रायबरेली-एम्स की जमीन के लिए मिलेगा प्रति बीघा 53 लाख

0 282

- Advertisement -

एम्स की जमीन के लिए मिलेगा प्रति बीघा 53 लाख

रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला

- Advertisement -

रायबरेली– अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दरियापुर के लिए किसान अपनी जमीन देने को तैयार हो गए हैं। सर्किल रेट से चार गुना अधिक दाम मिलने पर वे सहर्ष अपनी जमीन देने के लिए राजी हैं। प्रदेश सरकार से धनराशि मिलते ही भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा।

वर्ष 2009 में रायबरेली में एम्स निर्माण के लिए मंजूरी मिली मगर जमीन 2012 में सपा सरकार के शासनकाल में दी गई। दरियापुर में चीनी मिल की 97 एकड़ जमीन एम्स को लीज पर दी गई, जबकि दरकार 147 एकड़ की थी। शेष जमीन के लिए लगातार किसानों के साथ संवाद किया जा रहा था। नेहा शर्मा के जिलाधिकारी रहते किसान सर्किल रेट का चार गुना मूल्य मिलने पर जमीन देने के लिए राजी हो गए। इसके बाद उक्त फाइल कमिश्नर को भेज दी गई। वहां से अनुमति मिलने के बाद बुधवार को शेष लगभग 50 एकड़ यानी लगभग 80 बीघे जमीन के मुआवजे के लिए डिमांड बनाकर शासन को भेज दी गई है। 228 किसानों को इसके बदले 42.76 एकड़ रुपये देने होंगे। यानी प्रति बीघे किसान को प्रदेश सरकार लगभग 53 लाख रुपये भुगतान करेगी। प्रशासनिक अमले के मुताबिक समय से धनराशि उपलब्ध हुई तो इसी वर्ष भूमि अधिग्रहित करके एम्स को सौंप दी जाएगी।

इनसेट-

हॉस्पिटल और कॉलेज का निर्माण प्रगति पर

एम्स का हॉस्टल बन चुका है। हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बताया जा रहा है कि मई 2020 तक ये काम भी पूरा हो जाएगा। अगले शैक्षणिक सत्र में यहां 100 छात्रों को एमबीबीएस की शिक्षा दी जाएगी। इस सत्र में यह संख्या अभी 50 ही है।

किसान भी हैं खुश

दरियापुर निवासी राजाराम के पास दो बीघे जमीन है। इसमें से एक बीघा पांच बिसवा जमीन एम्स में जाएगी। उनका कहना है कि जितना पैसा सरकार दे रही है, उससे दूसरी जगह जमीन खरीदकर खेती बाड़ी कर लेंगे। हमारे पास एम्स खुल रहा है, इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या होगी। किसान राम सृजन की आठ बिसवा, भुल्लादेई की पौने दो बीघे, राकेश की 32 बिसवा जमीन एम्स में जाएगी। इन सभी का भी यही कहना है कि इतना बड़ा अस्पताल हमारे गांव में खुलेगा तो रोजगार-स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे ही।

” किसान जमीन देने के लिए सहमत हैं। इसकी रिपोर्ट के आधार पर भूमि अधिग्रहण की मंजूरी मिल चुकी है। धनराशि मिलते ही ये काम शुरू कर दिया जाएगा।”
– राम अभिलाष, अपर जिलाधिकारी प्रशासन