रायबरेली-लौटाया एम्स की जमीन का प्रस्ताव, 228 किसानों से सहमति पत्र लेने के आदेश
लौटाया एम्स की जमीन का प्रस्ताव, 228 किसानों से सहमति पत्र लेने के आदेश
रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला
रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विस्तार के लिए दरियापुर और सुल्तानपुर आइमा गांवों के 228 किसानों से जमीन लेने के लिए शासन को भेजा गया प्रस्ताव वापस लौटा दिया गया है। आयुक्त ने नए प्रोफार्मे पर प्रस्ताव तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। सभी किसानों से सहमति पत्र को तय प्रोफार्मे के साथ भेजने के निर्देश दिए गए हैं। आयुक्त के निर्देश के बाद लेखपालों को संबंधित किसानों से सहमति पत्र भरवाने के आदेश दिए गए हैं।शहर से सटे दरियापुर में एम्स संचालित है। ओपीडी के बाद यहां एमबीबीएस के पहले बैच की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। एम्स के आवासीय परिसर का निर्माण होने के बाद मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के भवन के निर्माण का काम चल रहा है। यह काम वर्ष 2020 में पूरा होने की उम्मीद है। एम्स के विस्तार के लिए करीब 49.85 एकड़ जमीन की और जरूरत है। शासन की मंशा पर किसानों से यह जमीन आपसी समझौते के आधार पर खरीदने की प्रक्रिया चल रही है।
पूर्व में कई बार किसानों से बात होने के बाद भी सहमति नहीं बन पाई थी। अगस्त महीन में डीएम की मौजूदगी में किसानों से साथ बैठक हुई और सर्किल मूल्य के चार गुना रेट पर किसान अपनी जमीन देने को राजी हो गए थे। किसानों से सहमति होने के बाद डीएम ने आयुक्त को प्रस्ताव भेजा था कि दरियापुर व सुल्तानपुर आइमा गांवों के 228 किसानों से यह जमीन खरीदी जानी है।
प्रति हेक्टेयर 2.12 करोड़ रुपये खर्च आएगा। 49.85 एकड़ जमीन के लिए 42,76,80,320 रुपये की जरूरत होगी। मामले में आयुक्त ने प्रस्ताव को वापस कर दिया है। साथ ही नए शासनादेश के अनुसार किसानों के सहमति पत्र के साथ प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त के निर्देश के बाद सदर तहसील के संबंधित लेखपालों को किसानों से सहमति पत्र लेने के आदेश दिए गए हैं। यह काम लेखपालों ने शुरू भी कर दिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने फरवरी माह में पेश किए गए बजट में एम्स के लिए किसानों से जमीन खरीदने करने के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट अलॉट कर दिया था। हालांकि किसानों से सहमति न बन पाने के कारण बजट को अब तक खर्च नहीं किया गया है। अब सहमति बनने के बाद जमीन खरीद की उम्मीद बढ़ गई है।एम्स को जमीन देने वाले किसानों को शासन से तय सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर करना होगा। सहमतिपत्र में किसान के नाम, जमीन, रकबा और मिलने वाली रकम आदि का पूरा जिक्र होगा। किसान का साइन कराने के बाद सभी सहमतिपत्रों पर लेखपाल, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और सदर एसडीएम को भी हस्ताक्षर करना होगा। यह सहमति पत्र इसलिए भरवाया जा रहा कि बाद में किसी भी प्रकार की समस्या न आए और किसान जमीन देने न मुकरे।
जिला अधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए किसानों से जमीन खरीदने पर सहमति बनने के बाद प्रस्ताव भेजा गया था। आयुक्त के स्तर से सभी किसानों के सहमतिपत्र भरवाकर भेजवाने के निर्देश दिए गए है। जल्द ही सहमतिपत्र भेजवा दिए जाएंगे। यह मामला मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में है, इसलिए जल्द ही किसानों की जमीन लेने का काम शुरू कराया जाएगा।