रायबरेली-अवैध तरीके से होते है ये काम, बारूद के ढेर पर जिदंगी
अवैध तरीके से होते है ये काम, बारूद के ढेर पर जिदंगी
रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला
रायबरेली : दीवाली का पर्व करीब है। ऐसे में पटाखे बनाने का काम बहुत तेजी से हो रहा है। जो लाइसेंस धारक हैं, वे तो नियम कानूनों का पालन कर रहे हैं, मगर बिना लाइसेंस वाले चोरी छिपे अपने ही घरों में अवैध तरीके से ये काम कर रहे हैं। जब कभी विस्फोट होता है, जनहानि होती है तो सच सामने आता है। अन्यथा की स्थिति में सब पहले की तरह ही चलता रहता है।
उल्लेखनीय है कि जनपद में करीब एक सैकड़ा स्थायी लाइसेंस धारी हैं जिन्हें पटाखा और बेचने की अनुमति है। पर्व के वक्त अस्थायी लाइसेंस जारी होते हैं, जिनकी संख्या लगभग तीन सौ तक पहुंच जाती है। इन्हें सिर्फ पटाखा बेचने का अधिकार दिया जाता है। अब बात करते हैं अवैध रूप से रिहायशी बस्तियों में पटाखा बनाने और बेचने की। खासकर ग्रामीणअंचल में ये काम धड़ल्ले से होता है। तेज आवाज में फूटने वाले पटाखे बिना अनुमति बनाए और बेचे जाते हैं वो भी चोरी छिपे। आसपास के लोग भी क्योंकि वहीं से पटाखे लेते हैं, इसलिए इस तरह अवैध कारोबार चलने की जानकारी पुलिस और प्रशासनिक अमले तक नहीं पहुंच पाती है। उन गांवों में जहां स्थायी लाइसेंस धारी रहते हैं, वहां कुछ ज्यादा ही अवैध तरीके से ये काम होता है।
इनसेट-
इन गांवों में बनते हैं पटाखे
सदर में मुंशीगंज, सब्जी मंडी, मधुबन, खाली सहाट, नया पुरवा, घोसियाना, रतापुर, किला बाजार, सरेनी के सरेनी, लखनापुर, भोजपुर, बेनी माधवगंज, मुर्दीपुर मझिगवां, पूरे कुमेदान गांव, ऊंचाहार में ऊंचाहार नगर, अरखा, उमरन और बाबूगंज, महराजगंज में पहरेमऊ, बल्ला, मऊ, सलोन कस्बे में ही, लालगंज में बेनी माधवगंज, ऐहार, बहादुरगंज, बहाई, नगर, सेमरपहा, डलमऊ में डलमऊ कस्बा, कंधरपुर, कनहा, घुरुवारा, दीनशाह गौरा, गदागंज समेत लगभग एक सैकड़ा गांव और मुहल्लों में पटाखे बनाए जाते हैं।
सुरक्षित रहना है तो जागरूक बनें
पटाखों को लेकर आमजन की चुप्पी कई बार गहरे जख्म दे चुकी है। फिर चाहे वो पांच साल पहले रतापुर में हुआ विस्फोट हो या फिर नौ साल पहले लालगंज में हुआ दर्दनाक हादसा। आमजन अगर जागरुक होकर गलत तरीके से पटाखा बनाने वालों की सूचना प्रशासन को दे दे तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
कोट
” अवैध तरीके से पटाखे बनाने की सूचना नहीं है। अगर कहीं ऐसा हो रहा है तो ये गलत है। सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।”
-शशिशेखर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक