अमेठी।ट्रामा सेंटर ईलाज के दौरान पुलिसकर्मी की हुई मौत, धारदार हथियार से हुआ था 1 अक्टूबर को हमला

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अमेठी।ट्रामा सेंटर ईलाज के दौरान पुलिसकर्मी की हुई मौत, धारदार हथियार से हुआ था 1 अक्टूबर को हमला

चंदन दुबे की रिपार्ट

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खबर यूपी के अमेठी से है जहाँ बीते मंगलवार को अवैध कब्जे की शिकायत पर जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा ने कड़े तेवर अपनाते हुए अमेठी कोतवाली पुलिस को तत्काल कब्जे को हटवाने का आदेश दिया जिस पर अमल करते हुए कोतवाली के 3 सिपाही मौके पर पहुंचे जहां अवैध कब्जा किये हुए आरोपी ने धारदार हथियार बांका से हमला कर सिपाहियों को घायल कर फरार हो गया था। हालांकि हमलावर दम्पत्ति को पुलिस ने घटना वाली रात ही मिस्रौली ठेंगहा मार्ग से गिरफ्तार कर लिया था।

घटना बीते 1 अक्टूबर की है। जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में चल रहे अमेठी तहसील के सम्पूर्ण समाधान दिवस में अमेठी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत खेरौना गांव के मॉडल प्राथमिक विद्यालय परिसर में अवैध रूप से अतिक्रमण कर रह रहे अमित कोरी के खिलाफ ग्राम प्रधान ने शिकायत की थी जिस पर कोतवाली पुलिस को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल अतिक्रमण हटवा कर उसके खिलाफ कार्यवाही का आदेश दिया था।

आदेश के अनुपालन में कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल जितेंद्र मौर्य,कांस्टेबल राज बाबू व अतुल कुमार अतिक्रमणकारी के यहां पहुंचे। इनके पहुंचते ही जैसे बातचीत शुरू हुई कि अतिक्रमण कारी अमित ने धारदार हथियार बांका से हमला कर तीनो को घायल कर पत्नी संग फरार हो गया। उधर से गुजर रहे राहगीर कमलेश कुमार ने सिपाहियों को घायल अवस्था मे पड़े देख किसी तरह सीएचसी अमेठी पहुंचाया जहां पर प्राथमिक इलाज शुरू हुआ। घटना की सूचना पाते ही पुलिस के आलाधिकारी अस्पताल पहुंच इलाज की व्यवस्था में लग गए। बुरी तरह से घायल हेड कांस्टेबल जितेंद्र मौर्य की हालत चिंताजनक होने पर डॉक्टरों ने हायर सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया जहां इलाज के दौरान तीसरे दिन उनकी मौत हो गयी। सिपाही की मौत की सूचना मिलते ही विभाग में मातम छा गया। इस घटना में घायल अन्य दो सिपाहियों का इलाज चल रहा है जो धीरे धीरे सामान्य हो रहे हैं।

सिपाही के शव को लखनऊ से उनके आवास ले जाया गया जहाँ राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

आपको बता दें कि हेड कांस्टेबल जितेंद्र कुमार मौर्य पुत्र ज्ञानी लाल मौर्य निवासी ग्राम बाबूगंज थाना बहरिया जनपद इलाहाबाद के निवासी थे। इनकी नियुक्ति 15 दिसम्बर 1991 में हुई थी। अमेठी जिले की नियुक्ति में चौकी टीकरमाफी और थाना संग्रामपुर का सफर तय करते हुए 25 जुलाई 2017 को अमेठी कोतवाली पहुंचे जहां पर 1 अक्टूबर 2019 को एक प्राण घातक हमले में गम्भीर रूप से घायल होने के बाद लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा था जहाँ 3 अक्टूबर को उनकी मौत हो गयी।