रायबरेली-हड़ताल से रायबरेली में हाहाकार, वृद्ध की मौत
हड़ताल से रायबरेली में हाहाकार, वृद्ध की मौत
रिपोर्ट- हिमांशु शुक्ला
रायबरेली : रविवार रात 12 बजे एकाएक एंबुलेंस चालक व कर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी। शहर के जीआइसी ग्राउंड में गाड़ियों को खड़ी कर सेवा प्रदाता कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। सुबह जब इसकी भनक प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे को लगी तो अफरा-तफरी मच गई। काफी जद्दोजहद के बाद दोपहर लगभग तीन बजे उनकी हड़ताल स्थगित कराई जा सकी। इस दौरान समय से एंबुलेंस न मिलने के कारण एक वृद्ध की सांसें थम गईं, वहीं कई मरीजों की जान पर बन आई।वेतन बढ़ाने, बोनस, कार्यावधि समेत विभिन्न मांगों को लेकर सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके के कर्मचारी लामबंद हो गए। रात में ही रणनीति बनी और जीवनदायिनी स्वास्थ्य 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर हड़ताल शुरू कर दी गई। लगभग आधा सैकड़ा एंबुलेंस लाकर जीआइसी ग्राउंड में खड़ी कर दी गईं। यही नहीं, एक सैकड़ा से ज्यादा कर्मचारी भी इकट्ठा हो गए। पूरे जिले में एंबुलेंस सेवा ठप होने से अफसरों की नींद उड़ गई। देर रात से सोमवार शाम तक चिकित्सा व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट सकी। हालांकि दोपहर में ही एडीएम प्रशासन राम अभिलाष, एसीएमओ डॉ. एसके चक, जीवीके कंपनी के अधिकारियों ने विरोध कर रहे एंबुलेंस के पायलट, इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियनों से वार्ता की। उनकी मांगों पर पुनर्विचार करने और मानने के आश्वासन पर जिले में हड़ताल स्थगित कर दी गई, मगर देर शाम तक एंबुलेंस सड़कों पर नजर नहीं आईं।
इनसेट –
वृद्ध की थमीं सांसें
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में राही क्षेत्र के बंदरामऊ से राम प्यारे (62) को गंभीर हालत में लाया गया। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घरवालों ने बताया कि वृद्ध को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। सुबह से एंबुलेंस को कॉल की जा रही थी मगर, कोई नहीं आया। जिसके बाद निजी गाड़ी से इनको लाया गया। इलाज में देर होने के कारण ही उनकी मौत हो गई।
“एंबुलेंस कर्मियों और सेवा प्रदाता कंपनी के अधिकारियों के बीच वार्ता कराई गई। उन्होंने कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने या पुनर्विचार करने की बात कही है। इसी आश्वासन पर हड़ताल खत्म करा दी गई। जनता को किसी प्रकार की दिक्कत अब नहीं होगी।”
-राम अभिलाष, अपर जिलाधिकारी प्रशासन