रायबरेली-दलालों का अड्डा बना रायबरेली का एआरटीओ दफ्तर

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दलालों का अड्डा बना रायबरेली का एआरटीओ दफ्तर

= दलालों के खिलाफ सिर्फ कार्यवाही की बात कहता है विभाग असल हकीकत में अधिकारियों के संरक्षण में फल फूल रहा है अवैध धंधा ।

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रिपोर्ट-हिमांशु शुक्ल
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रायबरेली– जिले का एआरटीओ ऑफिस इस समय दलालों के चंगुल में है। ऑफिस का सारा कार्य दलाल ही करते हैं। ऐसा हम नही कह रहे बल्कि एआरटीओ ऑफिस का हाल बयान करता हैं। लाइसेंस बनवाना हो या रिनिवल करवाना हो या फिर किसी गाड़ी का परमिट लेना हो सबके लिए आपको दलालो के जरिये ही जाना पड़ेगा और उसकी बाकायदा एक सुविधा शुल्क निर्धारित है। एआरटीओ भले ही कार्रवाई की बात करती हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आरटीओ के संरक्षण में ही कार्यालय में दलाल फ ल फू ल रहे है और दलालों के ही आड़ में आरटीओ कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी भी काली कमाई कर रहे हैं। दलालों के खिलाफ सिर्फ कार्यवाही की बात कहता है विभाग असल हकीकत में अधिकारियों के संरक्षण में ही फल-फूल रहा है अवैध धंधा इस पूरे काले कारोबार को लेकर विभाग के अधिकारी कार्रवाई की बात पर सांप सूंघ जाता हैं। बरसों से एआरटीओ कार्यालय की यह परंपरा चली आ रही है कि कार्यालय के गोपनीय विभाग में भी दलालों का राज है दलाल ही सारे काम को अंजाम देते हैं और सरकारी कर्मचारी कार्यालय में बैठकर गप्पे लड़ाते हैं। दलाल ही बाहर से ग्राहक ढूंढ कर लाते हैं और फिर खेल होता है कमीशनखोरी का। अगर आम जनता को अपना काम करवाना है तो एआरटीओ ऑफिस में कमीशन देना ही होगा। अगर आप ईमानदार बनते हैं तो फि र एआरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाते रहिए कोई सुनने वाला नहीं। सिर्फ यही नहीं आपके वाहनों का प्रदूषण की जांच भी कार्यालय के बाहर प्राइवेट में होती है और इसके लिए बाकायदा बोर्ड भी लगा रखा है। लेकिन यह बोर्ड एआरटीओ को दिखाई नहीं पड़ता और पूछने पर बेशर्मी के साथ कहते हैं कि कार्यवाही की जा रही है।