अमेठी-जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के योग प्रशिक्षक जितेंद्र प्रताप को मिला योग चूड़ामणि पुरस्कार

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अमेठी।जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के योग प्रशिक्षक जितेंद्र प्रताप को मिला योग चूड़ामणि पुरस्कार

चंदन दुबे की रिपोर्ट

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स्वामी परमहंस योग संस्थान परमहंस आश्रम अमेठी के द्वारा विजयादशमी उत्सव कार्यक्रम बहुत ही धूमधाम से मनाया गया।इस अवसर पर वर्ष 2019 के लिए जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के योग प्रशिक्षक जितेंद्र प्रताप सिंह को स्वामी देवानंद सरस्वती परमहंस योग चूड़ामणि पुरस्कार स्वामी मोहनदीनजी महाराज के द्वारा प्रदान किया गया।संस्थान के द्वारा यह पुरस्कार देशभर में सर्वश्रेष्ठ योग प्रशिक्षक को दिया जाता है।

पुरस्कार विजेता जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी इस उपलब्धि में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पदम विभूषण जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य का कुशल मार्गदर्शन बताया।

इस अवसर पर योग प्रशिक्षक जितेंद्र प्रताप सिंह ने उपस्थित जनसमुदाय को बताया कि तन व मन सही रखने के लिए अष्टांग योग के यम(अहिंस,सत्य,अस्तेय,ब्रमचर्य,अपरिग्रह),नियम(शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर परिधान ), आसन ,प्राणायाम को हर उम्र के व्यक्ति को अपनाना चाहिए। सभी लोगों को अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा आज योग की पहचान भारत में ही नहीं वरन विश्व के सभी देशों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में स्थापित हो चुकी है।

संस्था के प्रबन्ध दुर्गा प्रसाद ने योग की जीवन में सार्थकता के विषय में अपने विचार देते हुए कहा कि योग द्वारा हम अपने तन मन को स्वस्थ रख सकते हैं। उन्होने पद्म विभूषण जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज योग के बल पर ही अपने अन्त:चच्छु से सम्पूर्ण विश्व में अमूल्य ख्याति प्राप्त की. स्वामी जी योग के महापुरुष है।

संस्था के प्रबन्धक दुर्गा प्रसाद जी ने पद्मविभूषण से अलंकार विभूषित स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने योग के बल पर अपनी कुण्डलिनी मूलाधार से शक्ति को जाग्रति कर सम्पूर्ण विश्व में अपनी मौजूदगी को प्रमाणित किया।

अपने अन्त:चच्छु से वेद पुराण उपनिषद ब्राह्मण व्याकरण को देश दुनिया में अपने योग बल से प्रसारित किया।इस अवसर पर एेसे महापुरुष को प्रणाम करते है।