्तेमाल में प्रदेश में सबसे अव्वल रहा। जिलाधिकारी ने सीडीओ, डीपीओ,सीएमओ व बीसीजी ग्रुप के साथ हर 15 दिन पर बैठक कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहे।
जिलाधिकारी ने बताया कि यह एप्लीकेशन डाटा को सुरक्षित रखने के साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को जिम्मेदार,कुशल तथा सक्षम बनाने में सहयोग प्रदान कर रहा है।इससे निश्चित रूप से आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां अपने कार्य में स्मार्ट बनी हैं।साथ ही बताया कि क्षेत्र में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को तमाम सूचनाओं को संकलित करने एवं उस को संरक्षित करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था,जितने भी कार्य होते थे उससे संबंधित उतने ही रजिस्टर बनाने पड़ते थे, बच्चों की देखभाल व सुरक्षा का मसला हो या धात्री महिलाओं की जानकारी से संबंधित मामला हो आदि सभी सूचनाओं को बड़ी आसानी से इस ऐप के माध्यम से संरक्षित किया जा सकता है।यूपी में आईसीडीएस विभाग को डिजिटल बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन देकर रजिस्टर के कार्य को कम किया जा रहा है।कैश एप्लीकेशन को लेकर कार्यकत्रियों में जागरूकता न होने के चलते दिसंबर के महीने में अमेठी की उपलब्धि काफी कम थी,जिसको जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ लगातार बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया,जिसका परिणाम यह रहा कि 2 माह के अंदर ही 19 तारीख को विभागीय समीक्षा में अमेठी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
जिलाधिकारी ने बताया कि व्हाट्सएप और एसएमएस के माध्यम से सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए निरंतर प्रेरित किया गया और समस्त जानकारी उपलब्ध कराई गई।जिसका परिणाम यह हुआ आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों में एक प्रतियोगिता सी बन गई,वही विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षकों की नियुक्ति कर व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया गया।उन्होंने कहा कि उपलब्धि शत प्रतिशत करने के लिए लगातार मानीटरिंग की जा रही है।जिम्मेदारों को दिशा निर्देश प्रदान किए जा रहे हैं।इससे निश्चित रूप से आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की कार्यकुशलता व क्षमता में वृद्धि होगी।