रायबरेली-अफसरों ने किये बड़े खेल, डीएम के साइन के बाद प्रोसीडिंग रजिस्टर को छेड़ा, कार्यवृति के पन्ने बदले
अफसरों ने किये बड़े खेल, डीएम के साइन के बाद प्रोसीडिंग रजिस्टर को छेड़ा, कार्यवृति के पन्ने बदले
रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला
रायबरेली। स्वास्थ्य विभाग में उत्तर प्रदेश विधायन शीतगृह संघ लिमिटेड (पैक्सफेड) को तीन करोड़ रुपये का काम देने के लिए अफसरों ने बड़े खेल किए हैं।जिला स्वास्थ्य समिति (डीएचएस) में डीएम से कार्यवृत्ति पर साइन कराने के बाद उसके पन्ने को बदलकर कार्यदायी संस्था का नाम बदल दिया गया।इसके अलावा प्रोसीडिंग रजिस्टर में भी छेड़छाड़ की आशंका है। डीएम की पड़ताल में कारनामा उजागर होने के बाद दोषी स्वयं को बचाने में जुट गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 60 हेल्थ वेलनेस सेंटर बनवाने के लिए शासन से करीब तीन करोड़ रुपये मिले हैं।
गौरतलब हो कि पूर्व सीएमओ डॉ. डीके सिंह ने पिछले जून महीने में इन सेंटरों का निर्माण कराने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में मामले को डीएम से अनुमोदन लेने के लिए रखा था। प्रोसीडिंग रजिस्टर और कार्यवृत्ति में उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (पैकफेड) को काम देने की स्वीकृति डीएम ने दे दी थी! पूरी समिति ने भी साइन कर दिया था, लेकिन बाद में सीएमओ ने कार्यवृत्ति के अंदर के एक पन्ने को बदलकर उत्तर प्रदेश विधायन शीतगृह संघ लिमिटेड (पैक्सफेड) का नाम अंकित करा दिया। चूंकि कार्यवृत्ति के सभी पन्नों पर सीएमओ के ही साइन होते हैं।डीएम के साइन आखिरी पन्ने पर होते हैं, इसलिए सीएमओ के स्तर से अंदर के पन्नों को बदलकर कुछ भी किया जा सकता है। कई महीने तक मामले को दबाए रखने के बाद चहेती संस्था पैक्सफेड को काम शुरू कराने के लिए डीएम से अनुमति लेने के लिए पत्रावली पहुंची तो डीएम ने मामले को पकड़ लिया। सीएमओ ने बीती 30 सितंबर को रिटायर्ड होने से पहले ही यह खेल किया। चर्चा तो यहां तक है कि डीएम ने मामले को पकड़कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की तो सीएमओ अस्पताल में भर्ती हो गए। इसी कारण रिटायर होने से पहले नोटिस का जवाब भी डीएम को नहीं दिया। पड़ताल में परत दर परत कारनामे उजागर होने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
इनसेट-
जांच हो जाए तो कई बड़े कारनामे आ जाएंगे सामने
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के बाद कार्यवृत्ति के पन्ने बदलकर पूर्व में खूब खेल किए जाने की आशंका है। यदि पूर्व में हुई बैठकों की कार्यवृत्तियों की जांच कराई जाए तो बड़े कारनामे पकड़ में आ जाएंगे। कई कंप्यूटर ऑपरेटर भी इसी कारनामे से रखे गए हैं।ब्लॉकों में कई संविदा कर्मियों की तैनाती में भी खेल किया गया था। इसके अलावा दो महीने पहले 42 संविदा एएनएम के तबादले में भी इसी तरह खेल हुआ। हालांकि मामला पकड़ में आने के बाद डीएम ने तबादले के आदेश को निरस्त कर दिया है।
कोट –
” पूर्व सीएमओ को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। पूर्व सीएमओ ने रिटायर होने से पहले पैकफेड के स्थान पर मनमाने तरीके से पैक्सफेड को तीन करोड़ रुपये का काम देने का प्रयास किया है। पूरी पत्रावली की जांच के बाद ही कार्रवाई होगी।”
-नेहा शर्मा, जिला अधिकारी, रायबरेली