Sultanpur-जनपद में 7 अगस्त तक मनाया जायेगा “विश्व स्तनपान सप्ताह”*
*जनपद में 7 अगस्त तक मनाया जायेगा “विश्व स्तनपान सप्ताह”*
*दूर करें स्तनपान की भ्रान्तियाँ – सीएमओ*
सुल्तानपुर 2 अगस्त/ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सी0बी0 एन0 त्रिपाठी ने बताया कि शिशुओं के सम्पूर्ण विकास के लिए दुनिया भर में 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह “बेहतर आज और कल के लिए माता पिता को जागरूक करें, स्तनपान को बढ़ावा दें” की थीम पर मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य शिशुओं के लिए सर्वोत्तम आहार “स्तनपान” को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि माँ का दूध शिशु के शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने मे मदद करता है।
उन्होने बताया कि जन्म दर के सापेक्ष बहुत कम शिशु ही मां के गाढ़ा पीला दूध का सेवन कर पाते हैं। मात्र 48 प्रतिशत बच्चे ही जन्म से 6 माह तक सिर्फ मां का दूध पीते हैं। साक्ष्यों की बात करें, तो जन्म के पहले घंटे में स्तनपान न करने वाले शिशुओं में 33 प्रतिशत मृत्यु की सम्भावना अधिक रहती हैं। सी० एम० ओ० ने जनपद की समस्त एएनएम एवं आशा बहुओं आदि को निर्देशित किया है कि अपने – अपने क्षेत्रों में विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत सभी माता पिता को मां के स्तनपान को बढ़ावा देने हेतु जागरूक करें।
वरिष्ठ परामर्शदाता बाल रोग विशेषज्ञ डॉ0 गोपाल प्रसाद का कहना है कि 6 माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराने पर दस्त व निमोनिया के खतरे में क्रमशः 11 व 15 फीसदी की कमी लायी जा सकती है। लैंसेट की रिपोर्ट 2016 के अनुसार अधिक समय तक स्तनपान करने वाले बच्चों की बुद्धि का विकास थोड़े समय तक स्तनपान करने वाले बच्चों की अपेक्षा अधिक होता है| उन्होने बताया कि स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है।
*आइए जानें स्तनपान से जुड़ी कुछ भ्रांतियों की सच्चाई ! क्या – क्या हैं भ्रांतियाँ*
*तीन दिन तक दूध नहीं-* यह भ्रांति होती है कि प्रसव के बाद तीन दिन तक निकलने वाला पीला गाढ़ा दूध शिशु को नहीं पिलाना चाहिए। सच यह है कि पीला गाढ़ा दूध कोलोस्ट्रम होता है जो शिशुओं मे रोगों से लड़ने की क्षमता को बढाता है।
*मिश्रित आहार -* एक भ्रांति यह भी है कि मिश्रित आहार शिशु के लिए फायदेमंद होता है जबकि माँ के दूध के साथ शिशु को बाहर का दूध भी दिया जाय तो इससे ओवर फीडिंग ( जरूरत से ज्यादा आहार ) हो सकती है।
*पाउडर बेहतर* – यह भ्रांति होती है कि माँ के दूध से बाजार मे मिलने वाला पाउडर का दूध बेहतर होता है जबकि माँ के दूध से बेहतर कुछ नहीं होता। माँ के दूध मे प्रचुर मात्रा मे एंटीबाडीज पायी जाती है, दूसरी तरफ बोतल से दूध पिलाने पर शिशु मे संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है।
*लेटकर स्तनपान -* महिलाओं के बीच स्तनपान से जुड़ी एक भ्रांति यह भी है कि बच्चे को लेटकर स्तनपान नहीं कराना चाहिए जबकि लेटकर बच्चे को स्तनपान कराना माँ और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित और आरामदायक माना जाता है।
*माँ बीमार है तो -* आम लोगों मे यह भ्रांति होती है कि अगर माँ बीमार है तो स्तनपान नहीं कराना चाहिए जबकि सच्चाई यह है कि अगर माँ को जुखाम या बुखार है तो भी वह अपने बच्चे को दूध पिला सकती है माँ का दूध बच्चे के लिए एंटीबाडीज होता है जो हर बीमारी से उसकी रक्षा करता है।
*बच्चे के लिए पर्याप्त दूध नहीं -* स्तनपान को लेकर यह भ्रांति है कि बच्चे को पर्याप्त दूध मिल रहा है या नहीं, यह जानना माँ के लिए नामुमकिन होता है, सच यह है कि अगर बच्चा जन्म के चौथे दिन से 5 – 6 बार पेशाब करता है, दूध पीने के बाद सो जाता है और उसका वजन भी बढ़ रहा है तो इसका मतलब है कि उसे पर्याप्त मात्रा मे दूध मिल रहा है।
*अतरिक्त पानी -* यह भ्रांति होती है कि गर्मी के दिनों मे स्तनपान के साथ ही शिशु को अतिरिक्त पानी की भी आवश्यकता होती है जबकि अगर शिशु माँ का दूध पी रहा है तो उसे 6 माह तक पानी देने की कोई जरूरत नहीं है।