सुलतानपुर-गोमती मित्रों की अपील का अभी भी लोग नही ले रहे हैं गंभीरता से,

गोमती मित्रों का सीता कुंड धाम पर पहुंचना शुरू हो गया था और मुख्य रूप से मां गोमती की जलधारा में प्रवाहित की गईं मूर्तियां,कपड़े,कलश,दीपक इन्हें निकालने का कार्य किया गया, क्योंकि जो भी श्रद्धालु नदी में स्नान करने जाते थे उनके पैरों के नीचे आने पर उनके चोटिल होने का डर बराबर बना रहता था,

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*निर्मल गोमती का अभियान, गोमती मित्रों का साप्ताहिक श्रमदान*

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गोमती मित्र मंडल का साप्ताहिक श्रमदान 10 नवंबर को भी पूरी गतिशीलता के साथ जारी रहा,सर्द सुबह में भी प्रातः 5:30 बजे से ही गोमती मित्रों का सीता कुंड धाम पर पहुंचना शुरू हो गया था और मुख्य रूप से मां गोमती की जलधारा में प्रवाहित की गईं मूर्तियां,कपड़े,कलश,दीपक इन्हें निकालने का कार्य किया गया, क्योंकि जो भी श्रद्धालु नदी में स्नान करने जाते थे उनके पैरों के नीचे आने पर उनके चोटिल होने का डर बराबर बना रहता था, गोमती मित्रों की अपील का अभी भी लोग गंभीरता से आकलन नहीं कर पा रहे हैं,साथ ही पूरे सीता कुंड धाम परिसर,माँ गोमती के तट,सीता उपवन,अवशेष पूजन सामग्री निस्तारित करने के लिए निर्मित किए गए कुंड को भी पूरे तरीके से साफ सुथरा करके सायंकालीन आरती के लिए धाम को तैयार किया गया,श्रमदान प्रदेश अध्यक्ष रूद्र प्रताप सिंह मदन के नेतृत्व में रतन कसौधन, रमेश माहेश्वरी,दिनकर प्रताप सिंह,अजय प्रताप सिंह,राजेश पाठक,संत कुमार,राजेन्द्र शर्मा, विपिन सोनी, दाऊजी,सोनू,अनुज,मोहित,राजा,वासु, अभय,दिव्यांश आदि के द्वारा किया गया।।