अमेठी।धान में कीट एवं रोग के लक्षण परिलक्षित होने पर किसान फसल में करें रसायनों का छिडकाव-जिला कृषि रक्षा अधिकारी

0 276

- Advertisement -

अमेठी।धान में कीट एवं रोग के लक्षण परिलक्षित होने पर किसान फसल में करें रसायनों का छिडकाव-जिला कृषि रक्षा अधिकारी

चंदन दुबे की रिपोर्ट

- Advertisement -

जिला कृषि रक्षा अधिकारी हरि कृष्ण मिश्रा ने बताया कि भारी बारिस के उपरान्त गिरते हुए तापमान के कारण धान की में कीट/रोग के प्रकोप की सम्भावना बढ गयी है। ऐसी स्थ्तिि में धान की फसल के कंडृवा रोग व गन्धीबग से किसानों की धान की फसल प्रभावित होने का खतरा बढ गया है।उन्होने बताया कि वर्तमान मौसम में खरीफ की प्रमुख फसल धान में कीट एवं रोग के लक्षण परिलक्षित होने पर किसान अपनी फसल को रसायनों का छिडकाव कर फसलों को होने वाली छति से बचा सकतें हैं।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी बताया कि धान में कंडुवा रोग जो अधिक वर्ष एवं नमी के उपरान्त कम तापक्र वाले क्षेत्रों में अधिक होता है जिसके उपचार हेतु धान के बीज शोधन व भूमि शोधन के उपरान्त ही धान के फसल की रोपाई करनी चाहिए। ब्लाईटोक्स (कापर आक्सीक्लोराइड) की 1.25 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर का छिडकाव 50 प्रतिशत बालियां आने पर 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे छिडकाव करें, प्रोपिकोनाजोल 25℅ ई्र.सी. 300 मिली0 प्रति एकड की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे छिडकाव करें।
उन्होंने बताया कि गन्धीबग रोग के उपचार हेतु फाॅलीडाल 10℅ धुल की प्रतिहेक्टेयर 10 से 15 किग्रा0 की दर से प्रातः 08ः00 बजे से पहले व सांय 05ः00 बजे के बाद भुरकाव बालियों पर करें।