रायबरेली/-और जब बच्चों ने खोल दी शिक्षकों की पोल…..

शायद इसी नाते सीडीओ के मन में शिक्षा की गुणवत्ता परखने का विचार आया। वहां घूम रहे तीन बच्चों को मंच पर बुलाया गया। सीडीओ ने पूछा किस क्लास में पढ़ते हो। बच्चों ने जवाब दिया..तीन में। तो वे बोले ..तीन का पहाड़ा सुना दो।

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…. और जब बच्चों ने खोल दी शिक्षकों की पोल

रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला

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लालगंज (रायबरेली) – सरकारी चौपाल के मंच पर अफसरान थे। फरियादियों व ग्रामीणों की भीड़ सामने। जो व्यथा-कथा सुनने और सुनाने आई थी। मगर, इस बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरा माहौल बदल दिया। चर्चाएं सिर्फ शिक्षा विभाग और नौनिहालों के भविष्य की छिड़ गईं।

जानकारी के अनुसार क्षेत्र के चचिहा गांव में प्रशासन की चौपाल की सीडीओ राकेश कुमार अध्यक्षता कर रहे थे। एसडीएम जीत लाल सैनी, बीडीओ नीरज श्रीवास्तव, बीईओ सुरेश कुमार समेत कई अधिकारी बैठे थे। चौपाल गांव के प्राथमिक स्कूल में थी। शायद इसी नाते सीडीओ के मन में शिक्षा की गुणवत्ता परखने का विचार आया। वहां घूम रहे तीन बच्चों को मंच पर बुलाया गया। सीडीओ ने पूछा किस क्लास में पढ़ते हो। बच्चों ने जवाब दिया..तीन में। तो वे बोले ..तीन का पहाड़ा सुना दो। छात्र आयुष ने तीन पचे 35 सुनाया। दूसरी छात्रा पायल ने तीन चौक 15 बताया। जिसके बाद शिक्षा विभाग की खूब किरकिरी हुई। मंचासीन विभागीय अधिकारी बगले झांकते नजर आए। इसके बाद तीसरी छात्रा सपना ने पूरा पहाड़ा सही-सही सुनाया। जिस पर आपूर्ति निरीक्षक हरेंद्र सिंह आगे बढ़े और उसे 100 रुपये प्रोत्साहन राशि दी। सीडीओ ने सराहा कहा यही सपना गांव का सपना पूरा करेगी।

इनसेट –

हेड मास्टर से लेकर शिक्षा मित्र तक का रोका वेतन

बताते हैं कि गलत पहाड़ा सुनाने वाली छात्रा प्राथमिक विद्यालय चचिहा की ही थी। जबकि छात्र किसी दूसरे निजी स्कूल में पढ़ता है। खंड शिक्षा अधिकारी लालगंज सुरेश कुमार ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता ठीक न होने पर स्कूल के प्रधानाध्यापक अमर बहादुर सिंह, सहायक अध्यापक बीनू सिंह, सरफराज अहमद और शिक्षामित्र मीरा सिंह का वेतन रोक दिया गया है।